Bharti Jain Language: Hindi 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Bharti Jain 19 Jan 2017 · 1 min read मुक्तक एक मुक्तक ?????????????? इस कहानी में कोई मोड़ तो आया होता। दर्द अपना कभी अश्कों में छिपाया होता। मैं बसा लेती तुझे दिल की हर इक धड़कन में। दीप इक... Hindi · कविता 1 2k Share Bharti Jain 19 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ क्यों मारते हो कोख में नादान बेटियाँ इंसान को है रब का ये वरदान बेटियाँ। बनता न घर समाज यदि होती न बेटियाँ होती हैं ख़ानदान की पहचान बेटियाँ। बेटे... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1 806 Share