दिलीप कुमार पाठक Tag: कविता 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid दिलीप कुमार पाठक 18 Sep 2018 · 1 min read जनता जनता.............! : दिलीप कुमार पाठक कुआँ सबको दिखे इसमें क्या गड़बड़ी है ? खुद को गड़ेड़िया समझ भीड़ को भेंड़ बनाने की क्रिया को क्या कहा जाएगा ? ले जानेवाला... Hindi · कविता 531 Share दिलीप कुमार पाठक 18 Sep 2018 · 1 min read सब मर रहे हैं सब मर रहे हैं। : दिलीप कुमार पाठक सब मर रहे हैं। आपस में बस लड़ रहे हैं। मैं देख रहा हूँ, बस चुपचाप। मुझे कहा जा रहा है, "... Hindi · कविता 244 Share