NAVEEN SHROTRIYA UTKARSH Tag: कविता 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid NAVEEN SHROTRIYA UTKARSH 1 Mar 2017 · 1 min read आल्हा/ वीर सुमिरू तुमको हंसवाहिनी,मनमोहन,गुरुवर, गिरिराज । पंचदेव, गृहदेव, इष्ट जी,मंगल करना सारे काज ।। बाल नवीन करे विनती यह,रखना देवो मेरी लाज । उर भीतर के भाव लिखूँ मैं,आल्हा छंद संग... Hindi · कविता 1 633 Share NAVEEN SHROTRIYA UTKARSH 25 Feb 2017 · 1 min read चंद्रमुखी : मत्तग्यन्द सवैया जोगिन एक मिली जिसने चित, चैन चुराय लिया चुप मेरा । नैन बसी वह नित्य सतावत, सोवत जागत डारिहु घेरा । धाम कहाँ उसका नहिं जानत, ग्राम, पुरा, बृज माहिंउ... Hindi · कविता 1 377 Share NAVEEN SHROTRIYA UTKARSH 22 Jan 2017 · 2 min read मत्तग्यन्द सवैया देख गरीब मजाक करो नहि,हाल बनो किस कारण जानो । मानुष दौलत पास कितेकहु,दौलत देख नही इतरानो । ये तन मानुष को मिलयो,बस एक यही अब धर्म निभानो । नेह सुधा... Hindi · कविता 1 564 Share