सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2758 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 10 Next सुखविंद्र सिंह मनसीरत 21 May 2023 · 1 min read जिगरी पुराने वो यार गुजर गए जिगरी पुराने वो यार गुजर गए ************************ जिगरी पुराने वो यार गुजर गए, दिल के रूहानी प्यार गुजर गए। सुख दुख में पहले आने वाले, साथ खड़े परिवार गुजर गए।... Hindi · ग़ज़ल 319 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 May 2023 · 1 min read "कुछ तेरे कुछ मेरे ख्वाब हैं* "कुछ तेरे कुछ मेरे ख्वाब हैं* *********************** कुछ तेरे कुछ मेरे ख्वाब है। हमारे खत उनके जवाब हैं। दिल के आंगन में हैं खिलते, गिनती में जो बेहिसाब हैं। हीरे... Hindi · कविता 236 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 May 2023 · 1 min read *******फ़ायदा उठाते हैं लोग********* *******फ़ायदा उठाते हैं लोग********* ********************************* अवसर का फ़ायदा उठाते हैं लोग, सच को झूठ झूठ को सच बनातें हैं लोग। मिल जाए मंजिल बिना हाथ पैर हिलाए, मुकद्दर का सिकंदर... Hindi · कविता 132 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 May 2023 · 1 min read **मार कर अरमान जलती आस है** **मार कर अरमान जलती आस है** ***************************** 2122 2122 212 ***************************** झट भभकती खूब जगती आस है, हाथ में दे हाथ चलती आस है। साल दर सालों न बुझती प्यास... Hindi · ग़ज़ल 1 174 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 17 May 2023 · 1 min read **हर पल बदलते ढंग हैं** **हर पल बदलते ढंग हैं** ********************* मौसम के बहुत रंग है, हर पल बदलते ढंग हैं। हर रुत का अपना मज़ा, खुशी और नजारे संग है। बारिशें हो या धूप... Hindi · ग़ज़ल 1 252 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 May 2023 · 1 min read *बिखरा जीवन का ताश है* *बिखरा जीवन का ताश है* ********************* प्यासे नैनों में प्यास है, जिंदा दिल में ये आस है। राजा , बेगम , जोकर नहीं, बिखरा जीवन का ताश है। फीका फीका... Hindi · ग़ज़ल 123 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 May 2023 · 1 min read कितने दिल के करीब हो कितने दिल के करीब हो ******************* कितने दिल के करीब हो, तुम मेरे ही नसीब हो। तुम बिन सुंदर जहां नहीं, सच्चे साथी हबीब हो। कोई गम सह सकें नहीं,... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल 202 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 May 2023 · 1 min read *जब जीना ही हर हाल है* *जब जीना ही हर हाल है* ********************* जब जीना ही हर हाल है, फिर क्यों चिंता मलाल है। लोभ,मोह,क्रोध ले डूबता, माया ठगनी फैला जाल हैं। मौकापरस्त बन कर लूटते,... Poetry Writing Challenge · कविता 219 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 May 2023 · 1 min read *जब जीना ही हर हाल है* *जब जीना ही हर हाल है* ********************* जब जीना ही हर हाल है, फिर क्यों चिंता मलाल है। लोभ,मोह,क्रोध ले डूबता, माया ठगनी फैला जाल हैं। मौकापरस्त बन कर लूटते,... Hindi · कविता 154 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 May 2023 · 1 min read किसी नजर को तेरी तलाश है किसी नजर को तेरी तलाश है ************************ किसी नजर को तेरी तलाश हैँ, न जो दिखे मन रहता उदास है। मिलो कभी आकर देख माजरा, हुआ असर दिल भी निराश... Poetry Writing Challenge · कविता 244 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 May 2023 · 1 min read *मै ही हूँ आपका कोई दूजा नहीं* *मै ही हूँ आपका कोई दूजा नहीं* ************************** तुम ही हूँ आसरा कोई दूजा नहीं, मै ही हूँ आपका कोई दूजा नहीं। ढूँढा सारा जहां मिल पाये ही नहीं, तुम... Poetry Writing Challenge · कविता 234 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 May 2023 · 1 min read *अब हाल क्या पूछना घाव तो मर गए है* *अब हाल क्या पूछना घाव तो मर गए है* ******************************** अब क्या हाल पूछना घाव तो भर गए हैँ, तुम को देखने के अरमान भी मर गए हैँ। ऑंखें भी... Poetry Writing Challenge · कविता 296 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 May 2023 · 1 min read *जमीनें हैँ महंगी जमीर बहुत ही सस्ते* *जमीनें हैँ महंगी जमीर बहुत ही सस्ते* ****************************** जमीनें हैँ महंगी जमीर बहुत ही सस्ते, इंसानियत के उठ गये जमीं पर बस्ते। हर कोई बहरा सुनना चाहता न कोई, झूठी... Poetry Writing Challenge · कविता 186 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 May 2023 · 1 min read *प्रीत पराई की बुरी पीर घड़ी* *प्रीत पराई की बुरी पीर घड़ी* *********************** तुम नहीं तो तेरी याद सही, कुम्हलाई है हर कली खिली। भूले न भुलाये भूली बिसरी, याद है हर बात जो भी कही।... Poetry Writing Challenge · कविता 246 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 May 2023 · 1 min read बस इतनी सी कहनी बात है बस इतनी सी कहनी बात है ********************** बस इतनी सी कहनी बात है, मै हूँ तू जो हर पल साथ हैं। नीले नयन नीला नभ निहारें चाँद-सितारों से भरी रात... Poetry Writing Challenge · कविता 243 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 May 2023 · 1 min read *चुपके-चुपके खोई प्रोफाइल देखती हो* *चुपके-चुपके खोई प्रोफाइल देखती हो* ******************************* चुपके-चुपके खोई प्रोफाइल देखती हो, बिना तुम्हारे कैसी स्माइल देखती हो। कुछ भी न रहा दिल मे हमारे आप बिन, छोड़ कर दिल तोड़... Poetry Writing Challenge · कविता 199 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 May 2023 · 1 min read *इश्क तो सदा यारों भरी रवानी में होता है* *इश्क तो सदा यारों भरी रवानी में होता है* ********************************* जरूरी नहीं कि इश्क जवानी में होता है, इश्क तो सदा यारों भरी रवानी मे होता है। कहीं पर जरा... Poetry Writing Challenge · कविता 200 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 May 2023 · 1 min read *हँसना चाहूँ तो रो पड़ता हूँ* *हँसना चाहूँ तो रो पड़ता हूँ* *********************** हँसना चाहूँ तो रो पड़ता हूँ, जीने की चाहत में मरता हूँ। फ़िजा के फूल मन नहीं भाए, वक्त का पहिया चलता जाए,... Poetry Writing Challenge · कविता 127 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 May 2023 · 1 min read **तीर सी सीधी चुभती बातें खरी-खरी** **तीर सी सीधी चुभती बातें खरी-खरी** ******************************** तेरे अंदर देखी जमा कतई बात कसूती सैं, यारां का है यार बाकी बेशक बातें झूठीं सैं। तीर सी सीधी चुभती तेरी बातें... Poetry Writing Challenge · कविता 219 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 May 2023 · 1 min read ***** नीले नशीले नैन कटोरे ***** ***** नीले नशीले नैन कटोरे ***** ***************************** छोरी के नीले नशीले नैन कटोरे सैं, छैल - छबीले जिन पर मरते छोरे सैं। पैर कटन नै होरे भीड़ लाग रही भारी,... Poetry Writing Challenge · कविता 161 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 May 2023 · 1 min read *पेड़ों की छाँव बहुत शीत है* *पेड़ों की छाँव बहुत शीत है* *********************** पेड़ों की छाँव बहुत शीत है, तेज दोपहरी मे वही मीत है। कल कल कलरव करते पंछी, पक्षी गाते रहते मधुर गीत हैं।... Poetry Writing Challenge · गीत 109 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 May 2023 · 1 min read *नदिया किनारे मेरे गाँव में* *नदिया किनारे मेरे गाँव में* ********************* पीपल की सघनी छाँव मे, नदिया किनारे मेरे गाँव में। नहर किनारे हम चलते थे, कांटे चुभते थे नंगे पाँव मे। सीधे-साधे सादे पहरावे... Poetry Writing Challenge · कविता 142 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 May 2023 · 1 min read **तुम क्या जानो दास्तां** **तुम क्या जानो दास्तां** ********************* तुझे नजरों मे छुपाया है, खुद के दिल मे बसाया है। तुम क्या जानो ये दास्तां, तुम्हे पलकों पै बैठाया है। एक पल भी कटता... Poetry Writing Challenge · कविता 134 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 May 2023 · 1 min read *अंग गौरी तेरे जैसे गहने हों भारी* *अंग गौरी तेरे जैसे गहने हों भारी* *************************** अंग गौरी तेरे जैसे गहने हों भारी, निहारूँ नैन नशीले मत जाए मारी। यौवन का जादू सिर चढ़ कर बोले, पाऊँ न... Poetry Writing Challenge · कविता 104 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 May 2023 · 1 min read *जरा आगोश मे तो आओ हम होश में नहीं" *जरा आगोश मे तो आओ हम होश में नहीं" *********************************** जरा आगोश में तो आओ हम होश में नहीं, यूँ अधर में न छोड़ जाओ हम होश में नहीं। देख... Poetry Writing Challenge · कविता 93 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 May 2023 · 1 min read *हमे अब भी गुजरा जमाना याद है* *हमे अब भी गुजरा जमाना याद है* **************************** हमें अब भी गुजरा जमाना याद है, हसीं पल से शोभित फ़साना याद है। मिलूँ कैसे तुम से कहाँ सूना जहां, बनाया... Poetry Writing Challenge · कविता 93 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 May 2023 · 1 min read *बसते हो तुम साँसों में* *बसते हो तुम साँसों में* ******************* बसते हो तुम साँसों में, चर्चे तेरे ही मेरी बातों में। नींद में भी देखूँ हर-दम, सपनों मे रहते रातों में। राही से हमराही... Poetry Writing Challenge · कविता 97 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 May 2023 · 1 min read ***जाने कैसे ये हादसा हो गया*** ***जाने कैसे ये हादसा हो गया*** *************************** जाने कैसे ये हादसा हो गया, अपनों में ही झट लापता हो गया। मौका ये कैसा आ गया दरमियाँ, हम दोनों में ही... Poetry Writing Challenge · कविता 115 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 May 2023 · 1 min read हम पंछी गगन के हैँ तेरे हम पंछी गगन के हैँ तेरे ******************* साँई धीर धरो मन मेरे, हम पंछी गगन के हैँ तेरे। नीर भरा नैनों में हर दम, हर पल गाएँ तेरी सरगम, प्रभु... Poetry Writing Challenge · गीत 68 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 May 2023 · 1 min read **तंग करने लगी खुद की परछाई है** **तंग करने लगी खुद की परछाई है** ******************************* तंग करने लगी खुद की ही परछाई है, देखो तो सही यह कैसी नौबत आई है। देख लिया कोना कोना देखी दुनियादारी,... Poetry Writing Challenge · कविता 104 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 May 2023 · 1 min read *बहुत मिलेंगे खुशियों में जहर घोलने वाले* *बहुत मिलेंगे खुशियों में जहर घोलने वाले* ********************************** बहुत मिलेंगे खुशियों में जहर घोलने वाले, पर मिलते नहीं हैं गमों का भार तौलने वाले। नहीं रहा किसी में भी कुछ... Poetry Writing Challenge · कविता 238 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 May 2023 · 1 min read **फूलों सा सुन्दर गांव मेरा है** **फूलों सा सुन्दर गांव मेरा है** ************************* जहां पशु पक्षियों का बसेरा है, फूलों सा सुन्दर गांव मेरा हैं। कोयल मधुरिम गान सुनाती है, जहां पुरवाई सुहानी आती है, शुद्ध... Poetry Writing Challenge · गीत 93 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 May 2023 · 1 min read ***मन में बहती रहे प्रेम की गंगा**** ***मन में बहती रहे प्रेम की गंगा**** ***************************** मन में बहती रहे सदा प्रेम की गंगा। तनबदन चुस्त तंदरुस्त और हो चंगा। चिंगारी भड़के ही शोला बनती जाती, जाति संप्रदायी... Poetry Writing Challenge · कविता 215 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 May 2023 · 1 min read जी ली जिंदगी अब मरने की बारी है जी ली जिंदगी अब मरने की बारी है ***************************** जी ली जिंदगी अब मरने की बारी है, प्यार करना भी तो एक बीमारी है। हौसलों से भरी हों सारी दिलदारियां,... Poetry Writing Challenge · कविता 201 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 May 2023 · 1 min read जी ली जिंदगी अब मरने की बारी है जी ली जिंदगी अब मरने की बारी है ***************************** जी ली जिंदगी अब मरने की बारी है, प्यार करना भी तो एक बीमारी है। हौसलों से भरी हों सारी दिलदारियां,... Hindi · ग़ज़ल 96 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 May 2023 · 1 min read ***मन में बहती रहे प्रेम की गंगा**** ***मन में बहती रहे प्रेम की गंगा**** ***************************** मन में बहती रहे सदा प्रेम की गंगा। तनबदन चुस्त तंदरुस्त और हो चंगा। चिंगारी भड़के ही शोला बनती जाती, जाति संप्रदायी... Hindi · ग़ज़ल 172 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 May 2023 · 1 min read **फूलों सा सुन्दर गांव मेरा है** **फूलों सा सुन्दर गांव मेरा है** ************************* जहां पशु पक्षियों का बसेरा है, फूलों सा सुन्दर गांव मेरा हैं। कोयल मधुरिम गान सुनाती है, जहां पुरवाई सुहानी आती है, शुद्ध... Hindi · गीत 1 190 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 May 2023 · 1 min read *बहुत मिलेंगे खुशियों में जहर घोलने वाले* *बहुत मिलेंगे खुशियों में जहर घोलने वाले* ********************************** बहुत मिलेंगे खुशियों में जहर घोलने वाले, पर मिलते नहीं हैं गमों का भार तौलने वाले। नहीं रहा किसी में भी कुछ... Hindi · कविता 228 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 May 2023 · 1 min read ************* रोटियां ************ ************* रोटियां ************ ******************************** हर रोज कहीं न कहीं सेंकते है रोटियां, खुले बाजार सरेआम बेचते है रोटियां। इंसानियत नीलामी की ओर है भागती, कोई बेचता तो कोई खरीदते है... Hindi · कविता 142 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 May 2023 · 1 min read ************* रोटियां ************ ************* रोटियां ************ ******************************** हर रोज कहीं न कहीं सेंकते है रोटियां, खुले बाजार सरेआम बेचते है रोटियां। इंसानियत नीलामी की ओर है भागती, कोई बेचता तो कोई खरीदते है... Hindi · कविता 87 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 May 2023 · 1 min read **तंग करने लगी खुद की परछाई है** **तंग करने लगी खुद की परछाई है** ******************************* तंग करने लगी खुद की ही परछाई है, देखो तो सही यह कैसी नौबत आई है। देख लिया कोना कोना देखी दुनियादारी,... Hindi · कहानी 186 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 May 2023 · 1 min read अपने सपने खुद चुन लो अपने सपने खुद चुन लो ******************* दिल की पुकार सुन लो, अपने सपने खुद बुन लो। रंग बदलते पल पल लोग, संगी साथी तुम चुन लो। बेसुरों से भरी है... Hindi · कविता 72 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 May 2023 · 1 min read *जिंदा हो तो जिंदापन का अहसास जरूरी है* *जिंदा हो तो जिंदापन का अहसास जरूरी है* ************************************* जिंदा हो तो जिंदापन का अहसास जरूरी है। कभी न कभी होना अपनों के पास जरूरी है। काटे नहीं कटते दिन... Hindi · कविता 164 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 May 2023 · 1 min read प्रेम भरे कभी लिखते खत थे प्रेम भरे कभी लिखते खत थे *********************** प्रेम भरे कभी लिखते खत थे, कुछ उनके कुछ मेरे मत थे। ख्वाब में आकर जो भी कहा, उन ख्यालों से हम सहमत... Hindi · ग़ज़ल 242 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 May 2023 · 1 min read *सत्य तोलना हो तो जगदीश तुम बनो* *सत्य तोलना हो तो जगदीश तुम बनो* ******************************* झूठा बोलना हो तो वकील तुम बनो, अक्ल से भेदना हो तो अकील तुम बनो। विष जो समेटना हो तो सतीश तुम... Hindi · कविता 135 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 May 2023 · 1 min read ********* रंग बदलते लोग ********* ********* रंग बदलते लोग ********* ******************************** कितने अंजान चेहरे दुनिया में मिलते है, उनमें से कितने जो जिंदगी भर चलते है। कुछ शक्ल के सुंदर मौकापरस्त होते है, बदन को... Hindi · कविता 184 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 May 2023 · 1 min read निगाहों निगाहों में पाया है तुझको निगाहों निगाहों में पाया है तुझको *************************** निगाहों निगाहों में पाया है तुझको, प्यार के समुंद्र में पाया है तुझको। चांद सितारों में नहीं ढूंढ पाए, काली बदरिया में पाया... Hindi · ग़ज़ल 269 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 May 2023 · 1 min read **शिक्षक की बना दी बॉल** **शिक्षक की बना दी बॉल** *********************** शिक्षक की बना दी है बॉल, हर कोई जिस पर दागे गोल। सारी बाते थोप कर अपनी, फिर पूछते क्या करना बोल। नई नई... Hindi · कविता 132 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 May 2023 · 1 min read *आंखों में अश्क समाये हैं* *आंखों में अश्क समाये हैं* ********************** आंखों में अश्क समाये हैं, जब से हुए वो पराये हैं। दिल से कभी गए दूर नहीं, भूले से भी नहीं भुलाये हैं। पलभर... Hindi · ग़ज़ल 257 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2 May 2023 · 1 min read ********मिट्टी की खुश्बू****** ********मिट्टी की खुश्बू****** ************************** मिट्टी की खुश्बू वापिस बुलाती है, याद आए तो पल पल रुलाती हैं। छोड़ कर जब से मिट्टी अलग हुए, अकेलेपन की अग्नि में सुलग गए,... Hindi · गीत 1 162 Share Previous Page 10 Next