ANURAG Singh Nagpure Language: Hindi 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ANURAG Singh Nagpure 9 Apr 2017 · 1 min read शाम..। कभी कभी शाम कुछ ऐसे कहीं होती है, जैसे तुम्हारी याद आसमां में सितारे बोती है। दूर कहीं से ख्यालों का कारवाँ चला आता है, और एक चेहरा चाँद पर... Hindi · कविता 477 Share ANURAG Singh Nagpure 8 Apr 2017 · 1 min read नज़्म.. सोचता हूँ... दोनो आस्तीनों के सहारे लटके, मज़बूरियों का बैग उतार दूँ, पीठ से अपनी.. और बदल दूँ ये खाल, बदन की एक रोज़..। सोचता हूँ... जिस्म को सोते हुये... Hindi · कविता 269 Share ANURAG Singh Nagpure 7 Apr 2017 · 1 min read गज़ल कैसी समस्या है कि कोई हल नही निकलता क्यों अर्जुन के तीर से भी जल नही निकलता मै मुस्कुराकर ही अपने अश्क पोछ लेता हूँ वो जब भी रोती है... Hindi · शेर 311 Share ANURAG Singh Nagpure 6 Apr 2017 · 1 min read गजल.. तनहाई में वो अक्सर पास में रहता है, कुछ यादों का उजाला रात में रहता है। दो कदम चलता हूँ और थक जाता हूँ, बाबुजी का दर्द मेरे हाथ पाँव... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1k Share