मोनिका Sharma Tag: कविता 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid मोनिका Sharma 31 Jul 2017 · 1 min read बिटिया रानी बिटिया मेरी,रानी बन पढ.,लिख,सुघड़ सियानी बन ज्योत नहीं मेरे कुल की नक्षत्रा आसमानी बन पाहन को निर्दम्भित कर बहता दरिया तूफानी बन विष पीना तज अज्ञानी वेदों की अमृत वाणी... Hindi · कविता 386 Share मोनिका Sharma 29 Jul 2017 · 1 min read पिता पिता जीवन की शक्ति है,जन्म की प्रथम अभिव्यक्ति है, पिता है नींव की मिट्टी,जो थामे घर को रखती है पिता ही द्वार पिता प्रहरी ,सजग रहता है चौपहरी पिता दीवार... Hindi · कविता 942 Share मोनिका Sharma 26 Mar 2017 · 1 min read "रब बदल गया" जब चाहा जी तब बदल गया थोङा सा नहीं सब बदल गया ढब बदला तूने जीवन का अब कहता है रब बदल गया खुदगर्ज हुआ आदम तेरे जीने का मतलब... Hindi · कविता 407 Share