मुहम्मद आमिर क़मर सन्दीलवी Tag: मुक्तक 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid मुहम्मद आमिर क़मर सन्दीलवी 1 Jun 2018 · 1 min read क़तअ ये मत समझ के क़मर इसमे हाथ तेरा है मेरे नसीब को महरूमियों ने घेरा है ,, सियाह रात के जंगल खंगालता हूं मै किसी ने मुझसे कहा था यहीं... Hindi · मुक्तक 1 1 281 Share