Mohsin Aftab Kelapuri Tag: कविता 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Mohsin Aftab Kelapuri 6 Aug 2019 · 1 min read नज़्म / कविता #ज़िंदा_लाश अब तलक गर्म पड़ी है मेरी नींदों की राख इतनी जल्दी मेरी आँखों को कोई ख़्वाब न दे तुझ को मलूम नहीँ है तो बताता हूँ मैं मेरे कमरे... Hindi · कविता 1 1 386 Share Mohsin Aftab Kelapuri 6 Aug 2019 · 1 min read नज़्म / कविता *अज़ीम है तेरा ख़ुदा* अज़ीम है तेरा ख़ुदा , रहीम है तेरा ख़ुदा। तू उसकी बात मान ले , वो तेरी बात मानेगा। तू अपने सर को ख़म तो कर... Hindi · कविता 1 404 Share Mohsin Aftab Kelapuri 6 Aug 2019 · 2 min read नज़्म / कविता अगर मैं मर गया तो...... जो इनके वास्ते देखें हैं उन ख़्वाबों का क्या होगा? *अगर मैं मर गया तो फिर मेरे बच्चों का क्या होगा?* अभी ज़िंदा हूँ सो... Hindi · कविता 523 Share Mohsin Aftab Kelapuri 6 Aug 2019 · 1 min read नज़्म / कविता अंधभक्तों को समर्पित अजीब है तेरा हुनर कमाल कर रहा है तू। सवाल के जवाब में सवाल कर रहा है तू। अभी तो जीत हार का भी फ़ैसला नहीं हुआ।... Hindi · कविता 1 458 Share Mohsin Aftab Kelapuri 14 Jul 2017 · 1 min read इलाही रहम कर मुझ पर इलाही!!! रहम कर मुझ पर मेरे सीने में फिर से दर्द उठता है सुलगता है अलाव की तरह मेरी पलकों से कुछ उम्मीदें आंसू बन के यूँ झड़ती हैं जैसे... Hindi · कविता 222 Share Mohsin Aftab Kelapuri 14 Jul 2017 · 1 min read ख़ामोशी ख़ामोशी...... जाने कितनी आवाज़ों का ख़ून बहा कर चैन से सोई है कमरे में ख़ामोशी। अब कोई आवाज़ न करना, चुप रहना एक भी हर्फ़ अगर ग़लती से तेरे लबों... Hindi · कविता 234 Share Mohsin Aftab Kelapuri 3 Apr 2017 · 1 min read शायर झूठे शाइर ये ग़ौर से सुन लें। शायरी सब के बस की बात नहीं ये वो इल्हाम है के जिस के लिए रब ही चुनता है अपने बंदों में ऐसे... Hindi · कविता 1 609 Share Mohsin Aftab Kelapuri 7 Mar 2017 · 1 min read उदास चाँद आसमाँ पर उदास बैठा चाँद रात भर तारे गिनता रहता है चाहता है के झुक के धरती की चूम ले ये चमकती पेशानी और हसरत निकाल ले दिल की कौन... Hindi · कविता 549 Share Mohsin Aftab Kelapuri 25 Oct 2016 · 1 min read रिश्ता रिश्ता कल उसने पूछ ही डाला तुम आख़िर कौन हो मेरे हमारे दरमियाँ जो इक तआलुक़ है, जो रिश्ता है वो आख़िर कौन सा है?? नाम क्या है??? कुछ बताओगे???... Hindi · कविता 280 Share Mohsin Aftab Kelapuri 17 Oct 2016 · 1 min read कभी कभी कभी कभी ये दिल करता है यादें फिर से ताज़ा कर लूँ कच्चे ज़ख्मों को फ़िर खुरचूं चीज़ें फैंकुं , शीशा तोडूँ दीवारों से सर टकराऊँ घर के इक कोने... Hindi · कविता 272 Share