MOTI PRASAD SAHU 16 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid MOTI PRASAD SAHU 4 Jul 2021 · 9 min read पानवाली " पानवाली" अगली बार जब पंचायत चुनाव की घोषणा हुई तो पानवाली ने महीधर के खिलाफ पर्चा भर दिया। यह खबर जंगल में आग की तरह गाॅव- जेवार में फैल... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 389 Share MOTI PRASAD SAHU 11 Dec 2018 · 1 min read आओ चलें करें मतदान लोकतंत्र का मंदिर रचने उसमें देव - प्रतिष्ठा करने । जिससे हो सबका कल्याण आओ चलें करें मतदान।। अपना प्रतिनिधि सेवक चुनने बहुतों में से योग्य परखने। देशोन्नति का करके... Hindi · कविता 2 400 Share MOTI PRASAD SAHU 13 Nov 2018 · 1 min read फिजाएँ ठहर -सी गयीं पापा जेब में पैसा क्यों नहीं रखते? आइसक्रीम चाटते हुए बतियाते हुए चहकते हुए कुछ नवांकुरों को देखकर किनारे से चुपचाप निकलते हुए पिता की अँगुली पकड़कर चल रहे एक... Hindi · कविता 1 2 331 Share MOTI PRASAD SAHU 12 Nov 2018 · 1 min read कविता-कश्ती भावों की सरिताएँ आकर मन-सागर में मिलती जायें। कल्पना की लहरें लाकर मोती तट पर रखती जायें।। मेघ सरिस साहित्य -गगन में आन्दोलित इस सागर उपर। बढ़ती जाये,तिरती जाये मेरी... Hindi · कविता 2 532 Share MOTI PRASAD SAHU 3 Nov 2018 · 1 min read माँ देखा नहीं स्वर्ग का सुख है ईश्वर की सत्ता है कैसी। पर देखी हमने निज आँखों माँ है केवल माँ के जैसी।। माँ होती है ठण्ड धूप की ज्येष्ठ मास... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 33 1k Share MOTI PRASAD SAHU 31 Mar 2018 · 1 min read नदी तुम भी नदी ! तू सरल है निर्मल है सदानीरा है गतिशीला है जीवनदायिनी है जितना भी कहूँ तुम्हारी प्रशस्ति में वह कम ही होगा किंतु तुम भी अपने विस्तार और आगे... Hindi · कविता 1 1 289 Share MOTI PRASAD SAHU 22 Mar 2018 · 1 min read मैं दूब हूँ मैं दूब हूँ चरी जाती हूँ काटी जाती हूँ उखाड़ कर रख दी जाती हूँ मेड़ पर खेत से बार-बार मैं दूब हूँ इसलिये थेथर हूँ कोमल कणों से लेकर... Hindi · कविता 1 476 Share MOTI PRASAD SAHU 13 Mar 2018 · 1 min read खलनायक डाट खाता हुआ पिटता हुआ बे-पर्दा होता हुआ कोई सिनेमाई खलनायक अच्छा लगता है कभी हम भी यही भूमिका निभा रहे होते हैं असल जिंदगी में तब हम पसन्द नहीं... Hindi · कविता 2 371 Share MOTI PRASAD SAHU 12 Mar 2018 · 1 min read गन्नावाला दीपावली पर ईख बेचने आया शहर किसान । कन्धे पर रख कर ढ़ोने से निकल रही थी उसकी जान।। चालीस का था बेच रहा वह गली गली हर द्वार ।... Hindi · कविता 1 607 Share MOTI PRASAD SAHU 11 Mar 2018 · 1 min read रिक्शा चालक रिक्शा चालक पौष की सर्द भरी बर्फीली रात में बरेली रेलवे स्टेशन के बाहर रिक्शे पर अधलेटे चालक इंतज़ार कर रहे हैं, एक अदद सवारी की जिससे प्राप्त किराये से... Hindi · कविता 1 678 Share MOTI PRASAD SAHU 11 Oct 2017 · 1 min read प्रार्थना प्रार्थना आओ करें मिल प्रार्थना घर निकल लौटें सुरक्षित मिल करें हम प्रार्थना।। बहू बेटी हों सुरक्षित मिल करें हम प्रार्थना। शिशु करें आनंद क्रीड़ा अपहरण का भय न हो।।... Hindi · कविता 1 645 Share MOTI PRASAD SAHU 8 Oct 2017 · 1 min read असामाजिक असामाजिक मैं मोटा नहीं क्यों कि मलाई से हूं वंचित कोई सरकारी इमदाद नहीं कारण चुनावों में किसी दल का झंडा नहीं उठाता नारे नहीं लगाता शासन व सत्ता के... Hindi · कविता 1 369 Share MOTI PRASAD SAHU 7 Oct 2017 · 1 min read तोता तोता पर्यावरण प्रतीक तुम ! हो उड़ती फिरती हरियाली लाल चोंच ,मरकत इव तन खाते फल जिसमें हो 'लाली'। सिखकर 'राम 'नाम का करते उच्चारण पिंजड़े में खाली। बंदी जीवन... Hindi · कविता 1 569 Share MOTI PRASAD SAHU 7 Oct 2017 · 1 min read अनासक्ति अनासक्ति उस अदृश्य नियन्ता ने पर्वत ,कहीं समुद्र बनाया। कहीं सम मैदान बनाकर उन पर जन आबाद कराया।। पर्वत ने पाया है नभ को सागर ने पायी गहराई । मानसून... Hindi · कविता 1 473 Share MOTI PRASAD SAHU 6 Oct 2017 · 1 min read अनपढ़ अनपढ़ अनपढ़ वे नहीं जो बाचना नहीं जानते चिट्ठियाॅ। तथा तोड़ते हैं सड़क किनारे बैठ गिट्ठियाॅ।। अनपढ़ वे हैं जो नहीं पढ़ पाते पानी का मूल्य। 'पादप' नहीं होते हैं... Hindi · कविता 1 371 Share MOTI PRASAD SAHU 15 Sep 2017 · 1 min read तकदीर हाथ खोलकर दिखलाया हूँ, अपनी भाग्य लकीरों को। आशीर्वचन प्राप्त करने को दौड़ा देख फकीरों को।। हर पत्थर माथा पटका हूँ रोया खूब अकेले में। तकदीर बदलने की खातिर भटका... Hindi · कविता 408 Share