MUKESH GOEL 'KILOIA' 11 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid MUKESH GOEL 'KILOIA' 19 Dec 2022 · 1 min read अंतिम आरामगाह दोस्ती सी हो गयी है मेरी इस श्मशान घाट से एक दिन मुझे भी तो आना है यहीं मेरी अंतिम आरामगाह। जब भी आता हूँ किसी को विदा करने लगता... Hindi · कविता 142 Share MUKESH GOEL 'KILOIA' 19 Dec 2022 · 1 min read आज तलक जिंदा वो मुझ में। एक शख्स जिसने बचपन मे थाम अपनी उंगली, चलना सिखाया मुझे, अपने गोदी में खिला, हँसना सिखाया मुझे, एक एक अक्षर लिख, लिखना पढ़ना सिखाया मुझे, आज तलक जिंदा वो... Hindi · कविता 130 Share MUKESH GOEL 'KILOIA' 9 May 2020 · 1 min read एक टुकड़ा धूप एक बार फिर ज़िन्दगी की जंग लड़ते लोगों के लिए : एक टुकड़ा धूप हथेली में अपनी भर लूँ ! खोल दूँ ले जाकर अँधेरों की कोठरी में जहाँ से... Hindi · कविता 4 2 428 Share MUKESH GOEL 'KILOIA' 12 Dec 2017 · 1 min read उम्मीद ! ना उम्मीद कर ए दिल, उनसे वफाई की, दलीले भी देंगे वो, अपनी सफाई की, हर दलील पर उनके आंशू होंगे ढ़ेरों, कहेंगे वो कहानी अपनी रुसवाई की, ना पिंघल... Hindi · कविता 405 Share MUKESH GOEL 'KILOIA' 8 Dec 2017 · 1 min read दहेज एक कलंक ! दहेज एक कलंक आजके समाज पर। हम पढ़े लिखे सभ्य कहते खुद को। क्या है हम सभ्य? जला देते है किसी और की बेटी क्योंकि वो हमारी बेटी नही। लालच... Hindi · कविता 1 491 Share MUKESH GOEL 'KILOIA' 1 Dec 2017 · 1 min read तुम्हारी चाहत ! उनको मिलने की चाहत थी, चाहत, चाहत रह गयी बन कर। निहारते थे दूर से ही उनको, चली गयी किसी और की बनकर। रह गयी दिल टूटने की आवाज भी... Hindi · कविता 439 Share MUKESH GOEL 'KILOIA' 10 Nov 2017 · 1 min read एक मासूम की मौत ! एक मासूम की मौत ! लोगो के व्हाट्स अप की डी पी पर देख कर मुझे ये ख्याल आया है . डी पी पर जलती मोमबत्ती क्या एक मासूम को... Hindi · कविता 545 Share MUKESH GOEL 'KILOIA' 10 Nov 2017 · 1 min read नाम का साधू , काम का शैतान! सौदा सच्चा करने के नाम पर नारी की अस्मत लुटता था वो नाम राम रहीम रख कर खुद को भगवान् कहलाता था वो इतना धन जोड़ा इतना जर जोड़ा एक... Hindi · कविता 554 Share MUKESH GOEL 'KILOIA' 10 Nov 2017 · 1 min read मै और तुम ! ये क्या हो रहा है मुझे जब से तुम्हे देखा है दिल करता है बस तुम और मैं और हमारी कभी ना खत्म हो बाते। ना तो तुम्हारी आवाज सुनी... Hindi · कविता 396 Share MUKESH GOEL 'KILOIA' 31 Oct 2017 · 1 min read विरह ! सोचा नहीं था, तुम्हारी चाहत की खातिर अंगारो पर चलना होगा, शोलो में जलना होगा, तुम्हारा प्यार था ये, या कोई नफरत का सिला, पर मुझे तुमसे नही कोई गिला।... Hindi · कविता 380 Share MUKESH GOEL 'KILOIA' 30 Oct 2017 · 1 min read मूर्तिकार मूर्तिकार। बनाता हूँ मैं, भगवान की मूर्तियां सुन्दर से सुन्दर बने, कोशिश यही होती है मेरी। बड़े ध्यान से, बड़े चाव से, करता हूँ पूरी। मैं, हरेक मूरत को। मुझे... Hindi · कविता 813 Share