Khoob Singh 'Vikal' Tag: मुक्तक 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Khoob Singh 'Vikal' 30 Aug 2018 · 1 min read गुरूर गुरूर न कर ऐ मगरूर नादान, हमने सूरज को ढलते देखा है। स्याह रात गहरी हो कितनी भी, हमने जुगूनियों को मचलते देखा है। अभी तो हम जिंदा हैं 'विकल',... Hindi · मुक्तक 1 280 Share Khoob Singh 'Vikal' 26 Aug 2018 · 1 min read रक्षाबंधन महज कच्चा धागा नहीं यह बंधन है। भाई बहन के प्यार का अटूट संबंध है। ये संकल्प है हर बहन को बचाने का। तभी तो त्यौहार यह 'रक्षाबंधन' है। ©... Hindi · मुक्तक 485 Share Khoob Singh 'Vikal' 26 Aug 2018 · 1 min read मिटा सकते हैं हम! संभल जाओ वर्ना तुफां ला सकते हैं हम। अपने कदमों से भुकंप ला सकते है हम। मौके दिए तुमको अनेकानेक ना—पाक। तुझे पल में धरती से मिटा सकते हैं हम।।... Hindi · मुक्तक 342 Share Khoob Singh 'Vikal' 30 May 2017 · 1 min read 'सुबह' सुबह की पहली किरण तुम्हें जगा रही है, ठंडी-ठंडी पवन ताज़गी तुम्हें उठा रही है। उठो, राष्ट्र कार्य के लिए आज फिर तुम, आवाज दे, मां भारती तुम्हें बुला रही... Hindi · मुक्तक 452 Share Khoob Singh 'Vikal' 28 May 2017 · 1 min read सुबह मुबारक आज की तिथि मुबारक हो तुम्हें, आज का दिन मुबारक हो तुम्हें। मुस्कुराते रहो तुम हमेशा यूं ही, आज की सुंदर सुबह मुबारक हो तुम्हें।। खूब सिंह 'विकल' 28/05/2017 Hindi · मुक्तक 290 Share