Mamta Singh Devaa Tag: स्वतंत्रता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Mamta Singh Devaa 29 Jan 2024 · 1 min read स्वतंत्रता का अनजाना स्वाद सदियों से.... तुम्हारी सोच के पाषाण से जकड़ी थी , और.... उसमें जकड़ना मेरी आदत सी बन गई थी , अब.... टूटी है मेरी तंद्रा जो कुंभकरण सी हो गई... Poetry Writing Challenge-2 · अनजाना · नारी · प्रभुश्रीराम · स्वतंत्रता · स्वाभिमान 1 115 Share