साहित्य गौरव Tag: समाज 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid साहित्य गौरव 26 Nov 2023 · 1 min read बदलती दुनिया हर शख्स हो रहा है बईमान क्यूं यहां, फितरत बदल रहा है इंसान क्यूं यहां। बच गए जो कुछ कही पर घर पुराने से, बस ईटो के रह गए है... समाज 3 2 785 Share