डाॅ. बिपिन पाण्डेय Tag: ग़ज़ल 17 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डाॅ. बिपिन पाण्डेय 1 Nov 2024 · 1 min read ग़ज़ल अपनों की कोई काट नहीं। क्यों खाईं देता पाट नहीं।। सुंदर प्यारे माॅल खुले हैं, अब ढूँढे मिलते हाट नहीं। सोफा,कुर्सी, झूला सब है, घर में मिलती खाट नहीं। सैर-सपाटा... Hindi · ग़ज़ल 34 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 12 Oct 2024 · 1 min read ग़ज़ल चाहत का ऐसा नज़राना,सच कहता हूँ ठीक नहीं। रोज़ गली में आना जाना,सच कहता हूँ ठीक नहीं। इश्क-ए-अंदाज़ समझती है,वैसे ये दुनिया सारी, दर्पण से घंटों बतियाना ,सच कहता हूँ... Hindi · ग़ज़ल 71 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 25 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल अब ये चर्चा आम बहुत है। राजनीति बदनाम बहुत है।। बढ़ती जनसंख्या के कारण, जगह-जगह पर जाम बहुत है। यदि सरकारी नौकर हैं तो, जीवन में आराम बहुत है। अम्मा... Hindi · ग़ज़ल 2 1 85 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 14 Apr 2024 · 1 min read ग़ज़ल कुछ लोगों में सुलह हुई। कैसे कह दें सुबह हुई।।1 नेताओं के झगड़े में, जनता केवल जिबह हुई।2 रोटी कपड़े की ख़ातिर, रामू के घर कलह हुई।3 माँ- बापू की... Hindi · ग़ज़ल 84 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 24 Jan 2024 · 1 min read ग़ज़ल बड़े जब रहबरी से दूर होते हैं। तभी बच्चे यहाँ मगरूर होते हैं।।1 बनाते हैं कठिन हालात में रिश्ते, मगर लम्हों में'चकनाचूर होते हैं।।2 चलाते हैं सभी अब पीठ पर... Hindi · ग़ज़ल 195 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 2 Jan 2024 · 1 min read ग़ज़ल पर्दाफाश करूँ मैं कैसे ,किस्सा बड़ा अजीब है। लाड जताती कभी ज़िंदगी,लगती कभी रकीब है।। सुबह-शाम माँ जिसका माथा,चूम रही है प्यार से, सच मानो वह इस दुनिया में,गोया नहीं... Hindi · ग़ज़ल 1 114 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 1 Oct 2023 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल रखना बस उससे याराना, अच्छा लगता है। मिलना उससे बना बहाना,अच्छा लगता है।। रंज-ओ-गम हो ,मायूसी हो ,या बेकद्री हो, मिला इश्क में हर नज़राना,अच्छा लगता है। छूकर उसे... Hindi · ग़ज़ल 328 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 24 May 2023 · 1 min read ग़ज़ल बह्र- ।ऽऽ, ।ऽऽ, ।ऽऽ, ।ऽऽ नए दौर का है नया ये फसाना। सभी चाहते हैं बदन को दिखाना।। चढ़ा है नशा रिंद को देखकर ही, शुरू हो गए हैं कदम... Hindi · ग़ज़ल 3 2 245 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 15 May 2023 · 1 min read ग़ज़ल उमड़ा दिल में प्यार,बता तो दे। छोड़ दिया घर द्वार,बता तो दे।।1 सुंदर है रँग- रूप ,सुहानी है, कैसा है व्यवहार ,बता तो दे।।2 पहन जीन टी- शर्ट,घूमती है, छोड़... Hindi · ग़ज़ल 141 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 7 Apr 2023 · 1 min read ग़ज़ल ये खबर हमने पढ़ी है आज के अखबार में। दे रहे नारा महज जो लोग हैं सरकार में।। बात पर उनकी फिदा जनता हमारे देश की, सत्य देखा ही नहीं... Hindi · ग़ज़ल 1 422 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 15 Mar 2023 · 1 min read ग़ज़ल सिर पर पल्लू डाले रखना। सदा हुस्न पर ताले रखना।।1 नज़र रूप को लग जाएगी घूंघट सदा निकाले रखना।।2 खूब लगाना फेयर लवली, ये रुखसार न काले रखना।।3 घर में... Hindi · ग़ज़ल 3 2 256 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 8 Jan 2023 · 1 min read ग़ज़ल साथ मिले अपनों का तो,दुख कम होने लगता है। यादों के मौसम में मन, पुरनम होने लगता है।। भीड़ भरे चौराहे पर,जब भी नज़र घुमाता हूँ, दुनिया है मशरूफ बहुत,... Hindi · ग़ज़ल 182 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 24 May 2020 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल नए दौर का है नया ये फसाना। सभी चाहते हैं बदन को दिखाना।। नहीं रिंद ने पी नशा चढ़ गया है, शुरू हो गए हैं कदम लड़खड़ाना। यही काम... Hindi · ग़ज़ल 3 311 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 9 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल प्राप्ति प्यार की होने से दुख कम होने लगता है। यादों के मौसम में मन पुरनम होने लगता है।।1 भीड़ भरे चौराहे पर जब भी नज़र घुमाता हूँ, मशरूफ सभी... Hindi · ग़ज़ल 2 329 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 1 Dec 2019 · 1 min read ग़ज़ल मरे सभी जज़्बात,ज़िंदगी हार गई। आई कैसी रात ,ज़िंदगी हार गई।।1 घूम रहे हैवान,लिए कामुकता को, बिगड़े हैं हालात,ज़िंदगी हार गई।।2 जब फैला अँधियार,गिद्ध से टूट पड़े, नोचा नारी गात,ज़िंदगी... Hindi · ग़ज़ल 2 236 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 15 Oct 2019 · 1 min read ग़ज़ल चाहे जैसी मुश्किल हो पर,मत मन में लाचारी रख। आगे बढ़ना चाह रहा तो ,हिम्मत से भी यारी रख।।1 बचपन को तालीम दिलाना ,माना बहुत जरूरी है, पर उनके नाजुक... Hindi · ग़ज़ल 1 220 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 5 Jan 2018 · 1 min read ग़ज़ल ऽ।ऽ, ऽ।ऽ चाँदनी रात है। प्यार की बात है।।1 याद आती बहुत, हर मुलाकात है।।2 सच सियासत हुआ, झूठ जज़्बात है।।3 ज़िंदगी कुछ नहीं, रोज़ शह मात है।।4 रात को... Hindi · ग़ज़ल 278 Share