Lovi Mishra Tag: कविता 18 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Lovi Mishra 31 May 2024 · 1 min read बेटी हूं या भूल जिस दिन मेरा जन्म हुआ तुम, फूट फूट क्यों रोई माँ क्या सपनों की माला टूटी, जो तुमने पिरोई माँ जब मैं तेरी कोख में थी , तू कितना प्यार... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · महिला दिवस · विडंबना · सामाजिक कुरीति · स्त्री विमर्श 1 79 Share Lovi Mishra 31 May 2024 · 1 min read प्रवाह न जाने वाले को जाने से रोक सकते हैं न आने वाले को आने से…… बस एक प्रवाह चलता है, पीछे से आगे; या आगे से पीछे भी? इसी के... Poetry Writing Challenge-3 · *जीवन का सत्य* · कविता · चलना ही जीवन है · जिंदगी एक पहेली · जिंदगी का सच 2 78 Share Lovi Mishra 31 May 2024 · 1 min read पापा मेरे नन्हे हाथों ने बड़ी मजबूती से थामा था लगता था मेरी मुट्ठी में तब सारा जमाना था बाजार की भीड़ में भी बस चलते जाना था पसंद की हर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · पापा · पिता का अदृश्य प्रेम · पिता का प्यार · बचपन 2 85 Share Lovi Mishra 31 May 2024 · 1 min read आखिर मैं हूं ऐसी क्यों आखिर मैं हूँ ऐसी क्यों? आखिर मैं हूँ ऐसी क्यों? मैं कैसे भूलूँ वो सपना? जो हो न सका कभी अपना आखिर मैं हूँ ऐसी क्यों? मैं हुई नहीं उस... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · महिला सशक्तिकरण · मुक्तक · सामाजिक विसंगतियां · स्त्री विमर्श 1 106 Share Lovi Mishra 31 May 2024 · 1 min read नए साल का सपना साल बदल जाये तो क्या , समय न अभी भी बदला है पूस माघ में छुटकू के तन पर, अब भी फटा ही झबला है कब वो दिन आएगा जब,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · बचपन का दर्द · मुक्तक · सामाजिक विसंगतियां · सामाजिक सरोकार 88 Share Lovi Mishra 31 May 2024 · 2 min read हम क्यूं लिखें हम क्यूँ लिखे अपनी मजबूरियां, क्यूँ लिखें कि वो ध्यान नहीं रखता मेरे वजूद का हम क्यूँ लिखें कि हम मोहताज हैं, उसके और वो समझता नहीं मुझे, कुछ भी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · महिला दिवस · महिला सशक्तिकरण · सामाजिक विसंगतियां · स्त्री विमर्श 96 Share Lovi Mishra 30 May 2024 · 1 min read मां वो तब से हमें महसूस करती है जब खुद का भी अहसास नहीं था वो तब से हमारा पेट भरती है जब भूख का भी आभास नहीं था वो तब... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · मां का अनोखा प्यार · मां का संघर्ष · मां का समर्पण · मुक्तक 2 1 87 Share Lovi Mishra 30 May 2024 · 1 min read नववर्ष का नव उल्लास धवल हिमशिखरों पर फिर दिनकर ने प्रात जगाया है नव रश्मि से आलोकित हो एक नया सवेरा आया है कलिकाओं के मुंदे नयन हैं पर पुष्प आज इतराया है तुहिन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · चलो मनाएं नया साल · नववर्ष · नववर्षहिंदीकविता · मुक्तक 1 95 Share Lovi Mishra 30 May 2024 · 1 min read अछूत कब हुआ होगा पहली बार ऐसा जब अछूत कहलाया,स्त्री का स्त्रीत्व वही स्त्रीत्व जिससे जन्मता है पुरूष भी… फिर क्यों नहीं अछूत हुआ वो पुरूष भी जो जन्मा है उसी... Poetry Writing Challenge-3 · अनुभूत · कविता · सामाजिक कुरीति · सामाजिक विसंगतियां · स्त्री विमर्श 1 91 Share Lovi Mishra 30 May 2024 · 1 min read बीतते साल परत दर परत बिछती रही साल दर साल जिंदगी की जमीं पर उस जमीं को देखे अरसे बीत गए कभी हटाई भी परतें तो धूल से हुआ सामना साल बीतता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · नए साल पर कविता · मुक्तक · समय · समय का पहिया 77 Share Lovi Mishra 30 May 2024 · 1 min read धूल-मिट्टी पत्तों पर जमी धूल,चिपटी है उनसे जैसे चिपटा है विकास मानव सभ्यता से.. टूट-टूटकर मिट्टी बदल गयी है धूल में, ये वही मिट्टी है जो बांध लिया करती थी सबको... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · पर्यावरण · प्रकृति की छाव में · मुक्तक · हमारी प्रकृति हमारा जीवन 122 Share Lovi Mishra 30 May 2024 · 1 min read पसीने वाली गाड़ी घर जाने की जल्दी, ढलती शाम के साथ ढलती शाम और बढ़ता चार्ज… लेकिन यह भी तो सच है कि टैक्सी का ईंधन महँगा है बहुत तभी निगाह गयी…. सड़क... Poetry Writing Challenge-3 · *पथ संघर्ष* · कविता · मजदूर · मुक्तक · मेहनत 94 Share Lovi Mishra 30 May 2024 · 1 min read बसंत अब न ठिठुरो,फैला लो बाहें जागो, प्रकृति अपनी बर्फ की चादर समेट फैला रही है नई ऊष्मा और प्रकाश, जागकर देखो चारों ओर, नई सुबह नए रंग,नई उमंग, पीत प्रकाश... Poetry Writing Challenge-3 · *प्राकृतिक संगीत* · Nature Love · Nature Quotes · कविता · बसंत ऋतु 2 87 Share Lovi Mishra 30 May 2024 · 1 min read सच की माया आज मैं हूँ उलझन में अपनों से अनबन में जो कभी सोचा नहीं वो घट रहा है जीवन में झूठ और फरेब ही क्या आज बहुमूल्य है मेहनत के पानी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · जिंदगी का सच · मुक्तक · सच · सामाजिक विसंगतियां 1 86 Share Lovi Mishra 30 May 2024 · 1 min read रास्तों के पत्थर कितनी दूर निकल आए हम चलते चलते मंजिलें कुछ नई हैं ,रास्ते भी एक दिन था जब देखा करते थे राहें तुम्हारी आज तुम ही बन गए हो राहें मेरी... Poetry Writing Challenge-3 · Hindi Poems Of Love · Romantic Poetry · कविता · प्रेम कविता · मुक्तक 1 85 Share Lovi Mishra 29 May 2024 · 1 min read हम हमेशा साथ रहेंगे हम हमेशा साथ रहेंगे हों चाहे पर्वत की ऊँचाइयाँ या फिर हों सागर की गहराइयाँ नदियों में दिखती हों परछाइयाँ हम सदा संग मिलकर बहेंगे हम हमेशा साथ रहेंगे….. हम... Poetry Writing Challenge-3 · Love Lines · Love Poetry · Love Quote · कविता · प्रेम कविता 1 122 Share Lovi Mishra 25 Apr 2022 · 1 min read पापा मेरे नन्हे हाथों ने बड़ी मजबूती से थामा था लगता था मेरी मुट्ठी में तब सारा जमाना था बाजार की भीड़ में भी बस चलते जाना था पसंद की हर... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 5 5 345 Share Lovi Mishra 11 Jan 2017 · 1 min read बेटी हूँ या भूल जिस दिन मेरा जन्म हुआ तुम, फूट फूट क्यों रोई माँ क्या सपनों की माला टूटी, जो तुमने पिरोई माँ जब मैं तेरी कोख में थी , तू कितना प्यार... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 5 4 1k Share