Mamta Singh Devaa Tag: गालियां 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Mamta Singh Devaa 1 Feb 2024 · 1 min read औरतें ऐसी ही होती हैं औरतें मन से टूट कर भी अपनों का सहती हैं , औरतें ज़िंदा रहकर भी अपनों के लिए मरती हैं , औरतें भूखी रहकर भी अपनों को पेट भरा है... Poetry Writing Challenge-2 · औरतें · गालियां · ज़िंदा · मंत्र · वसीयत 217 Share