dhanraj vishwakarma Tag: कविता 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid dhanraj vishwakarma 30 Mar 2017 · 1 min read आरती आरती आरती अम्बे मैया की अखिल ब्रम्हांड रचैया की ॥ 1 मुकुट सिरसोने का सोहे । ये निर्मल नैना मन मोहे । धनुष सैम तिरछी है भोहे । चतुर्थी चंद... Hindi · कविता 500 Share dhanraj vishwakarma 20 Feb 2017 · 1 min read कभी न करना शादी बिनती मेरी आपसे है कभी न करना शादी अगर चाहो स्वतंत्र जीना,और चाहो आज़ादी शादी के होते घर में रोज ही होय लड़ाई कोट कचहरी घूम घूम के साडी उम्र... Hindi · कविता 687 Share dhanraj vishwakarma 17 Feb 2017 · 1 min read बाबुल मेरे मत मार मुझे बाबुल मेरे मत मार मुझे मुझको संसार में आना है मैं बोझ नहीं हु जगबालो आकरके मुझे बताना है बेटे की चाहत मैं मुझको ,क्यों गर्व मैं ही मरवाते हो... Hindi · कविता 809 Share