manish kalal 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid manish kalal 22 Nov 2018 · 1 min read एक माँ ही होतीं है....!! उसे अपना मान, सम्मान और साया मानकर जीवन गुजारने वाली एक मां होती है। एक माँ ही होती हैं....!! एक नन्ही-सी जान को, एक मां अपने कोख में नौ: महिने... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 21 1k Share manish kalal 21 Nov 2018 · 3 min read एक माँ ही होती हैं....!! उसे अपना मान, सम्मान और साया मानकर जीवन गुजारने वाली एक मां होती है.... मेरी आस, मेरी जान तु ही, मां-बेटे का एक अटुट बंधन है यही...।। एक नन्ही-सी जान... Hindi · लेख 4 13 882 Share manish kalal 30 Apr 2018 · 3 min read बुढ़ी आखों को रोशनी ना दो सही, पर एक सहारा तो जरूर देना बुढ़ी आखों को रोशनी ना दो सही, पर एक सहारा तो जरूर देना हर खुशी को त्याग देना, खुद तो दर्द सहकर उन्हे खुशीयोंं का दामन देना, हर लड़ाई में... Hindi · लेख 595 Share manish kalal 29 Apr 2018 · 1 min read शाम को होते देख, में मुरझा गया..... शाम को होते देख, में मुरझा गया, खुद से कुछ सवाल करता गया, मेने गुजार दिया आज का जीना, अब कल का सोच रहा हूं आना-जाना, आज जो था वक्त... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 354 Share