हरीश भट्ट 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid हरीश भट्ट 27 Nov 2018 · 1 min read माँ मेरे छोटे से घर से मेरी,,, दुनियां अयाँ होती हैं ! मैं इक कमरे में होता हूँ, और पूरे घर में माँ होती हैं !! मेरी दुश्वारियां भी उसकी दुआओं... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 26 325 Share