पा'रस' जी Tag: कविता 27 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid पा'रस' जी 26 Oct 2021 · 1 min read जब "बुढ़ापा" अकेले बिताना ही था अब समझ आया क्यों कि इतना हाय तोबा की मैंने ना अपना यहां एक दिन का ठिकाना था। जब बुढ़ापा अकेले गुजारना ही था।। क्यों कि मैंने इतनी लोभ लालच... Hindi · कविता 1 241 Share पा'रस' जी 25 Oct 2021 · 1 min read "दिल" में बसाया जाता नहीं, वैसे तो दिल में कोई उतरता नहीं, और उतर जाता है तो, उसके बिना रह जाता नहीं। दिल करता है बयां करू दिल का हाल, कहने को है बहुत कुछ,... Hindi · कविता 2 283 Share पा'रस' जी 1 Oct 2021 · 1 min read हम लड़के ऐसे होते हैं। छोटे थे तो छोटी बहनों की, गलती हम अपने पर ले लेते थे। डॉट मुझे पड़ती रहती थी, फिर भी आंखों से खुशी झलकाते हैं।। क्या करें हम लड़के ऐसे... Hindi · कविता 3 2 325 Share पा'रस' जी 28 Apr 2021 · 1 min read एक अरसा हो गया एक अरसा हो गया किसी से गले मिले। कब तक जारी रहेंगे ऐसे ही सिलसिले।। जादू की झप्पी से ठीक हो जाते थे लोग। अब कहते हैं झप्पी ही बड़ा... Hindi · कविता 304 Share पा'रस' जी 20 May 2020 · 1 min read जब याद आते हैं "बीते लम्हें" जब याद आते हैं बीते लम्हें, मन पुलकित हो जाता है, दिल का चमन खिल जाता है। खयालो का चंचल पंछी, अरमानों के आसमान मैं उड़ जाता है।। चेहरे पर... Hindi · कविता 2 2 264 Share पा'रस' जी 19 May 2020 · 1 min read मजबूर मजदूर चला "गांव की ओर" मजबूर मजदूर चला गांव की ओर । अब कैसे दिन काटे, कैसे कटे रातें, और ना ही हो रही सुखद भोर। अपना सामान ला दे, परिवार के साथ, मजबूर मजदूर... Hindi · कविता 3 2 348 Share पा'रस' जी 9 May 2020 · 1 min read जिंदगी की "दौड़" लाई बीमारी रईस जादो ने, दरबदर मजदूर हो गया। लापरवाही हुई है एयरपोर्ट पर, इंसान सड़क पर मजबूर हो गया।। लाया जा रहा उन्हें विदेशों से, जिन्हें हिंदुस्तान नहीं भा... Hindi · कविता 2 2 346 Share पा'रस' जी 22 Mar 2020 · 1 min read थम सा गया है "देश" चारों ओर कोरोना ही कोरोना सड़क सुनी, चौराहा सुना। बाजार सुना,सिनेमा घर सुना। शहर सुना, गांव सुना। मोहल्ले का हॉट बाजार सुना, चारों ओर कोरोना, संक्रमण का भय व्याप्त है।... Hindi · कविता 1 1 323 Share पा'रस' जी 17 Feb 2020 · 1 min read एक सैनिक की "अभिलाषा" चाहत यही है मेरी,की कभी भी मैं कायर ना कह लाऊ। चाहे सर कट जाए मेरा, या वतन के लिए मर मिट जाऊं।। जब कोई हमे सेल्यूट कर जाता, गर्व... Hindi · कविता 3 2 605 Share पा'रस' जी 3 Dec 2019 · 1 min read "आबरू" हुई लाचार बहुत हो रहा दुराचार, हैवानियत का हाहाकार । दुर्योधन दुशासन के हो अवतार, रावण से भी बढकर यार। कैसा जुल्म किया है, लज्जा हो गई तार-तार, दरिंदगी की हद हो... Hindi · कविता 1 319 Share पा'रस' जी 17 Nov 2019 · 1 min read मेरी बिटिया "रानी" हर दर्द गम पल में मिट जाए, जब मेरी प्यारी बिटिया पापा कहकर गले लगाए। उसकी हंसी से सारा घर आंगन, खिल खिल जाए। उसके नन्हे कदमों की आहट सुनकर,मन... Hindi · कविता 2 1k Share पा'रस' जी 12 Nov 2019 · 1 min read पावन करता "तीर्थ" डुबकी लगी आस्था की, उमड़ पड़ा जनसैलाब। पूजा अर्चना प्रार्थना, कर भक्त ले रहे लाभ।। कार्तिक पूर्णिमा का दिन है, कर रहे सब नदी स्नान। दान धर्म पुण्य अर्जित करना,... Hindi · कविता 1 250 Share पा'रस' जी 8 Nov 2019 · 1 min read परिवार को संभाले रखते "बेटे" कहते नहीं है, कुछ भी, पर सब कुछ सह जाते हैं। सब कहते हैं पढ़ाई होती है बेटियां, पर बेटों से आंसू नजर नहीं आते।। बचपन बीता आई जवानी, शुरू... Hindi · कविता 1 2 257 Share पा'रस' जी 2 Oct 2019 · 1 min read "बापू" तेरे देश मैं बापू तेरे देश में बढ़ रहा है अनाचार दुराचार, हिंसा बापू तेरे देश में। आज जरूरत है बापू तुम्हारी, आ जाओ किसी भी भेष में।। तीनों बंदरो का तुम्हारे, काम... Hindi · कविता 2 277 Share पा'रस' जी 27 Sep 2019 · 1 min read जल ही "जरूरत" जल हीं "जरूरत" इससे ही तो धरा पावन है, इससे ही तो जीवन है। सहे जो संभालो बचाओ, क्योंकि जल ही तो जीवन।। जल नहीं तो कल नहीं, यह बात... Hindi · कविता 1 270 Share पा'रस' जी 23 Sep 2019 · 1 min read "मृत्युभोज"में कैसी मौज मृत्यु भोज में कैसी मौज क्या होता उस परिवार का, जो देता मातम पर भोज। और क्या कहना उस इंसान का, जो खाकर करता मौज।। कैसे समय गुजारा होगा, उस... Hindi · कविता 2 1k Share पा'रस' जी 23 Sep 2019 · 1 min read दूरभाष ने बढ़ाई "दूरियां" दूरभाष ने बढ़ाई दूरियां जब से मोबाइल फोन , चलन में आया। राम राम जी भूल कर, हेलो हाय हो गया।। जेब में है कांटेक्ट लिस्ट, फिर भी बढ़ी दूरियां।... Hindi · कविता 3 242 Share पा'रस' जी 22 Sep 2019 · 1 min read "माँँ" ममतामयी माँ सदा याद आती है मुझको, मधुर याद माता तेरी। ले गई मेरे जीवन की, मां सारी खुशियां मेरी।। रोज सवेरे मना करने पर, मीठा दूध पिलाती थी। चूम चूम... Hindi · कविता 2 415 Share पा'रस' जी 21 Sep 2019 · 1 min read ऑनलाइन का "क्रेज़" ऑनलाइन का क्रेज ऑनलाइन शॉपिंग का, कृऐज हो रहा बहुत तेज। घर बैठे सामान बुलाते, अब करते नहीं वेट।। ऐसा ही चलता रहा था तो, 1 दिन वह भी आएगा।... Hindi · कविता 3 260 Share पा'रस' जी 21 Sep 2019 · 1 min read आज का आम "आदमी" आज का आम आदमी आम आदमी होना भी, आज आम बात नहीं। ना साथ सरकार का, योजनाओं का लाभ नहीं।। समस्याओं हां तो मानो, उसके चोली दामन का साथ है।... Hindi · कविता 1 522 Share पा'रस' जी 17 Sep 2019 · 1 min read जन्मदिवस सरकार का जन्मदिवस सरकार है मोदी जीकी, तो किस बात का डर। अजर अमर हो जाओ, निर्भीक हो सफर।। जन्म दिवस है आप का, बधाई दिल से देते हैं। आप जियो हजारों... Hindi · कविता 2 2 500 Share पा'रस' जी 15 Sep 2019 · 1 min read पितरों का तर्पण" पितरों का तर्पण याद करते हो पितरों को, बहुत अच्छी बात है। अन्न जल से तर्पण करते हो, अच्छी बात है।। ख्याल रखते हो ऐसे ही, तो क्या बात है... Hindi · कविता 1 290 Share पा'रस' जी 15 Sep 2019 · 1 min read आस्था डूबी ताल मैं आस्था डूबी ताल मैं कितनी माताओं का सहारा डूबा, गणेश विसर्जन के माहौल में। घर का दीपक बुझ गया, तालो के शहर भोपाल में।। है प्रार्थना ईश्वर से, शक्ति देना... Hindi · कविता 1 267 Share पा'रस' जी 13 Sep 2019 · 1 min read किस्मत रुपयों की किस्मत रुपयों की करते हो जिसकी पूजा, लक्ष्मी धन के देव रूप में। कहां कहां से गुजरता है वह, ठंडी बारिश और धूप में।। चलता रहता है वह हरदम, एक... Hindi · कविता 1 312 Share पा'रस' जी 13 Sep 2019 · 1 min read क्या है जिंदगी ? क्या है जिंदगी ? यदा कदा सदा एक व्यथा, है जिंदगी। जीवन सफर पर मोड पर सजा, है जिंदगी। दुख और दर्द से भरी कथा , है जिंदगी। मोह माया... Hindi · कविता 1 289 Share पा'रस' जी 13 Sep 2019 · 1 min read प्रकृति का कहर प्रकृति का कहर मूसलाधार बरस रहा पानी, झम झमा झम बरसा पानी I बादल बरसे, गरजे बादल, मच रही है,चहू और दलदल l आया पानी, भीगी धरती, बढ़ा दी है,मुश्किल... Hindi · कविता 1 606 Share पा'रस' जी 13 Sep 2019 · 1 min read गणपति जी हैं सबके प्यारे गणपति जी हैं सबके प्यारे, शिव गौरा के राजदुलारे, मोदक उनको बहुत हैं भाते, बड़े प्यार और चाव से खाते, भोली और प्यारी सी सूरत, सवारी बने हैं उनकी, मूषक... Hindi · कविता 1 347 Share