जिन्दगी
****************************** विधा-गीतिका आधार छन्द-चौपाई विधान-16 मात्रा,अंत में 21/गाल वर्जित,आदि में द्विकल+त्रिकल+त्रिकल वर्जित,मापनीमुक्त। समान्त-आर पदान्त-जिंदगी *************************** होती केवल प्यार जिंदगी अपनों का संसार जिंदगी। फँसी हुई मँझधार जिन्दगी कैसे होगी पार...
Hindi · कविता