ओनिका सेतिया 'अनु ' 2004 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ओनिका सेतिया 'अनु ' 10 Nov 2024 · 1 min read यूं तो रिश्तों का अंबार लगा हुआ है , यूं तो रिश्तों का अंबार लगा हुआ है , जिंदगी में हमारे चारों ओर। मगर सच्चे प्यार की गर्माहट किसी में नहीं। दिल के तार झनझनाते होंगे किसी की अदा... Quote Writer 1 36 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 6 Nov 2024 · 1 min read जाने जिंदगी में ऐसा क्यों होता है , जाने जिंदगी में ऐसा क्यों होता है , जो है हमें नागवार वो होता है करीब , और जिसके लिए दिल हमारा आशना , वो क्यों हमसे दूर ,बहुत दूर... Quote Writer 46 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 2 Nov 2024 · 1 min read दिवाली है दीपों का पर्व , दिवाली है दीपों का पर्व , दीपों से घर बाहर जगमगाए। रोशनी कर चहुं ओर, अंधेरा जीवन से दूर भगाए । Quote Writer 42 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 2 Nov 2024 · 1 min read एक तरफ धन की बर्बादी , एक तरफ धन की बर्बादी , दूजे पर्यावरण का नुकसान । पेड़ पौधे ,पशु पक्षी के संग , पृथ्वी भी हो रही हल्कान। मगर फिर भी बम पटाखे फोड़कर ,... Quote Writer 54 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 1 Nov 2024 · 1 min read दिवाली का अभिप्राय है परस्पर मिलना, जुलना और मिष्ठान खाना ,प दिवाली का अभिप्राय है परस्पर मिलना, जुलना और मिष्ठान खाना ,प्यार बांटना। मगर कुछ मूर्ख लोग का काम है फिजूल खर्ची पटाखों पर करना , और वातावरण को दमघोटू बनाना। Quote Writer 1 56 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 9 Oct 2024 · 1 min read कोई मिठाई तुम्हारे लिए नहीं बनी ..( हास्य व्यंग कविता ) गुलाब जामुन बेशक काला होता है , मगर भीतर से तो मीठा होता है । इसीलिए गुलाब जामुन से तुम्हारा चरित्र मेल नहीं खाता । काजू कतली ,बर्फी ,रसगुल्ला ,... Hindi · कविता · व्यंग्य कविता 2 79 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 22 Sep 2024 · 1 min read पैसा ,शिक्षा और नौकरी जो देना है दो , पैसा ,शिक्षा और नौकरी जो देना है दो , मगर लड़कियों को हथियार जरूर दो । सुनो सियासतदारों ! रक्षा तुम ना करो इनकी , मगर अपनी रक्षा आप करना... Quote Writer 1 101 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 22 Sep 2024 · 1 min read बेटी दिवस मनाने का लाभ तभी है , बेटी दिवस मनाने का लाभ तभी है , जब बेटी समाज में पूर्णतः सुरक्षित हो । बेटी वो केवल अपने माता पिता की ही नहीं, अपितु सारे समाज की रक्षित... Quote Writer 1 111 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 21 Sep 2024 · 2 min read यह कैसी आस्था ,यह कैसी भक्ति ? यह कैसी आस्था ,यह कैसी भक्ति ?, नहीं दिखती थोड़ी सी भी आसक्ति । आडंबर है मात्र ,ना कहो इसे प्यार , क्या इसी के लिए करते वर्ष भर इंतजार।... Hindi · कविता · मानवता का पतन 1 104 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 21 Sep 2024 · 1 min read जितनी लंबी जबान है नेताओं की , जितनी लंबी जबान है नेताओं की , उतने तो उनके सुधारवादी कार्य नहीं । बखान करते फिरते गली गली में अपना , अपना बखान करने की आदत कभी जायेगी नहीं... Quote Writer 89 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 19 Sep 2024 · 1 min read कर तो रहे हैं वो ,और दे रहे हैं , कर तो रहे हैं वो ,और दे रहे हैं , सबका साथ ,सबका विकास । बिना किसी जाति धर्म भेद भाव के , लगाकर भारतीय एकता की आस । उस... Quote Writer 85 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 19 Sep 2024 · 1 min read कभी अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर , कभी अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर , देश हित में कुछ सोच विचार कीजिए। जो नेता है ईमानदार ,कर्मठ और देशप्रेमी उसे ही सत्ता में बने रहने दीजिए । आज... Quote Writer 69 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 14 Sep 2024 · 1 min read देश की संस्कृति और सभ्यता की , देश की संस्कृति और सभ्यता की , बुनियाद होती है उसकी अपनी भाषा । धारण करें उसे अपने जीवन में , और मजबूती दें यही है हर भारत वासी से... Quote Writer 68 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 14 Sep 2024 · 1 min read हिंदी है भारत देश की जुबान । हिंदी है भारत देश की जुबान । हिंदी है हमारी संस्कृति की पहचान । विदेशी भाषा तो है हवा का झोंका, हिंदी है हमारी आन बान शान । Quote Writer 55 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 14 Sep 2024 · 1 min read शिकस्त मिली ओलंपिक में उसका कोई गम नहीं , शिकस्त मिली ओलंपिक में उसका कोई गम नहीं , मगर अब सियासत पर हाथ आजमाने आए हैं । कैसे हैं यह कच्चे खिलाड़ी ,खुदाया ! एक नई राह पर किस्मत... Quote Writer 73 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 9 Sep 2024 · 1 min read कौन है सच्चा और कौन है झूठा, कौन है सच्चा और कौन है झूठा, सभी एक ही थैली के चट्टे बट्टे हैं । इल्जाम लगाए एक दूजे पर यूं, जैसे खुद यह बड़े दूध के धुले हैं।... Quote Writer 31 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 9 Sep 2024 · 1 min read यूज़ एंड थ्रो कंटेनर्स अपने स्वार्थ हेतु व्यक्तियों को , अपने राजनीतिक प्रचार से जोड़ लेना । और स्वार्थ पूर्ण होते ही , दूध में से मक्खी की तरह निकाल फेंकना । जैसे व्यक्ति... Hindi · कविता · मोहरा 56 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 24 Aug 2024 · 1 min read हमने तुम्हें क्या समझा था, हमने तुम्हें क्या समझा था, और तुम क्या निकले । बड़ी धूम से हमारे अरमानों , हमारे ख्वाबों के जनाजे निकले । Quote Writer 1 73 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 24 Aug 2024 · 1 min read नाहक ही ख्वाब में जी कर क्या करेंगे , नाहक ही ख्वाब में जी कर क्या करेंगे , यूं ही मसर्रत ए जाम भी तो नहीं पिया जाता । जब बुझ गए अरमान और टूट गया शीशा ए दिल... Quote Writer 57 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 21 Aug 2024 · 1 min read कहीं बरसे मूसलाधार , कहीं बरसे मूसलाधार , तो कहीं सुखा कर दे । आखिर यह पक्षपात क्यों , अरे बरखा ! कुछ तो समझा दे । Quote Writer 39 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 21 Aug 2024 · 1 min read इस बरखा रानी के मिजाज के क्या कहने , इस बरखा रानी के मिजाज के क्या कहने , मन न हुआ तो गर्मी में मार दिया, और मन किया तो लगी खूब बरसने आखिर इसे इतराना किसने सीखा दिया... Quote Writer 63 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 19 Aug 2024 · 1 min read बहशीपन की हद पार कर गया आदमी , बहशीपन की हद पार कर गया आदमी , उसे औरत अब इंसान नहीं दिखती । उस पर विडंबना यह की ऐसे दरिंदे के लिए, सरकार पास कोई भयंकर सजा नहीं... Quote Writer 1 61 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 19 Aug 2024 · 1 min read हवस अपनी इंतहा पार कर गई , हवस अपनी इंतहा पार कर गई , मगर हुकूमरान अभी तक बेहोश हैं। चीख पुकार सुनाई नहीं देती बेबसों की , अपने ही मुल्क में हम महफूज़ नहीं हैं । Quote Writer 1 49 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 13 Aug 2024 · 1 min read बेबसी जब थक जाती है , बेबसी जब थक जाती है , तो आहें अपना असर दिखाती है । खामोशी की ज़ुबा सुनकर, खुदा की खुदाई अपना रंग दिखाती है । Quote Writer 92 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 13 Aug 2024 · 1 min read जितने लगाए तुमने हम पर इल्जामात , जितने लगाए तुमने हम पर इल्जामात , उतने ही हम खुदा के करीब हो गए। तुम तो रह गए काफिर के काफिर , और हम उसके हबीब हो गए । Quote Writer 77 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 5 Aug 2024 · 1 min read जो दिख रहा है सामने , जो दिख रहा है सामने , जरूरी तो नहीं वो सच हो । एक धोखे के सिवा कुछ नहीं, अब तुम चाहे जितनी दलीलें दो । Quote Writer 83 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 5 Aug 2024 · 1 min read अपना साया ही गर दुश्मन बना जब यहां, अपना साया ही गर दुश्मन बना जब यहां, गैरों से हम शिकवा भला क्या करें ! चाक दामन सियें कभी तो कभी आहें भरें, रोएं न अपनी किस्मत पर तो... Quote Writer 88 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 5 Aug 2024 · 1 min read प्रतियोगिता के जमाने में , प्रतियोगिता के जमाने में , बड़ा मुश्किल है आगे बढ़ना. फन के साथ ऊंची पहुंच हो जिसकी , उसी की गलती है दाल यहां । Quote Writer 64 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 5 Aug 2024 · 1 min read पाक दामन कौन है यहां ? पाक दामन कौन है यहां ? सभी के ईमान में है खराबियां। फिर भी उंगली उठाते है एक दूसरे पर , पाल रखी है जहन में बदगुमानियां। Quote Writer 63 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 5 Aug 2024 · 1 min read काश! हमारा भी कोई अदद मीत होता । काश! हमारा भी कोई अदद मीत होता । जीवन एक सुरमई,सुंदरतम संगीत होता। होता सदा उसका हाथ हमारे हाथों में , तो हमारे हर कदम का मुकाम जीत होता। Quote Writer 70 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 4 Aug 2024 · 1 min read जी तो हमारा भी चाहता है , जी तो हमारा भी चाहता है , की हम भी दिल खोल कर हंसे , मुकुराएं और खिलखिलाएं। मगर ज़ालिम तकदीर के जानिब यह नामुमकिन है । Quote Writer 1 93 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 24 Jul 2024 · 1 min read आप खुद को हमारा अपना कहते हैं, आप खुद को हमारा अपना कहते हैं, मगर अपनेपन का कोई सबूत दिया नहीं। कई दफा गुजरे हम जज्बातों के तूफानों से, मगर कभी तो आपने हमारा हाथ थामा नहीं। Quote Writer 1 79 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 24 Jul 2024 · 1 min read जो तुम्हारी खामोशी को नहीं समझ सकता, जो तुम्हारी खामोशी को नहीं समझ सकता, वो क्या खाक तुम्हारे लफ्जों को समझेगा! यह ज़माना तो है बड़ा संगदिल ए अनु , यह तुम्हारी बातों के कुछ ओर ही... Quote Writer 2 97 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 23 Jul 2024 · 1 min read अंग्रेज तो चले गए , अंग्रेज तो चले गए , मगर मन से तो गई न गुलामी । अंग्रेजी भाषा ,सभ्यता और संस्कृति को , अब भी देते है कुछ लोग सलामी । Quote Writer 89 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 23 Jul 2024 · 1 min read एक कलाकार/ साहित्यकार को , एक कलाकार/ साहित्यकार को , उसके अपने ही प्रोत्साहन नहीं देते । गैरों से फिर वो क्या उम्मीद करे , जब उसके अपने ही उसका साथ नहीं देते। Quote Writer 66 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 7 Jul 2024 · 1 min read देखो ! यह बेशुमार कामयाबी पाकर, देखो ! यह बेशुमार कामयाबी पाकर, कहीं तुम बहक मत जाना, मिलेगा अवाम का प्यार भी बेइंतहा, मगर तुम फिर भी मत इतराना , जीत और हार को खुदा की... Quote Writer 88 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 3 Jul 2024 · 1 min read या खुदाया !! क्या मेरी आर्ज़ुएं , या खुदाया !! क्या मेरी आर्ज़ुएं , और क्या ही मेरे दम तोड़ते अरमान । और मेरी ख्वाहिशें भी क्या ? सब के सब हो गए हैं , मेरी कमनसीबी... Quote Writer 1 71 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 29 Jun 2024 · 1 min read भटकती रही संतान सामाजिक मूल्यों से, भटकती रही संतान सामाजिक मूल्यों से, तब तो अंजान रहे,नहीं दिखाया कोई रोष। अब है नजरें लज्जा से झुकी हुई आपकी , समाज तो आप पर ही मढेगा ना दोष... Quote Writer 77 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 29 Jun 2024 · 1 min read बड़े बुजुर्गों ,माता पिता का सम्मान , बड़े बुजुर्गों ,माता पिता का सम्मान , और नारी सुलभ लाज शर्म ,संस्कार, सबकुछ भुला बैठा यह निकृष्ट फिल्मी संसार। भारत के ही हैं यह,या किसी दूसरी दुनिया से, जो... Quote Writer 92 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 21 Jun 2024 · 1 min read चौमासे में मरें या वर्षा का इंतजार करें , चौमासे में मरें या वर्षा का इंतजार करें , मरा हमसे और जाता नहीं, और वर्षा का इंतजार भी होता नहीं । सह सकें जुल्म कुदरत का , और अब... Quote Writer 91 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 21 Jun 2024 · 1 min read ज्यों स्वाति बूंद को तरसता है प्यासा पपिहा , ज्यों स्वाति बूंद को तरसता है प्यासा पपिहा , यूं ही वर्षा की एक बूंद को मेरा मन तरस रहा । पपीहे की प्यास और मेरे मन की आस ,... Quote Writer 91 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 5 Jun 2024 · 1 min read कृतघ्न अयोध्यावासी ! लानत है तुम्हें मूर्ख और कृतघ्न अयोध्यावासियो ! कई युगों से जुल्म सहे, न अपना धर्म बचा पाए । डर और लालच से वशीभूत होकर पहले मुगलों , फिर दुष्ट... Hindi · कविता 2 99 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 5 Jun 2024 · 1 min read खिला तो है कमल , खिला तो है कमल , मगर पूरी तरह से नहीं खिला। इसीलिए शायद खुशी के साथ , निराशा का रंग है मिला ।😓 Quote Writer 1 85 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 5 Jun 2024 · 1 min read कमल खिल चुका है , कमल खिल चुका है , देखो! कितनी शान से मुस्का रहा है । कीचड़ में भी खिले रहने की , अदा सारी दुनिया को सीखा रहा है । Hindi · Quote Writer 2 89 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 1 Jun 2024 · 1 min read कुछ बच्चों के परीक्षा परिणाम आने वाले है कुछ बच्चों के परीक्षा परिणाम आने वाले है ज़ाहिर है वो दिल ही दिल में घबराए हुए है, कहीं फेल न हो जाए ,कहीं सत्ता छीन जाने का भय है... Quote Writer 1 80 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 30 May 2024 · 1 min read सूरज चाचा ! क्यों हो रहे हो इतना गर्म । सूरज चाचा ! क्यों हो रहे हो इतना गर्म । कुछ तो अपना व्यवहार रख लो नर्म । हम धरतीवासी! हैं तो आखिर तुम्हारी संतान , क्यों हमारी आहें छू... Quote Writer 5 164 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 26 May 2024 · 1 min read छोटे दिल वाली दुनिया दुनिया है बहुत बड़ी , मगर सबके दिल है छोटे । बाहर से दिखते तो है भलेमानस , मगर भीतर से दिल के खोटे। दिखावा तो करते अपने पन का... Hindi · कविता 2 110 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 9 May 2024 · 1 min read आजकल लोग बहुत निष्ठुर हो गए हैं, आजकल लोग बहुत निष्ठुर हो गए हैं, किसी की भावनाओं से कोई सरोकार नहीं। नहीं गर तो कोई बात नहीं , हम भी समझते इनको इंसान नहीं । क्योंकि इंसान... Quote Writer 1 195 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 9 May 2024 · 1 min read गैरों से जायदा इंसान , गैरों से जायदा इंसान , अपनो से आहत होता है । क्योंकि इन "अपनों" को ही , हमारी कमजोरियों का पता होता है । Quote Writer 114 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 7 May 2024 · 1 min read आह और वाह आह और वाह क्या है , बस तकदीर का तमाशा है । किसी के दामन में सौगात , तो किसी के अश्क बेतहाशा है । हीरा हैं या पत्थर ,मालूम... Hindi · कविता 1 99 Share Page 1 Next