KR wanika Tag: कविता 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid KR wanika 25 Jan 2017 · 1 min read जीवन-रंग -:जीवन-रंग:- ऊसर धरा को उर्वर कर तुम आज मुझे खिल जाने दो, खो गया था खुद से मैं कबका पर अब खुद से मिल जाने दो। कई बरसों की तप्त... Hindi · कविता 390 Share KR wanika 25 Jan 2017 · 1 min read वृक्ष और बेटी -:वृक्ष और बेटी:- तुम फलते हो मैं खिलती हूँ, तुम कटते हो मैं मिटती हूँ; तुम उनके स्वार्थ की खातिर, मैं उनके सपनों की खातिर। मैं बनकर माँ बेटी पत्नी... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 502 Share KR wanika 25 Jan 2017 · 1 min read वृक्ष और बेटी -:वृक्ष और बेटी:- तुम फलते हो मैं खिलती हूँ, तुम कटते हो मैं मिटती हूँ; तुम उनके स्वार्थ की खातिर, मैं उनके सपनों की खातिर। मैं बनकर माँ बेटी पत्नी... Hindi · कविता 412 Share