Dinesh Pareek Tag: कविता 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dinesh Pareek 25 Jul 2016 · 1 min read अधूरी अधूरी बातें हमारी हर मर्तबा बातें आधे में छुट जाती है । कभी तुम चुप हो जाते हो कभी मैं पहले खामोश हो जाता हूँ कैद होने लगते है खामोशी... Hindi · कविता 1 637 Share Dinesh Pareek 19 Jul 2016 · 1 min read अब वो कश्मीर कहाँ है अब वो वादियां कहाँ क्या अब भी याद है तुम्हें? उस जनवरी की रात, जब पूरी वादी बर्फ से सराबोर थी, और यकायक तुमने रात के बीचो-बीच चाय की फरमाइश... Hindi · कविता 4 679 Share