pankaj sharma 14 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid pankaj sharma 3 May 2017 · 1 min read कविता आईने.. बरसो से जड़े हैं... तेरे घर में जो आईने उनका खयाल करना उनमें तेरे हर दौर की शक्ल है.. उन्होंने तेरी शक्ल को संवारा है.. हर दाग को मिटाया... Hindi · कविता 1 2 351 Share pankaj sharma 23 Apr 2017 · 1 min read मुक्तक ये संक्रमण का काल है,जरा बच के चलो.. भाई शहर में चुनाव है,..जरा बच के चलो खुला ना छोड़ो शहर जाती सड़कों को... ये रोग लेकर आयेंगी,जरा बच के चलो..... Hindi · कविता 1 470 Share pankaj sharma 9 Apr 2017 · 1 min read मुक्तक धरती माँ हिजाब में अब आँखें जलने लगी है बदलेगी सूरत,हवाएं चलने लगी है... कैसी छांव,जैसा बोया वैसा ही काट धरती माँ की सीरत बदलने लगी है। पंकज शर्मा Hindi · कविता 1 257 Share pankaj sharma 17 Mar 2017 · 1 min read कविता मैं तुमसा नजर आऊँ... रंगों की परम्परा औऱ खुशियों में झूमें आओ फिर पुरानी गलियों में घूमें.. जहां मैं तुमसा ही नजर आऊँ... बरसो बाद निभा ले फिर रस्में तोड़... Hindi · कविता 528 Share pankaj sharma 8 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक नस्लभेद चले पराये देश को, करने दो दो हाथ.... नाम किया परदेस में,मेहनत कर दिन रात.. नस्लभेद के दंश से,पीड़ित है सब लाल आँखें सजल हो गई,घायल हैं जज्बात पंकज... Hindi · कविता 556 Share pankaj sharma 28 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक त्यौहार सीली है पर सुलग रही है लकड़ियाँ, तुम आओ तो कुछ बना ले हम.. जाने क्यों नाराज है बाबा, तुम आओ तो मना ले हम.. हम जानते हैं कि... Hindi · कविता 496 Share pankaj sharma 21 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक जिंदगी ------------------ अधमुंदी आँखों का ख्वाब है जिंदगी.. अच्छे किये कामों का सबाब है जिंदगी बहुत अनसुलझा सा चलता रहा पर... मेरे हर सवाल का जवाब हुई जिंदगी पंकज शर्मा... Hindi · कविता 278 Share pankaj sharma 20 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक मजबूरी मद के अंधे,काले धंधे,कैसे इनका चुनाव करें... तन से शुभ्र,मन के काले, कैसे हवाले गांव करें लोकतंत्र की मजबूरी है,नेता हमको चुनना होगा नासूर है यह व्यवस्था, कैसे सबका... Hindi · कविता 388 Share pankaj sharma 13 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक हक *** क्या लेकर आया था जो मैं हक की बात करूं... क्यों जमीं के बंटन में,मैं काले दिन रात करूं... हर दिशा मंदिर का द्वार, हर राह सजदे वाली... Hindi · कविता 311 Share pankaj sharma 6 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक चेहरा तेरे हाथ की हल्की सी थपकी भी हो,गहरा असर आता है अब भी कई बार रोटी में,तेरे हाथों का स्वाद उतर आता है दुनिया की नजर में हो सकता... Hindi · कविता 240 Share pankaj sharma 21 Jan 2017 · 1 min read कविता कर्जदारी कैसी कैसी... मैं कर्जदार था चार दाने भी मयस्सर नहीं थे मुफलिसी में सन्नाटे घर में बसते थे..अब रिश्ते नाते सब लिपट के हँसते है,रोते हैं.. पता नहीं कैसे,त्यौहार... Hindi · कविता 436 Share pankaj sharma 18 Jan 2017 · 1 min read कविता बेटियां खुशी का पर्याय होती है बेटियां जीवन का अहसास होती है बेटियां खिलौनो में टूटती, समाज से लड़ती, घर का श्रंगार होती है बेटियां.. बिन बोले सब कह जाती... Hindi · कविता 515 Share pankaj sharma 18 Jan 2017 · 1 min read कविता बदलाव...(नव वर्ष का पहला दिन) क्या हुआ.. दिन ही बदला है ना कुछ 'काश' जो चले आ रहे है मेरे साथ, क्या वो आज बदल जायेंगे.. मैं जानता हूँ, कुछ... Hindi · कविता 393 Share pankaj sharma 16 Jan 2017 · 1 min read कविता तस्वीरें... गहरे असमंजस से भरा चेहरा अचानक मुस्कुरा उठता है। स्माइल प्लीज.. सुनकर कुछ साफ दिल लोगों को छोड़ हर चेहरा हरा भरा हो उठता है। और.. निकल आती है... Hindi · कविता 382 Share