Pradipkumar Sackheray Tag: ग़ज़ल/गीतिका 7 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Pradipkumar Sackheray 19 Mar 2017 · 1 min read . . . मेरी इक गज़ल ऐ मेरी ज़ानु , मैं क्यां ज़ानु ? तु युं हसती क्यूं हैं ? गैर झुठी मुस्कुराहट पे युं फ़सती क्यूं हैं ? हमने तो फ़ुलों की रंगीन सेज़ सज़ायी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 334 Share Pradipkumar Sackheray 18 Mar 2017 · 1 min read . . . और मेरी इक गज़ल उस बेख़बर को अब ये ख़बर नहीं हैं । इस बेसबर को ज़िने में सबर नहीं हैं । झुठ के कितने ही परदे गिराये हमने , परदें बोले , तेरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 337 Share Pradipkumar Sackheray 17 Mar 2017 · 1 min read . . . और भी इक मेरी गज़ल झुठी - फ़रेबी तारिफ़ों से ख़ुश वो होने लगी । अंज़ाने , मुझसे शेरे - गज़ल वो पिरोने लगी । वफ़ा की सारी की सारी फ़सलें काटी उसने , फ़िर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 460 Share Pradipkumar Sackheray 14 Mar 2017 · 1 min read ". . . हाल गये ।" ( यह हास्य गज़ल हैं , इसमें इक तोतला प्रेमी अपने प्रेमिका से दिल का दर्द बयां कर रहा हैं ! . . . ) तेले प्याल में ज़ानू इसकदल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 391 Share Pradipkumar Sackheray 11 Mar 2017 · 1 min read ...और मेरी इक गज़ल... उस बेख़बर को अब ये ख़बर नहीं हैं । इस बेसबर को ज़िने में सबर नहीं हैं । झुठ के कितने ही परदे गिराये हमने , परदें बोले , तेरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 322 Share Pradipkumar Sackheray 10 Mar 2017 · 1 min read ...मेरी इक गज़ल... ऐ मेरी ज़ानु , मैं क्यां ज़ानु ? तु युं हसती क्यूं हैं ? गैर झुठी मुस्कुराहट पे युं फ़सती क्यूं हैं ? हमने तो फ़ुलों की रंगीन सेज़ सज़ायी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 334 Share Pradipkumar Sackheray 29 Jan 2017 · 1 min read "बिटियाँ . . ." रब का अनमोल वरदान बिटियाँ हैं | ज़ैसे की, तुफ़ान से टकराता दिया हैं | रिश्तों के ध़ागें तो अक़्सर बिख़र ज़ाते, मगर, दो परिवारों को ज़िसने सिया हैं |... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 899 Share