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इश्क़-ए-फन में फनकार बनना हर किसी के बस की बात नहीं होती,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कितनी गौर से देखा करते थे जिस चेहरे को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हर रोज़ सोचता हूं यूं तुम्हें आवाज़ दूं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रात बसर कर ली है मैंने तुम्हारे शहर में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
घर की गृहलक्ष्मी जो गृहणी होती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तन्हाई में अपनी परछाई से भी डर लगता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सज़ा-ए-मौत भी यूं मिल जाती है मुझे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चाय सी महक आती है तेरी खट्टी मीठी बातों से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रात बसर हो जाती है यूं ही तेरी यादों में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ये फुर्कत का आलम भी देखिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हर एक सांस सिर्फ़ तेरी यादें ताज़ा करती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
क्या ख़ूब तरसे हैं हम उस शख्स के लिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
किसी मनपसंद शख्स के लिए अपनी ज़िंदगी निसार करना भी अपनी नई ज
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
उस बाग का फूल ज़रूर बन जाना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सात रंगों से सजी संवरी हैं ये ज़िंदगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इक ज़िंदगी मैंने गुजारी है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ज़िंदगी जी तो लगा बहुत अच्छा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यूं तेरी आदत सी हो गई है अब मुझे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बस यूं बहक जाते हैं तुझे हर-सम्त देखकर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तुमको अच्छा तो मुझको इतना बुरा बताते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बड़ी बेरंग है ज़िंदगी बड़ी सुनी सुनी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पल दो पल की शोहरतें भी तमाशे जैसी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हम सा भी कोई मिल जाए सरेराह चलते,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
उस दर पर कोई नई सी दस्तक हो मेरी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इक उम्र जो मैंने बड़ी सादगी भरी गुजारी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
खुश मिजाज़ रहना सीख लो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वो तो हंसने हंसाने की सारी हदें पार कर जाता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बिखरी छटा निराली होती जाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वो एक संगीत प्रेमी बन गया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
शब-ए-सुखन भी ज़रूरी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कुछ लोग चांद पर दाग लगाते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है दोस्तों यहां पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कुछ पाने के लिए कुछ ना कुछ खोना पड़ता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आज ख़ुद के लिए मैं ख़ुद से कुछ कहूं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ज़िंदगी में इक हादसा भी ज़रूरी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कोई हादसा भी ज़रूरी है ज़िंदगी में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
किसी को सच्चा प्यार करने में जो लोग अपना सारा जीवन लगा देते
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बेवजह की नजदीकियों से पहले बहुत दूर हो जाना चाहिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वो जो मुझसे यूं रूठ गई है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जीवन में असली कलाकार वो गरीब मज़दूर
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रखी हुई है अनमोल निशानी, इक सुन्दर दुनिया की,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आओ नववर्ष के पावन पर्व की प्रीती मनाएं
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जीवन का सितारा
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कहां कहां ढूंढू तुझे मैं गज़लों में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हर इक रंग बस प्यास बनकर आती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हर रोज़ मेरे ख़्यालों में एक तू ही तू है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इश्क़ में हम कोई भी हद पार कर जायेंगे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मोहब्बत के बारे में तू कोई, अंदाजा मत लगा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ससुराल से जब बेटी हंसते हुए अपने घर आती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कई बार मेरी भूल भी बड़ा सा ईनाम दे जाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"