डॉ०प्रदीप कुमार दीप Tag: कविता 78 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ०प्रदीप कुमार दीप 10 Jun 2023 · 1 min read अनुभव अनुभव की क्या बात करें ? अनुभव तो अनुभव होता है । कभी-कभी तो थोड़ा सा.... तो कभी गहनतम होता है ।। कभी होता है गलती से कभी संघर्षों से... Poetry Writing Challenge · कविता 210 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 14 Apr 2020 · 1 min read मैं भारत का संविधान हूं । मैं भारत का संविधान हूं । ___________________ गणतंत्र का सजग प्रहरी... मैं भारत का संविधान हूं । समानता का पाठ पढ़ाता , मैं विस्तृत हिन्द-वितान हूं ।। हम भारत के... Hindi · कविता 3 2 625 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 14 Apr 2020 · 1 min read अन्नपूर्णा अन्नपूर्णा ------------------ हाँ मैं कृषका हूँ ! सदियों से ही.... और सदियों तक भी ! अपनाया है मैंने ! कृषि और पशुपालन को ताकि कर्मण्यवादी बनकर सतत् कर्म करूँ !!... Hindi · कविता 2 2 577 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 11 Jan 2019 · 1 min read न तन तेरा न मन मेरा न तन तेरा न मन मेरा _________________ न तन तेरा ,न तन मेरा , न मन तेरा,न मन मेरा । न दिल तेरा ,न दिल मेरा , फिर होता क्यों... Hindi · कविता 2 539 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 1 Nov 2018 · 1 min read मां माँ ______ सबसे प्यारा और अनोखा ! रिश्ता अपनी "माँ" का है | तीनों लोक समा जाएेंगें..... ऐसा आँचल " माँ " का है || जननी बनकर जन्मा है और... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 12 34 1k Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 17 Oct 2018 · 1 min read मेरे देश का क्या होगा ? आदमी का आदमी से ब्याह होगा औरत का औरत से निकाह होगा बहुत चिंता में रहता हूं आजकल मैं न जाने; मेरे देश का क्या होगा!!! चढ़ती हैं बेटियां घोड़ी... Hindi · कविता 1 1 505 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 17 Jul 2018 · 1 min read इंसाफ कौन करेगा ? इंसाफ कौन करेगा ? _________________ गिरे हुए इंसानों का एहसास कौन करेगा ? गली-गली-चौराहों पर दृष्टिपात कौन करेगा ? नरभक्षी कुछ नरों पर आघात कौन करेगा ? भारत की हर... Hindi · कविता 2 2 454 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 21 Mar 2018 · 1 min read कभी सोचा है ? कभी सोचा है ? ---------------------- कभी सोचा है ? मानव की परिधि क्या है ? कहाँ तक है ? कितनी है ? किस रूप में है ? हाँ ! सोचना... Hindi · कविता 1 447 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 4 Feb 2018 · 1 min read नारी हूँ मैं नारी हूँ मैं ! ------------- नारी हूँ मैं ! कोई पत्थर नहीं ! मुझमें भी हैं...... एहसास निर्मलता और मानवता | सदियों से ही कहते आए हैं मैं अबला हूँ... Hindi · कविता 1 391 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 23 Jan 2018 · 1 min read माँ ! कब आएगी ? माँ ! कब आएगी ? ----------------------- पतंग !!!! नाम सुनते ही..... उमंग और तरंग ! दोनों ही हिलौरे लेती हैं !! उत्सुकता चरम पर ! कौतुहल सातवें आसमान पर !!... Hindi · कविता 1 305 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 18 Dec 2017 · 1 min read क्या वजह लिखूँ ? क्या वजह लिखूँ ? ----------------------------- क्या वजह लिखूँ तेरे इश्क की ? कोई वजह नहीं ,बेवजह हुआ ! ना कोई प्रतिस्पर्धा थी.......... बस प्रेम में मैं तो अजय हुअा ||... Hindi · कविता 428 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 11 Dec 2017 · 1 min read जीवन का आधार जीवन का आधार ------------------------------- जीवन का आधार प्रेम है , दिया गया आभार प्रेम है ! लैला की चलती हुई सांसें, मजनूं का एतबार प्रेम है | सीरी की आँखों... Hindi · कविता 707 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 21 Nov 2017 · 1 min read सृजना की महत्ता सृजना की महत्ता ---------------------------------- क्यों हुआ है खून का पानी ? करते रहते सब मनमानी.... जोशीले शब्दों के संग में क्यों रक्त अब बहता नहीं ?? लुट जाती नारी की... Hindi · कविता 609 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 11 Nov 2017 · 2 min read पवित्र साध्य-प्रेम " पवित्र साध्य- प्रेम " ---------------------------- रहिमन धागा प्रेम का ,मत तोड़ो चटकाय | टूटे से फिर ना जुड़े ,जुड़े गाँठ परि जाय || --------------------------------------------------- उक्त दोहे के माध्यम से... Hindi · कविता 739 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 23 Aug 2017 · 1 min read सहेज लेता हूँ ! सहेज लेता हूँ ! ---------- सहेज लेता हूँ ! इन वृक्षों को !! अपने लिए... अपनों के लिए ! जग के लिए... सब के लिए ! क्यों कि ? मैं... Hindi · कविता 317 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 18 Aug 2017 · 1 min read मैं भारत माता हूँ "मैं भारत माता हूँ !" ------------- पहचाना मुझे ? नहीं ना !! पहचानोगे भी कैसे ? तिरंगा तो नहीं है हाथ में... शेर पर भी सवार नहीं हूँ ! मुकुट... Hindi · कविता 731 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 1 Aug 2017 · 1 min read तुम कौन हो ? तुम कौन हो ? ----------------- कभी सोचा है ? कि तुम कौन हो ? क्या हो ? क्यों हो ? नहीं ना........... हाँ ! सोचोगी भी क्यों ? हम जो... Hindi · कविता 1 475 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 22 Jun 2017 · 1 min read हासिल क्या ? हासिल क्या ? ---------------- मेरे त्याग और बलिदान से हासिल क्या ? हुआ मुझको !! कभी मिली दुत्कार मुझे ! तो कभी मिला कुआँ मुझको !! मैं छली गई !... Hindi · कविता 636 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 12 Jun 2017 · 1 min read अजन्मी की व्यथा अजन्मी की व्यथा ----------------------- माँ !! सुना है ! डॉक्टर भगवान है ! जिन्दगी बचाकर जिन्दगी देता है | हाँ !! सही भी है ! तभी तो........ मौत के मुँह... Hindi · कविता 409 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 17 May 2017 · 1 min read मतलब " मतलब " --------------- मतलब...... केवल स्वार्थ नहीं ! लेकिन यह........ कोई परार्थ नहीं | बहुत से मायने हैं इस मतलब के ! जैसे कि -- अर्थ तात्पर्य समझ स्वार्थ... Hindi · कविता 1 691 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 16 May 2017 · 2 min read माँ नियति है " माँ नियति है " ------------------- माँ गीता... माँ कुरान है ! माँ आन-बान और शान है | माँ ममता है माँ त्याग है ! माँ बच्चों का भाग है... Hindi · कविता 693 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 2 May 2017 · 1 min read आतंकी " आतंकी " --------------- अमानुष वो बने हुए हैं..... रक्त-पिपासु आतंकी | ढ़ाल बनाकर मजहब को उसको कर देते कलंकी || फेंक के चोला मानवता का तांडव करते हैं दानव... Hindi · कविता 347 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 26 Apr 2017 · 1 min read पुरूष हूँ ! पुरूष हूँ ! --------------- पुरूष हूँ ! कोई पत्थर तो नहीं ! मुझमें भी है ... एहसास ! निर्मलता ! और मानवता | सदियों से ही कहते आए हैं कि... Hindi · कविता 903 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 14 Apr 2017 · 1 min read सरिता " सरिता " ------------- हाँ ! मैं ही तो हूँ ! सतत् तरंगित और नि: शब्द-सी प्रवाहित सरिता | शीतल जल-सा....... 'स्नेह' प्रवाहित होता है निर्मल अनुभूति के साथ मेरे... Hindi · कविता 369 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 12 Apr 2017 · 3 min read पुस्तक समीक्षा " पुस्तक समीक्षा " ----------------------------- पुस्तक : बचपन पुकारे ! बालक मन के भोले गीत लेखिका : विमला महरिया "मौज " अध्यापिका ,राजकीय सावित्री बालिका उ०मा०वि० ,लक्ष्मणगढ़... Hindi · कविता 742 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 11 Apr 2017 · 1 min read हुनर " हुनर " ---------- मुझ में भी था हुनर ! टीलों पहाड़ों और वृक्षों पर चढ़ने का | बहते झरने बहती नदियों और बहती हवा की मंदित-मंदित ध्वनि का एहसास... Hindi · कविता 550 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 11 Apr 2017 · 1 min read हुनर " हुनर " ---------- मुझ में भी था हुनर ! टीलों पहाड़ों और वृक्षों पर चढ़ने का | बहते झरने बहती नदियों और बहती हवा की मंदित-मंदित ध्वनि का एहसास... Hindi · कविता 334 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 10 Apr 2017 · 1 min read लोकतंत्र " लोकतंत्र " -------------- लोगों का लोगों के लिए लोगों के द्वारा | यही तो है....... लोकतंत्र || वैसे तो वैदिक युग में ही पनप चुके थे बीज लोकतंत्र के... Hindi · कविता 487 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 8 Apr 2017 · 1 min read बेटी " बेटी " --------------- हरी घास पर क्षण भर बैठी ! ये भारत की शान | मन में एक उमंग है होठों पर मुस्कान || यही आन है .... यही... Hindi · कविता 649 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 7 Apr 2017 · 1 min read शोभा की अभिव्यक्ति "शोभा की अभिव्यक्ति" ---------------------------- क्या शोभा ? अभिव्यक्त हो सकती है ! हाँ ....................... शोभा कि अभिव्यक्ति हो सकती है | पर ! यह मुश्किल तो है लेकिन नामुमकिन नहीं... Hindi · कविता 270 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 7 Apr 2017 · 1 min read एटम बम जीवन के रंगमंच पर अभिनय से पूर्व...... आओ सँवार दूँ प्रिय ! साकर करके निज भावों को अपने हाथों से || पहना दूँ ......... गजरा तेरे बालों में ! झुमके... Hindi · कविता 430 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 2 Apr 2017 · 2 min read मैं जाग चुकी हूँ " मैं जाग चुकी हूँ " ------------------------- हाँ मैं नारी हूँ ! सदियों से ही.... और सदियों तक भी ! अपनाया है मैंने ! सृजनशीलता को ताकि सृजना बनकर सतत्... Hindi · कविता 396 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 2 Apr 2017 · 1 min read आधार "आधार " ----------------- झीने पट में झिलमिल करती ! एक अलबेली नार | बैठ तरंगिनी के तट पर ! करती स्वेच्छाचार | निरख रही है , नदी के जल को... Hindi · कविता 339 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 29 Mar 2017 · 1 min read नादानी " नादानी " --------------- याद है मुझे ! वो नादान........ नटखट बचपन | कितना आजाद था ? कितना मगरूर था ? ना कोई कर्तव्य ! ना कोई जिम्मेदारी ! वो... Hindi · कविता 681 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 28 Mar 2017 · 1 min read तट की व्याकुलता तट की व्याकुलता -------------- कभी व्यथित देखा है ? नदी के तट को ! हाँ !!! मैंने देखा है ! एक बार नहीं कई बार !! जब बाँधता है सीमाओं... Hindi · कविता 445 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 27 Mar 2017 · 1 min read भोला बचपन " भोला बचपन " --------------------- खेल रहा है..... भोला बचपन ! सागर के एहसासों से | निर्मित करते एक घरौंदा ! अपने कोमल हाथों से | उम्र है छोटी सोच... Hindi · कविता 598 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 25 Mar 2017 · 1 min read लगन ये कैसी ? " लगन ये कैसी"? --------------------- लगा के मेंहदी डाल के घूँघट ! नाची आज मयूर के जैसी !! लाज-शर्म चिलमन में छुपाई , धुन अलबेली ! बनी ये कैसी ??... Hindi · कविता 536 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 23 Mar 2017 · 1 min read सवा-सेर " सवा-सेर " --------------- सुखदेव भगतसिंह राजगुरू...... हिन्दुस्तान के शेर थे | कभी झुके ना ! कभी रूके ना ! वो गौरों पर ...... सवा-सेर थे || पहन बंसती चोले... Hindi · कविता 706 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 23 Mar 2017 · 1 min read जल दिवस " जल दिवस " ------------------ बादलों के पीछे से ! बिखेरने आया हूँ ! मैं भास्कर....... अपनी रश्मि ! निथरे हुए जल पर !! क्यों कि आज "जल दिवस" है... Hindi · कविता 388 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 22 Mar 2017 · 1 min read सत्य " सत्य " ----------- माना कि..... निराकार है ! अनिर्वचनीय है ! अदृश्य है "सत्य" | लेकिन सत्य ही सच है........... क्यों कि ? सत्य यम है ! सत्य ही... Hindi · कविता 391 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 20 Mar 2017 · 1 min read चिराग-ए-दीप " चिराग-ए-दीप" -------------------- मैं तुझे ! तकलीफ नहीं देता !! मगर ! तकलीफ मुझे भी है | दिल से चाहता हूँ तू खुश रहे सदा | मगर ! मैंने कभी....... Hindi · कविता 382 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 17 Mar 2017 · 1 min read पानी में अक्स "पानी में अक्स" ------------------ पानी में अक्स ये किसका हैे ? मंथन करता 'बाज' है || पंख तो इसके मेरे जैसे ! पर ! भरता क्यों ना ? परवाज है... Hindi · कविता 275 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 10 Mar 2017 · 1 min read रोशनी की जड़े " रोशनी की जड़ें " --------------------- जब तक सारे संसार में , अंधकार छाया होगा | हर मानव का आसरा , "दीप" का साया होगा || एक अकेला सूरज अपना... Hindi · कविता 536 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 9 Mar 2017 · 1 min read किसके भरोसे ? "किसके भरोसे" ------------------ छोड़ गई हो ! किसके भरोसे ? हे ! दीपशिखा तू ! मीत को | तेरा जाना ! रास ना आया ! मेरे हृदय की प्रीत को... Hindi · कविता 243 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 8 Mar 2017 · 1 min read नारी गरिमा "नारी-गरिमा" ---------------- सोचती हूँ ! जब भी मैं ! एकांत में....... निर्निमेष होकर कि आखिर कौन हूँ मैं ? जो सहती रहती हूँ ! अपने ही तन-मन पर ! कभी... Hindi · कविता 837 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 8 Mar 2017 · 1 min read मैं शक्ति हूँ " मैं शक्ति हूँ " """""""""""" मैं दुर्गा हूँ , मैं काली हूँ ! मैं ममता की रखवाली हूँ !! मैं पन्ना हूँ ! मैं हाड़ी हूँ ! मैं फूलों... Hindi · कविता 835 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 7 Mar 2017 · 1 min read संवेदना "संवेदना" -------------- हे ! दीपशिखा क्या बतलाऊँ ? मेरे दिल के दर्द को ! छोड़ गया वो मुझको तन्हा ! कैसे समझाऊँ मर्द को || आँखें नम हैं ! कपोल... Hindi · कविता 460 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 6 Mar 2017 · 1 min read वाट्सएप पर तलाक "वाट्सएप पर तलाक" -------------------------- तीन तलाक !!! वाट्सएप पर !!!! गजब हुआ ! हिना के शौहर ने ये क्या किया ? बस तीन बार बोला ! तलाक..तलाक..तलाक ! और हो... Hindi · कविता 502 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 5 Mar 2017 · 1 min read खुली आँखों के सपने "खुली आँखों के सपने" ---------------------------- सत्य है ! कि देखता हूँ मैं भी खुली आँखों से सपने | वो सपने ! जो हैं अपने ! भोर में ! दोपहर में... Hindi · कविता 582 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 4 Mar 2017 · 1 min read नीड़ का आधार "नीड़ का आधार" ! ----------------------- जंग लगी हुई वो लोहे की लालटेन ! जो कभी रोशन करती थी *"दीप"*की तरह...... चिराग बनकर घर को !! पड़ी थी किसी कोने में... Hindi · कविता 400 Share Page 1 Next