शिवानन्द सिंह 'सहयोगी' Tag: मुक्तक 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid शिवानन्द सिंह 'सहयोगी' 7 Feb 2019 · 1 min read मुक्तक मुक्तक बुढ़ापे का सहारा जो रहीं ये लाठियाँ देखो दुकानों पर सजी हैं किस तरह ये लाठियाँ देखो बगावत आज तक इनको कभी करते नहीं देखा पुलिस बरसा रही है... Hindi · मुक्तक 315 Share