ओम प्रकाश श्रीवास्तव Tag: घनाक्षरी 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ओम प्रकाश श्रीवास्तव 8 Jan 2022 · 1 min read प्रेम गंगा जहाँ बहे प्रेम गंगा जहाँ बहे, हिलमिल जग रहे। सुंदर प्यारा ये देश भारत महान है। हिमालय शीर्ष पर, करे रक्षा वर्ष भर। प्रकृति रक्षित देश धरा की ये शान है। संस्कृति... Hindi · घनाक्षरी 2 1 393 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 11 Jul 2021 · 1 min read जनसंख्या *1* हर ओर बढ़ी भीड़, तोड़ रही जग रीढ़, सुविधाएँ घट रहीं, आप ही विचारिये। कारण जनसंख्या के, प्रतिदिन बढ़ रही, रोटी की किल्लत पर, बवाल मिटाइये। *2* रोजगार घट... Hindi · घनाक्षरी 1 662 Share