Ashok sapra Tag: कविता 13 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ashok sapra 6 Feb 2018 · 1 min read जुनून मुझमें देशभक्ति का जुनूँ मुझमें देश भक्ति का देश से ही दिल लगाया है बन्दगी करता हूँ माता की जों जन्म हिन्द में पाया है तबस्सुम सजाकर लबों पे राष्ट्रगीत का मान करता... Hindi · कविता 653 Share Ashok sapra 6 Feb 2018 · 1 min read हमारा देश और हम ही काफ़िर कहलाये हमारा देश और हम ही काफ़िर कहलाये चलो चलकर हम कासगंज को देख आये बहुत हो गई बदमाशी नर्मदिल वालों पर चलो चलकर अपने दो दो हाथ कर आये काफ़िरों... Hindi · कविता 585 Share Ashok sapra 31 Jan 2018 · 1 min read मम्मी डैडी के चरणों में चारों धाम सुनों जीवन में याद रखना मेरा ये पैगाम मम्मी डैडी के चरणों में ही है चारों धाम खुशियां पल पल बढ़ती जायेंगी तुम्हारी जब जाओगे कही करके उनको प्रणाम पैमाइश... Hindi · कविता 535 Share Ashok sapra 31 Jan 2018 · 2 min read आओ हिन्द वासियों तुमकों चूड़ियां उपहार दे दूँ कासगंज में चन्दन गुप्ता की तिरंगा या भगवा यात्रा जो भी थी उसके बाद जो हुए वो एक कलंक है तो मेरी अशोक कुमार सपड़ा की यह कविता हमारे कायरता... Hindi · कविता 522 Share Ashok sapra 29 Jan 2018 · 1 min read कहतें है हम थानेदार कुछ लोग माशूक़ ऱखते है हम इज्जतदार मूंछ ऱखते है चाँद की शरारत जैसे अपने अफसाने भी है ,सरकार फिर भी बुझती ज्वालामुखी नहीं दिल को स्वीकार समाजिक आडम्बर को... Hindi · कविता 395 Share Ashok sapra 28 Jan 2018 · 1 min read बाप है तेरा ये देश मेरा हिंदुस्तान जो हमारे तिरंगे का करते रहते है अपमान उसको मारूंगा गोली चाहें हो लाख इंसान LMG 7.62 mm के निशाने पर आओ फिर देखूँगा दुश्मन कितने हो तुम बलवान बहुत... Hindi · कविता 292 Share Ashok sapra 28 Jan 2018 · 1 min read आओ मिलकर अपनी संस्कृति बचाये आओ मिलकर अपनी संस्कृति बचाये यही इल्तिजा नन्हे पौधों को समझाये दुआ लेले हम फकीरों की तुम चाचा दुश्मनों को पहचाने मार कर भगाये आओ बीज़ फ़िर से बोयें वीरता... Hindi · कविता 525 Share Ashok sapra 28 Jan 2018 · 2 min read हॉर्न धीरे से बजा रे पगले देश मेरा सोता है हॉर्न धीरे से बजा पगले देश मेरा चैन की नींद सोता है मधुर सुहानी नींद को तू क्यों पगले आकर खोता है आंच सी सर्दी में आ जाती है अब... Hindi · कविता 1k Share Ashok sapra 28 Jan 2018 · 1 min read मेरी गीत गजलों में मेरी शकन देखिये मेरे गीत गज़लों में मेरी इतनी तो शान देखिये रोता हूँ भारत माँ के लिये मुझे परेशान देखिये अब नहीं आती कभी सपनों में किसी के माता टुकडों में बंटा... Hindi · कविता 274 Share Ashok sapra 13 Feb 2017 · 1 min read व्यंगात्मक कविता आइये कद्रदान आइये कद्रदान लेकर आया सियासत की दुकान झोपड़ियां दूंगा तुमको छीन कर के तुम्हारे मकान तुम्हारे लहू को जलाकर अपना चरागाँ जलाना है तुमको बनाने आया हूँ सुखी शाख वाला... Hindi · कविता 1k Share Ashok sapra 19 Jan 2017 · 1 min read कविता शीर्षक मेरी ऊँगली पकड़कर बेटा मुझे चलाने वाला आया कोई मुझको भी तो ,सोती रातों में जगाने वाला मेरे बांगो में वो कोयल सा नन्हा पंछीे गुनगुनाने वाला गम की रातें भी ढल जाती मेरी उसकी एक झलक... Hindi · कविता 5k Share Ashok sapra 19 Jan 2017 · 1 min read कविता शीर्षक बेटी तू तो है गंगाजल बेटी तू तो है गंगाजल का बहता हुआ तेज प्रवाह तू जीवन में तो जिंदगी का आसान होगा निर्वाह तू मेरे सुने जीवन की धड़कन तुझसे उमंगे हजार तुझमें नजर... Hindi · कविता 781 Share Ashok sapra 19 Jan 2017 · 1 min read कविता शीर्षक बीज डाले बेटो के पर बेटी तू उग आये तुझसे है अनोखा रिश्ता मन को ये हम समझाये हमने बीज डाले बेटो के थे पर बेटी तू उग आये कड़वा सोच बोल रहा पर तू नफरत न करना बेटी... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1 738 Share