दीपक अवस्थी 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid दीपक अवस्थी 21 Apr 2017 · 1 min read कौमी एकता मज़हबी दांव पेच मत खेलो मुल्क मत सूनसान होने दो। मंदिरों में भी घंटे बजने दो, मस्ज़िदों में अज़ान होने दो। -दीपक अवस्थी (८८९६०९८५६७) Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 269 Share