Alka Keshari Tag: कविता 7 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Alka Keshari 3 Oct 2020 · 1 min read सैनिक सैनिक तिरंगे की ओढ़ चदरिया ,जब सैनिक घर आया है, हाय हाय यह क्या हो गया ,सबने शोर मचाया है। सिरहाने पर बैठी अम्मा ,रो -रोआहें भरती हैं। गूंज रहा... Hindi · कविता 2 3 397 Share Alka Keshari 7 May 2020 · 1 min read बिटिया बन के परी नन्ही सी बिटिया,जब आँगन में आती है। मंद-मंद मुस्कान देखकर,मइया खुश हो जाती है।। पर पापा के माथे पर ,चिंता की लकीरें दीखती हैं। दादी की बातें... Hindi · कविता 3 3 377 Share Alka Keshari 24 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ Alka Keshari Alka Keshari कविता Nov 24, 2018 माँ ममता की शीतल छाया,दरिया दिल होती है माँ। घर वो मंदिर जैसा होता,जिस घर मे होती है माँ।। ???? मीठी-मीठी... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 30 546 Share Alka Keshari 24 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ ममता की शीतल छाया,दरिया दिल होती है माँ। घर वो मंदिर जैसा होता,जिस घर मे होती है माँ।। ???? मीठी-मीठी लोरी गाती, थपकी देकर हमे सुलाती, अपने आँचल की... Hindi · कविता 4 5 523 Share Alka Keshari 21 Sep 2017 · 1 min read तितली काश की मैं एक तितली होती । नीली पीली चमकीली सी, रंगो वाली चटकीली सी। फूलों के ऊपर मंडराती, कलियों का मैं जी बहलाती। अपनी साथी ति तली के संग,... Hindi · कविता 340 Share Alka Keshari 2 Sep 2017 · 1 min read पतिंगे का प्यार नन्हां सा दिया देख उमड़ता प्यार है पतिंगे का, जलते हुये दिये पे जां निसार है पतिंगे का। छड़िक सुख की खा़तिर सब कुछ विसार देता है, ग़म पास आते... Hindi · कविता 1 591 Share Alka Keshari 1 Sep 2017 · 1 min read विकास की सोच सनसनी है हर तरफ आगमन विनाश का सोचिए क्या हस्र होगा देश के विकास का। जो हैं आदृत लोग यहां वो कुर्सियां बचाते हैं, उत्कोच के सहारे अपनी डफलियां बजाते... Hindi · कविता 370 Share