Dr. Mudassir Bhat 6 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr. Mudassir Bhat 4 Dec 2022 · 1 min read ख़बरें हाँ खबरें पहले ख़बरें हुआ करती थीं ख़बरें ... अब पकाई जाती है और परोसी जाती है फिर दिखाई जाती है ख़बरें... ठीक वैसे ही जैसे पानी में मिलाई जाती... Hindi 3 2 223 Share Dr. Mudassir Bhat 6 Oct 2020 · 2 min read क्या तुम नहीं जानते क्या तुम नहीं जानते क्या तुम नहीं जानते मछलियों से छीना गया है जल जला दी गई है पूरी वितस्ता तट पर हो रहा है तांडव नृत्य मसले जाते है... Hindi · कविता 4 6 608 Share Dr. Mudassir Bhat 30 Dec 2016 · 1 min read बीत गया है पूरा साल कब तक करे अब हम मलाल बीत गया है पूरा साल, फिर शहर में न हो बवाल बीत गया है पूरा साल. क्यों किये थे वादे हमसे जो पूरा न... Hindi · गीत 1 380 Share Dr. Mudassir Bhat 25 Dec 2016 · 1 min read यही स्वर्ग है ढक रही हैं चोटियाँ... बर्फ़ से, चारों ओर दिख रहा हैं एक मासूम मंज़र हर पाखंड और फरेब से परे ढक रहा है बिखरा खून भी ढक रहा है हर... Hindi · कविता 1 576 Share Dr. Mudassir Bhat 25 Dec 2016 · 1 min read फूलों में बारूद तुम्हे शोभा नहीं देता कि तुम आंसों बहाओ आँखें फोड़कर तुमने बेच दी नदी चील को और मगरमच्छ को चिनार तीक्ष्ण चोंच और पैनी नज़र में मछलियों ने सीख लिया... Hindi · कविता 2 596 Share Dr. Mudassir Bhat 24 Dec 2016 · 1 min read मुझे खेद है मुझे खेद है उनके प्रति जिनको कुत्तों से दोस्ती है चील कौओं के जलसों से जो होते है संबोधित, जिनको गीदड़ में दिखता है क्रांति का आह्वान जिनको लोमड़ी में... Hindi · कविता 2 553 Share