मनहरण मनहरण 27 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid मनहरण मनहरण 5 Dec 2016 · 1 min read अंकूर फूटने की आश जग गई थी अहा! कितना अच्छा लगा, उनसे मिलकर, बाँट रहे थे ज्ञान, अवसर आ गया द्वार पर, प्रफुल्लित हुआ मैं, ज्ञान-भंडार से मिलकर। उम्मीद जगा मेरे अंदर, अब तो कुछ कर सकता... Hindi · कविता 232 Share मनहरण मनहरण 5 Dec 2016 · 1 min read नोटबंदी का जहाँ कई लोग विरोध करते थकते नहीं हैं।… नोटबंदी का जहाँ कई लोग विरोध करते थकते नहीं हैं। गरीबों के हित की चिंता कर सरकार की अलोचना करने में लगे रहते हैं। वहीं गाँव-टोलों में इसका असर बहुत... Hindi · लेख 318 Share मनहरण मनहरण 1 Dec 2016 · 1 min read बदलते चेहरे क्याा कहा, वह छल प्रपंची और बेईमान हैं, भीतरघात भी, रहते चुपचाप ही, करते जब प्रहार, दिखता नहीं किसी को नजारा है। क्याा कहा, कला में माहिर हैं, नफरत के... Hindi · कविता 436 Share मनहरण मनहरण 1 Dec 2016 · 1 min read क्यों दे रहे दर्द रास्ते तो सही चलता, पर भटक जाता हूँ। अपनों के रचे इस कुचक्र को नहीं समझ पाता हूँ। करते हैं वे बारंबार प्रहार, पर मधुर मुस्कान उसके मेरे लिये, नासमझ... Hindi · कविता 293 Share मनहरण मनहरण 27 Nov 2016 · 1 min read चिंता क्यों हो रही है ? लाईन में हम तो कल भी लगे थे, आज भी लगे हैं, और पूर्व की भाँति, चंद लब्धि पाकर प्रफुल्लित हूँ, पर आज उन्हें चिंता क्यों है ? दिक्कतों का... Hindi · कविता 256 Share मनहरण मनहरण 14 Nov 2016 · 1 min read क्योंकि मैं ऋषियों की संतान हूँ। चाहे मुझे कितनों कोई परेशान करे, चाहे मुझे कोई किनारा करता रहे, चाहे मैं अपने से ही त्रस्त रहूँ, पर मैं इन सबसे हड़कूंगा नहीं, अडिग रहूँगा, सब कुछ सहूँगा,... Hindi · कविता 218 Share मनहरण मनहरण 12 Nov 2016 · 1 min read हर सांस में तुम्हीं हो चारों तरफ गिर रहे हैं गोले, कहर बरप रहे हैं, तू जो बिछड़ी गई सनम, मेरे आंसू टपक रहे हैं। संजोये थे कितने सपने, सब धरे रहे गये हैं, सारे... Hindi · कविता 194 Share मनहरण मनहरण 11 Nov 2016 · 1 min read बना लूँ एक किताब बना लूँ एक किताब, जिसमें हो मेरे ख्वाब, भरी हो सारी खुशियाँ, और हो सबकुछ लाजवाब। पन्ने भले सीमित हों, बातें हो सारी सुदंर, ऐसा न हो कोई भाषा, जो... Hindi · कविता 275 Share मनहरण मनहरण 10 Nov 2016 · 1 min read परिन्दे परिन्दे की झूंड में मैं, उड़ रहा नील गगन में, खुश हूं सबके साथ, झूम रहा हूँ अपने मगन में। चीं-चीं, चूं-चूं के कलरव से, बना रहा हूँ मधुर संगीत,... Hindi · कविता 406 Share मनहरण मनहरण 5 Nov 2016 · 1 min read तत समय …. जरूरी है जिंदगी में कितनों तूफान हों, और झंझावत ही कितनों हो, तत समय अचल, अडिग रहना भी जरूरी है। दिलों में कितनों दर्द हों, और शब्द बाणों का प्रहार हों, तत... Hindi · कविता 585 Share मनहरण मनहरण 4 Nov 2016 · 1 min read कोई लौटा दे मेरे वह हिन्दुस्तान कोई लौटा दे मेरे वह हिन्दुस्तान, जिसमें थी बांग्लादेश और पाकिस्तान। पर नहीं हो अंग्रेजों का शासन, कायम हो विद्वानों का शासन। न हो कोई दैत्य और दुष्ट, न हो... Hindi · कविता 265 Share मनहरण मनहरण 3 Nov 2016 · 1 min read सच्चाई की राह में परवाह नहीं नाम की। दिमाग आ गया ठिकाने मेरे, लगा ठोकरें जब मुझे, दुनिया है स्वार्थ से भरी पड़ी, ये तो नहीं है मेरे काम की। खुल गई है चक्षुएँ, बढ़ चले हैं मेरे... Hindi · कविता 312 Share मनहरण मनहरण 2 Nov 2016 · 1 min read समय आ गया अब हम कुछ कर चलें समय आ गया अब हम कुछ कर चलें, टूट जायें शत्रु पर और आगे बढ़ते चलें। वार्ता करनी नहीं है उनसे अब, जिसने मानवता का कत्ल कर दिया जब। समय... Hindi · कविता 243 Share मनहरण मनहरण 31 Oct 2016 · 1 min read दिपावली के दिन कर लो एक दीप दान दिपावली के दिन कर लो एक दीप दान, यह एक दीप नहीं, यह तो है सैनिकों का सम्मान । दीप दान कर सैनिकों का सम्मान बढ़ाएँ, राष्टहित में अपना यह... Hindi · कविता 240 Share मनहरण मनहरण 30 Oct 2016 · 1 min read दिपावली में व्यस्त हूँ, दिपावली में व्यस्त हूँ ----------------------- आज मैं लिखूँ क्या, नहीं है कुछ फूर रहा, दिपावली में व्यस्त हूँ, साथियों संग घूमने में व्यस्त हूँ। आँगन- आँगन घूम रहा हूँ, मित्रों... Hindi · कविता 485 Share मनहरण मनहरण 29 Oct 2016 · 1 min read तेरे इश्क में जिये जा रहा हूँ तेरे इश्क में मैं जिये जा रहा हूँ ----------------------++++++ तेरे इश्क में मैं जिये जा रहा हूँ, दुश्मनों के खंजर सहे जा रहा हूँ, तेरा प्यार पाने की खातिर गम... Hindi · कविता 316 Share मनहरण मनहरण 28 Oct 2016 · 1 min read औलाद औलाद —————————————— माँ का हूँ मैं औलाद, मिल रहा है मुझको आशीर्वाद, उनके आशीर्वाद हो रहा हूँ आबाद, और नहीं हो सकता हूँ मैं कभी बर्बाद। माँ का औलाद मैं,... Hindi · कविता 234 Share मनहरण मनहरण 27 Oct 2016 · 1 min read कर गयी चोट बस एक नजर में दोस्तों कर गयी चोट बस एक नजर में दोस्तों चेहरे मिले, आँखें मिली, दिल पर कर गयी चोट, बस एक नजर में दोस्तों। उसके पायल की झंकार, और नयनों के बाण,... Hindi · कविता 1 231 Share मनहरण मनहरण 27 Oct 2016 · 1 min read चुप्पी तोड़ें चुप्पी तोड़ें आतंकियों का धर्म नहीं होता, आईये इनके विरूद्ध आवाज उठायें, हमारी चुप्पी नासूर बन गई है, आएं चुप्पी तोड़ें देश हित में कुछ काम आएं। कसाब, अफजल और... Hindi · कविता 230 Share मनहरण मनहरण 25 Oct 2016 · 1 min read कन्यादान कन्यादान कलेजे को टुकड़े को दान किए जा रहा हूँ, नम है मेरी ऑंखें कन्यादान किए जा रहा हूँ। जाओ मेरी बिटिया, जाओ पिया के घर में, खुश रहो तुम... Hindi · कविता 704 Share मनहरण मनहरण 22 Oct 2016 · 1 min read जग-मग दीप जले जग-मग दीप जले _______________________ चहके जीवन, महके तन-मन, जग-मग जग-मग दीप जले। धुनों में तेरे प्यार की, मेरे कदम हैं बढ़ चले। उदफुद है मेरा मन, साथ जियूं और साथ... Hindi · कविता 236 Share मनहरण मनहरण 21 Oct 2016 · 2 min read चोट चोट _____________________________________________________________________________________________________________________ बेटा जवान हो गया था, अब उनका। बहुत लालसा पाल कर रखी थी, उसने। काफी संघर्षमय जिंदगी उनकी गुजरी थी। पर हाय, उनके सपने चूर-चूर हो गये थे।... Hindi · लघु कथा 258 Share मनहरण मनहरण 20 Oct 2016 · 1 min read रौशनी रौशनी ———————– पथ अँधेरे, फिर भी कदम हैं बढ़ रहे, एक रौशनी की आश में, तुझे पाने की आश में। पथ है कठिन, पर हौंसले मेरे, अनवरत बढा़ रहे, आश... Hindi · कविता 413 Share मनहरण मनहरण 19 Oct 2016 · 1 min read पथ अँधेरे प्रेम की पथ अँधेरे प्रेम की, नेह का दीपक जला लूँ तो बढ़ूँ। दूरियाँ मुझसे तेरी, हमको है कलपा रही, नाप लूँगा मैं ये फासले, हौसले साथ हैं दे रहे। जब तक... Hindi · कविता 194 Share मनहरण मनहरण 18 Oct 2016 · 1 min read जुबां कुछ कह नहीं पाती जुबां कुछ कह नहीं पाती ------------------------------ तेरे लिए धड़क रहे दिल, संकेत है कुछ करती। पर बात जो दिल में है, जुबां कुछ कह नहीं पाती। तेरी अदाएँ मेरे दिल... Hindi · कविता 2 293 Share मनहरण मनहरण 17 Oct 2016 · 1 min read रेत रेत --------------------------- जैसे भभरती है, मुट्ठियों से भरी रेत, वैसे ही छूट रही है, बँधे हुए ये संबंध। टूटते जा रहे हैं, बँधनें प्रेम की, और बना रहे हैं, लहलहाते... Hindi · कविता 197 Share मनहरण मनहरण 17 Oct 2016 · 1 min read पुनर्जन्म क्यों कुचक्र रचते हो, क्यों अत्याचार करते हो, इस जन्म् में कुछ तो करो, पुनर्जन्म की बात क्यों करते हो। इस जन्म में पाप के घड़े जब भरेगें, पनुर्जन्म में... Hindi · कविता 389 Share