Kanchan Gupta 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Kanchan Gupta 27 Dec 2016 · 1 min read नादान परिंदेे ( नारी प्रेरणात्मक कविता ) नादान परिंदे , उड़ जाओ जाल बिछाये जो बैठे है उनका दाना मत खाओ क्या जानो तुम इनकी भाषा दरिदे बन कर आयें है जाल मेे जो तुम फँस जाओगे... Hindi · कविता 1 1 522 Share