Devkinandan Saini 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Devkinandan Saini 25 Jul 2016 · 1 min read मुक्तक लगा दे घाव पर मरहम , दिवाना आज है कोई कसकते लब हँसी ला दे , तराना साज है कोई गुमशुदा हो भटकते जो , फिरे आतंक के तम में... Hindi · कविता 500 Share Devkinandan Saini 25 Jul 2016 · 1 min read बादल की रेख भारी बरखा है कहीं , बूँद तरसते लोग सावन का क्या दोष है , सबके अपने जोग सबके अपने जोग , बना चाहे सब राजा भूल सनातन धर्म , काट... Hindi · कुण्डलिया 474 Share Devkinandan Saini 22 Jul 2016 · 1 min read गीतिका आधार छंद वाचिक स्त्रग्विणी – मापनी – 212 212 212 212 समान्त – आने, पदांत – लगी **** खून उबला बहुत रूह जलने लगा यह कलम हाथ की छटपटाने लगी... Hindi · कविता 325 Share