Dr ShivAditya Sharma Language: Hindi 23 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr ShivAditya Sharma 23 Jul 2023 · 2 min read रिश्तों का पेड़ इंसान एक जटिल प्राणी है। और उतना ही जटिल है उसका जीवन, क्यूंकि इंसान का जीवन एक शब्द पर अतिनिर्भर है, और वह शब्द है रिश्ते। रिश्तों को समझना जितना... Hindi · आत्मसम्मान · जीवन · रिश्ते · लेख · सम्मान 1 336 Share Dr ShivAditya Sharma 11 Jul 2023 · 1 min read बारिश क्या इश्क़ नाम दे दूं तुझे ए बारिश तू राहत भी देती है तू जान भी लेती है।। Hindi · कविता · बारिश 242 Share Dr ShivAditya Sharma 26 May 2023 · 1 min read शहर मेरा कैसे बढ़े । शहर मेरा कैसे बढ़े, रे शहर मेरा कैसे बढ़े। इधर गड्डे बड़े बड़े, उधर गड्डे बड़े बड़े। सीधा चलाओ तो पहिया गड्डे में, बचाओ तो अगले से भिड़े। ऊपर से... Hindi · कविता · हास्य · हास्य-व्यंग्य 3 198 Share Dr ShivAditya Sharma 18 Oct 2017 · 1 min read भूल गए सब राम। दीपावली विशेष। लक्ष्मी सबको याद रहीं हैं भूल गए सब राम। कलयुग की चकाचोंध में मर्यादाओं का क्या काम। पैसा पैसा सब करें पैसे की है रीत। पैसे के आगे कहां दिखे... Hindi · कविता 1 389 Share Dr ShivAditya Sharma 28 Jul 2017 · 1 min read आंखें ।। आंखें।। बिना लफ्जों के ये करती हैं बातें अदा में सब बयाँ कर जाती आंखे। हो खुशी या गम ये सब हैं समझतीं हर हाल में संग आंसू बहाती... Hindi · कविता 527 Share Dr ShivAditya Sharma 4 Jul 2017 · 1 min read मोहब्बत तेरे ख्वाबों को हकीकत बना तो दूूँ तेरी उम्मीदों को बालफ्ज़ निभा तो दूँ मैं अपना यह पत्थर दिल पिघला तो दूँ कांटो भरी इस जिंदगी में फूल खिला तो... Hindi · कविता 549 Share Dr ShivAditya Sharma 11 Jan 2017 · 1 min read बेटियां ना मुक्तक छंद बेटियां होती है वो कोहिनूर जो अपनी होकर भी गैरों के घर रहती है जिम्मेदारी निभाती हैं निस्वार्थ अविरल धारा जैसे गंगा की बहती है मां बेटी बहन पत्नी कितने... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1k Share Dr ShivAditya Sharma 31 Dec 2016 · 1 min read न्यू ईयर नई उमंग लेके आया नया साल, नई उम्मीदों से नाता जोड़ दो रखो साथ यादें अच्छी, बुरी साल पुराने के साथ छोड़ दो। लिखो परिभाषा कामयाबी की, रास्ते किस्मत के... Hindi · कविता 1 559 Share Dr ShivAditya Sharma 29 Aug 2016 · 1 min read प्यार का नशा डरते हैं कहीं कहर ना बन जाये शाम सुहानी तपती दोपहर ना बन जाये रग रग में मौजूद है नाम तेरा इस कदर तेरे प्यार का नशा कहीं जहर ना... Hindi · कविता 1 928 Share Dr ShivAditya Sharma 25 Jul 2016 · 1 min read मोहब्बत की पहचान मोहब्बत ना किसी से कहकर होती है जज्बातों के समन्दर में ये बैहकर होती है तबाह हो जाती हैं कितनी शख्सियतें इसमें ये तो मुश्किलें तमाम सहकर होती है जो... Hindi · कविता 2 809 Share Dr ShivAditya Sharma 4 Jul 2016 · 1 min read बचपन अच्छा था बचपन अच्छा था, मालामाल थे अब तो भरी जेब में भी फकीरी है खरीद ना पाएं समय खुद के लिए किस काम की ऐसी अमीरी है खुश थे, लगती थी... Hindi · कविता 2 2 876 Share Dr ShivAditya Sharma 2 Jul 2016 · 1 min read मर्ज-ए-इशक ना मुझे राम ना मुझे रहीम चाहिए ना नमक फिटकरी या नीम चाहिए मरीज हो गया हूँ मर्ज-ए-इश्क का टूटे दिल का करदे जो इलाज मुझे एैसा बस एक हकीम... Hindi · कविता 2 707 Share Dr ShivAditya Sharma 30 Jun 2016 · 1 min read याद है तेरी साँसों का वो शोर याद है बरसा था जो सावन घनघोर याद है हाथ बढ़ा कर पकड़ती थीं बारिश की बूँदें जो मोहब्बत का वो हसीन दौर याद है... Hindi · कविता 636 Share Dr ShivAditya Sharma 28 Jun 2016 · 1 min read हारना नहीं सीखा चखे हैं जीवन के स्वाद सभी कोई फीका है कोई तीखा सबके मेल से बनता अनुभव मोल है बहुत सभी का अनुभव से ही सीखा ना मिले जीत हरदम हमेशा... Hindi · कविता 1 2k Share Dr ShivAditya Sharma 20 Jun 2016 · 1 min read शेर ।।फर्जी दुनिया।। बनते हैं शहंशाह, कहते हैं हम किसी से कम नहीं शेर हैं सब कागज़ के जनाब, है किसी में दम नहीं। ।।दिलबर।। दिलबर मिले ना दिलवाले दिलकश दिखने... Hindi · शेर 438 Share Dr ShivAditya Sharma 18 Jun 2016 · 1 min read सरल हूं सरल लिखता हूँ सरल हूं सरल दिखता हूं सरल हूं सरल लिखता हूं रोज देखता हूं अतरंगी दुनिया कभी हंसता कभी रोता हूं अपने जीवन के अनुभवों को बना मोती कविता की माला... Hindi · कविता 1 11 830 Share Dr ShivAditya Sharma 17 Jun 2016 · 1 min read मोदी जी देखो कैसे बदल रहा है भारत, लेके अपना कमाल आया है अपनी माँ की सेवा करने, देखो धरती का लाल आया है। देश की संसद पर जिसका सर झुकता है... Hindi · कविता 935 Share Dr ShivAditya Sharma 15 Jun 2016 · 1 min read जमाना हुआ खुद से मिले वक्त मिले तो बैठूं अपने साथ की जमाना हुआ खुद से मिले। करूँ कुछ शिकवे करुँ कुछ गिले की जमाना हुआ खुद से मिले। थे जगे ऊपर से अंदर से... Hindi · कविता 1 642 Share Dr ShivAditya Sharma 13 Jun 2016 · 1 min read स्लेट-बत्ती सी जिन्दगी होती जिन्दगी स्लेट-बत्ती सी तो जीना कितना आसान होता। गलती होते ही मिटा देते सही करके दिखा देते धुंधली होती स्लेट तो नल के नीचे धो लेते चलती ना कोई... Hindi · कविता 2 716 Share Dr ShivAditya Sharma 13 Jun 2016 · 1 min read मजहब हिन्दुस्तान ना मैं सिख ना मैं ईसाई, ना ही हिंदू मुसलमान हूं मैं। ना मैं बाइबल ना मैं ग्रंथ, ना ही गीता कुरान हूँ मैं। शर्म करो मजहब पर लडने वालों,... Hindi · कविता 764 Share Dr ShivAditya Sharma 11 Jun 2016 · 1 min read कवि नहीं हूँ लिखता हूँ पर कवि नहीं हूँ। दिखता हूँ पर सही नहीं हूँ। कुछ घाव गहरे लिए बैठा हूँ पर होंठों को में सिए बैठा हूँ। घायल हूँ तभी लिखता हूँ... Hindi · कविता 707 Share Dr ShivAditya Sharma 11 Jun 2016 · 1 min read तन्हाई मेले लगे लग के चले गए लोग खेले खेल के चले गए वहीं रहे तो बस हम और हमारी तन्हाई। Hindi · शेर 306 Share Dr ShivAditya Sharma 9 Jun 2016 · 1 min read नमस्कार Sahityapedia के सभी सदस्यों एवम् पाठकों को नमस्कार। आज मैंने अपनी Sahityapedia की यात्रा शुरू की है। आशा करता हूँ कि आप सभी का स्नेह और आशीर्वाद मिलता रहेगा। Hindi 1 133 Share