अमित मिश्र Tag: मुक्तक 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अमित मिश्र 23 Apr 2022 · 1 min read "ज़ुबान हिल न पाई" सोंच को शिखर तक,उड़ान मिल न पाई मैं सोंचता ही रह गया,ज़ुबान हिल न पाई आंखों के सामने ही,सब खेल चल रहा है, गूंगे और बहरों का,यहां मेल चल रहा... Hindi · मुक्तक 3 1 414 Share अमित मिश्र 26 Jan 2021 · 1 min read ये कैसा गणतंत्र पूछेगा इतिहास कभी जब क्या ज़वाब दे पाओगे। मानवता को शर्मशार कर क्या आगे बढ़ पाओगे।। सहनशक्ति की सीमा लांघी सज्जनता को छोड़ दिया। गौरवमयी क्षणों में तुमने स्व विवेक... Hindi · मुक्तक 2 4 526 Share अमित मिश्र 27 Jul 2019 · 1 min read मुक्तक तुम नहीं हो तो मन का मनन व्यर्थ है, सारे जीवन की आशा दमन व्यर्थ है। मेरे जीवन का झरना है सूखा पड़ा, निर्झरी बन के आओ तो कुछ अर्थ... Hindi · मुक्तक 2 507 Share अमित मिश्र 13 Apr 2019 · 1 min read "जरूरत सोंच बदलने की" देखा मैंने एक दिन, समाज को करीब से, देखी लोगों की भावनाएं, और जिम्मेदारियाँ | हर कोई लगा है कम करने में, अपनी जिम्मेदारी , जी चुराता है वह काम... Hindi · मुक्तक 4 1 750 Share अमित मिश्र 2 Feb 2019 · 1 min read "मुक्तक" बैठ कर नीर की धारा किनारे कुछ विचारूं मैं सुनूं समझूं मगर फिर भी तुम्हे ही क्यों पुकारूं मैं मेरे अस्तित्व के वाहक बने हो तुम प्रिये जब से निगाहें... Hindi · मुक्तक 523 Share अमित मिश्र 25 May 2018 · 2 min read स्मृति की रेखाओं से (काव्य) मेरे इस सूने मन में, तुमने ही दीप जलाए। इक आभा मन में देकर, हो शून्य क्षितिज में छाए।। मैं पा न सका था तुमको, रह गई तम्मना बाकी। क्यों... Hindi · मुक्तक 489 Share अमित मिश्र 23 Mar 2018 · 1 min read "मौन" मनुज का अस्त्र बन जाए, तो फिर इतिहास रचता है, हिमालय से भी ऊंचे राज को दफ़ना के रखता है | सुदर्शन राह बदले,या कि गंगा ही मुकर जाए ,... Hindi · मुक्तक 333 Share अमित मिश्र 10 Dec 2017 · 1 min read " शिक्षक हूँ मैं " ********************* शिक्षक हूँ मैं , हमें सोंच कर उठना है सोंच कर बैठना है समाज में हमें, खड़े होने का सलीका भी सीखना है पग-पग पर देखना है , कोई... Hindi · मुक्तक 666 Share अमित मिश्र 18 Oct 2017 · 1 min read "आज के विद्यार्थी" जिन्हें जाना था विद्यालय, वो मदिरालय को जाते हैं। जिन्हें गाना था जन गण मन, वो फ़िल्मी गीत गाते हैं।। बिछा सकते नही जो, प्रेम की एक भी चादर। वही... Hindi · मुक्तक 1 1k Share अमित मिश्र 2 Oct 2017 · 1 min read मौन (शांत)की ताकत मौन की शक्ति पर खुद से, कभी व्याख्यान न होता । दिशाएँ मौन ही रहती, मनुज गर शांति ब्रत करता।। महादुर्धश समर इतना , कभी विकराल न होता ।। द्रुपद... Hindi · मुक्तक 374 Share