Deependra Singh 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Deependra Singh 23 Dec 2016 · 1 min read सौदा मेरी मुस्कान का सस्ता नहीं होता !! गर मुझको मयस्सर ये अँधेरा नहीं होता ! जुगनू की वाफाओं को मैं समझा नहीं होता !! ये इश्क मेरे दिल में यूँ सहमा नहीं होता ! गर तल्ख़ तेरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 435 Share