ashok Mahishware 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ashok Mahishware 5 Sep 2018 · 1 min read मुक्तक १ जन्म जेल में लिए न्याय के अवतार ! युग चाहे बदले कंसों की सरकार ! चीर हरण द्रुपद सूताका का होना है ; कृष्ण तो है नहीं बस कौरव... Hindi · मुक्तक 1 457 Share ashok Mahishware 30 Aug 2018 · 1 min read विरता का राग ले कर असि उठा महाकाली का रूप सजा प्रचंडिका वेग धार खुद को खुद पर वार शीश काट अब दो-चार वक्त की यही पुकार भर ले तू अब हुँकार कदम... Hindi · कविता 1 391 Share ashok Mahishware 29 Aug 2018 · 1 min read माही मुक्तावली वर्ल्ड कप होता जहां में ,अगर बदजुबानी पर ! नेता तो लेकर आते दोनों हाथों कप ! भारत के भय से प्रतिभागी नहीं आते ; सारे खिलाड़ी जन्मे भारत में... Hindi · मुक्तक 1 689 Share ashok Mahishware 28 Aug 2018 · 1 min read माही के दोहे मानव कहता युग बुरा ,युग मानव धिक्कार ! दूजे को दोषी बता ,हो कैसा उपचार!!१!! मैं मे मेरा कुछ नहीं ,सब तेरा ही हाथ ! जीवन पल ना जी सकूँ,... Hindi · दोहा 1 645 Share