Minal Aggarwal 1149 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 10 Next Minal Aggarwal 16 Dec 2021 · 1 min read तब भी यह लकड़ियां ही यह लकड़ी का दरवाजा है यह लकड़ी की खिड़की यह लकड़ी की कुर्सी है यह लकड़ी का पलंग यह घर सुशोभित है लकड़ी से बने साजो सामान से जब यह... Hindi · कविता 1 412 Share Minal Aggarwal 16 Dec 2021 · 1 min read यह घर इतने पुराने हैं कि यह घर इतने पुराने हैं कि इन्हें देखकर लगता है कि अब गिरे अब गिरे लेकिन लोग अब भी इनमें रहते हैं अपनी जान जोखिम में डालकर न जाने इस... Hindi · कविता 1 262 Share Minal Aggarwal 16 Dec 2021 · 1 min read एक रेशम की कच्ची डोर सा जीवन है एक रेशम की कच्ची डोर सा दूर से देखो तो लगे एक जायकेदार पक रहे भोजन सा पास जाकर देखो तो लगे अधपका मरा मरा सा एक आंख... Hindi · कविता 207 Share Minal Aggarwal 15 Dec 2021 · 1 min read मौत के सफर का तुम चले तुम्हारे पीछे पीछे वह चली तुम दोनों के पीछे मैं चलने को हरदम रहती तैयार लेकिन रोक लेती हूं खुद को इंतजार करते हैं अपनी बारी का तब... Hindi · कविता 1 1 181 Share Minal Aggarwal 15 Dec 2021 · 1 min read एक धुएं की लकीर की तरह तुम तो एक धुएं की लकीर की तरह मिट गई खुद में सिमटती चली गई खुद खुद में समा गई और खुद के आगोश से ही लिपट गई। मीनल सुपुत्री... Hindi · कविता 398 Share Minal Aggarwal 15 Dec 2021 · 1 min read एक बहती हुई नदी एक बहती हुई नदी हर दृश्य को पीछे छोड़ती हुई आगे बढ़ती जा रही है क्या इसीलिये इसका इंतजार किया इन सबने सदियों तक पीछे छूटने के लिए साथ लेकर... Hindi · कविता 295 Share Minal Aggarwal 14 Dec 2021 · 1 min read मन की आंखों से मन की आंखों से पढ़ती हूं मैं तेरे दिल की किताब तू क्या कहता है मैं क्या सुनती हूं यह कुछ मायने नहीं रखता। मीनल सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार इंडियन... Hindi · कविता 199 Share Minal Aggarwal 14 Dec 2021 · 1 min read खामोश हो जाऊं जी चाहता है कि खामोश हो जाऊं मुंह से कुछ न बोलूं बस जो कहना चाहती हूं उसे लिखकर ही अपने दिल के भेद खोलूं कोई कुछ सुनना ही नहीं... Hindi · कविता 181 Share Minal Aggarwal 14 Dec 2021 · 1 min read एक रोशनी से भरा सवेरा नहीं यह रिश्ते मुझे एक रोशनी से भरा सवेरा नहीं अंधकार से भरी रात देते हैं मैं इन्हें अब अपने पास कभी आने नहीं दूंगी मेरा अनुभव इनके साथ खराब है... Hindi · कविता 202 Share Minal Aggarwal 13 Dec 2021 · 1 min read प्रेम के सागर सी मैं प्रेम के सागर सी मैं पर प्रेम मिले न कहीं से एक बूंद भी फिर मैं सागर हूं किसका प्रेम की बूंदों का या मन की आंखों से छलकते आंसुओं... Hindi · कविता 271 Share Minal Aggarwal 13 Dec 2021 · 1 min read यह चांद जाग रहा मेरे साथ रात सो रही यह चांद जाग रहा मेरे साथ तन्हा रहने की आदत इसे भी हो गई मोहब्बत का सफर यह भी तय कर रहा जाग जागकर रात भर मेरे... Hindi · कविता 334 Share Minal Aggarwal 13 Dec 2021 · 1 min read मंजिल करीब हो तो मंजिल करीब हो तो सफर का मजा क्या रहेगा हम तो उन मुसाफिरों में से हैं जो मंजिल सामने खड़ी देख अपने कदमों की रफ्तार धीमी कर लेते हैं या... Hindi · कविता 359 Share Minal Aggarwal 12 Dec 2021 · 1 min read बिना अपनों का सफर और मंजिल लोगों की जाने पहचानों की अंजानों की सबकी भीड़ जोड़ना बस जो बिल्कुल अपने हैं उन्हें छोड़ देना उन्हें भुलाकर उन्हें सताकर उन्हें एक कोने में बिठाकर उन्हें अपमानित करके... Hindi · कविता 1 1 135 Share Minal Aggarwal 12 Dec 2021 · 1 min read पत्थर को भी एक फूल फूल को फूल ही और पत्थर को भी एक फूल ही समझ लेना मारने वाले को गर नहीं रोक पा रहे उसका हाथ आगे बढ़कर नहीं पकड़ पा रहे उसने... Hindi · कविता 1 1 168 Share Minal Aggarwal 12 Dec 2021 · 1 min read चंदन के पेड़ के नीचे चंदन के पेड़ के नीचे चंदन की ही खुशबू आयेगी बस इतनी भर चेष्टा तुम्हें करनी होगी कि एक चंदन का पेड़ ढूंढना होगा उस तक चलकर पहुंचना होगा उसके... Hindi · कविता 1 367 Share Minal Aggarwal 11 Dec 2021 · 1 min read नींद से जगने पर सपनों की दुनिया में जो लोग उम्र भर जीते रहते हैं उन्हें नींद से जगने पर सच के धरातल पर चलना पड़े तो पटक बड़े कसकर लगती है इतनी तेज... Hindi · कविता 1 433 Share Minal Aggarwal 11 Dec 2021 · 1 min read कुछ तलाशती रहती हूं पर कुछ तलाशती रहती हूं पर जो खोजना चाह रही हूं वह मिल नहीं पा रहा कुछ कहना चाहती हूं पर जो सबके समक्ष बात बोलना चाह रही हूं उसके लिये... Hindi · कविता 1 202 Share Minal Aggarwal 11 Dec 2021 · 1 min read तुम शिव नहीं यह सर्प कहीं भूले से गले में मत डाल लेना बहुत जहरीला है तुम्हें डस लिया इससे गर तो तुम्हारी मौत निश्चित है तुम शिव की संतान हो शिव के... Hindi · कविता 1 296 Share Minal Aggarwal 10 Dec 2021 · 1 min read यह चिनार है इस चिनार के पेड़ की खूबसूरती ही इसी में है कि यह चिनार है खुद में जज्ब है खुद से कोई शिकायत नहीं किसी की तरफ देखता नहीं किसी से... Hindi · कविता 333 Share Minal Aggarwal 10 Dec 2021 · 1 min read उसके अरमानों की बारात सजाने के लिए उसके अरमानों की बारात सजाने के लिए इस घर से एक एक करके न जाने कितनों के जनाजे उठेंगे उसके घर को शीश महल बनाने के लिए न जाने इस... Hindi · कविता 202 Share Minal Aggarwal 10 Dec 2021 · 1 min read हौसले की उड़ान सफलता की उड़ान इतनी भी ठीक नहीं कि आसमान के पार पहुंच जायें और जमीन को पीछे छोड़ दें और उसे पहचानना ही भूल जायें हौसले की उड़ान बस वहीं... Hindi · कविता 257 Share Minal Aggarwal 9 Dec 2021 · 1 min read वह कत्ल भी करेंगे तो उनकी अदा के क्या कहने बेअदबी करते हैं बड़े ही अदब से किसी का गला काटते हैं बड़े ही फख्र से सीना ठोककर बेशर्मी से हर बात किसी को भी... Hindi · कविता 1 289 Share Minal Aggarwal 9 Dec 2021 · 1 min read प्यास है तो दरिया भी कहीं पास है प्यास है तो दरिया भी कहीं पास है अपनों की कहीं मन में गहरी दबी चाह है तो उनसे मिलने का जरिया भी कहीं आसपास है वह मिलें या ना... Hindi · कविता 225 Share Minal Aggarwal 9 Dec 2021 · 1 min read अपना व्यवहार सबसे चाहे कुछ भी हो जाये अपना व्यवहार सबसे अच्छा रखिये यही एकमात्र ऐसा हथियार होता है जो किसी भी प्राणी की जीवन नैय्या को डगमगाकर डूबने से भवसागर में बचा... Hindi · कविता 180 Share Minal Aggarwal 8 Dec 2021 · 1 min read यह अंतर जानना बेहद जरूरी कोई मुझे याद करता है या अपना समय व्यतीत करने के लिए मुझसे बात करता है यह अंतर जानना बेहद जरूरी है नहीं तो जीवन उलझकर रह जायेगा न प्यार... Hindi · कविता 173 Share Minal Aggarwal 8 Dec 2021 · 1 min read जिन्दगी की खामोशी टूटती है जब जिन्दगी की खामोशी टूटती है जब मौत उसके दरवाजे पर देती है दस्तक और उसके सामने खड़ी होती है यह होता है वह पल जब खामोशी शोर मचाना चाहती है... Hindi · कविता 300 Share Minal Aggarwal 8 Dec 2021 · 1 min read यह दरिया यह दरिया शांत नहीं जानलेवा है बहुत लोगों को देखा है मैंने इसमें उतरते हुए किनारे पर तो न लगते हुए पर हां अपनी जान जरूर ही गंवाते हुए। मीनल... Hindi · कविता 196 Share Minal Aggarwal 7 Dec 2021 · 1 min read अनदेखा न वह एक अजगर की तरह किसी को निगलता था न ही एक सर्प की तरह डसता था वह तो सामने वाले को इस कदर अनदेखा करता था कि अपमान... Hindi · कविता 203 Share Minal Aggarwal 7 Dec 2021 · 1 min read शबनम का एक फूल थी वह शबनम का एक फूल थी वह हाथ लगाते ही झड़कर बिखर गई लोग फिर भी देखो तो कैसे नासमझ थे उसे हाथ में पत्थर उठाये उठाये मारने को फिरते रहते... Hindi · कविता 409 Share Minal Aggarwal 7 Dec 2021 · 1 min read इस दुनिया में गर रहना है तो पल पल जिन्दगी बदलती तो है पर उसका लेखा जोखा रखने का समय किसके पास है कहानियां तो अनगिनत हो सकती हैं हो क्या सकती हैं होती ही हैं पर... Hindi · कविता 195 Share Minal Aggarwal 6 Dec 2021 · 1 min read यह पगला मैं चाहूं या न चाहूं चांद अंधेरी रातों को अक्सर रोशन कर ही जाता है यह नहीं जानता कि कभी कभी अंधेरा इतना मन को भा रहा होता है कि... Hindi · कविता 224 Share Minal Aggarwal 6 Dec 2021 · 1 min read जिन्दगी के सफर में ही मैं तो जिन्दगी के सफर में ही खुश हूं मंजिल की मुझे चाह नहीं मेरी मंजिल कहीं मौत हुई तो फिर मुझे इसकी तलाश नहीं। मीनल सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार... Hindi · कविता 167 Share Minal Aggarwal 6 Dec 2021 · 1 min read तुम्हारी खामोशी तुम्हारी खामोशी दिल में एक तीर सी चुभ रही है कितना कम मिलते हैं हम फिर भी तुम मुझसे बोलने को राजी नहीं ऐसी भी क्या नाराजगी ऐसी भी क्या... Hindi · कविता 272 Share Minal Aggarwal 5 Dec 2021 · 1 min read पत्थर की एक मूरत से मैं बोल रही हूं वह कुछ सुन ही नहीं रहे न कुछ बोल रहे न कोई जवाब दे रहे न चेहरे पर कोई भाव न होठों पर कोई मुस्कुराहट न... Hindi · कविता 371 Share Minal Aggarwal 5 Dec 2021 · 1 min read रिश्तों की डोर को कभी कसो कभी ढीला छोड़ो ज्यादा खिंचाव ज्यादा कसाव ज्यादा तनाव फिर अन्ततः रिश्तों की डोर को तोड़ ही देगा एक तरफा प्यार एक तरफा अच्छाई एक तरफा रिश्तों की... Hindi · कविता 3 1 214 Share Minal Aggarwal 5 Dec 2021 · 1 min read मुक्त एक एक करके मुझसे सब कुछ ले लो मेरी जिन्दगी भी ले लो किसी भी चीज का अब मोह नहीं रहा मुझे न कोई आरजू न कोई जुस्तजू न ही... Hindi · कविता 487 Share Minal Aggarwal 4 Dec 2021 · 1 min read कोई अपना सा सपना यह भी मेरा अपना वह भी मेरा अपना क्या दिन में भी खुली आंखों से मैं देखती हूं सच होता कोई अपना सा सपना कोई अपना हो या न हो... Hindi · कविता 449 Share Minal Aggarwal 4 Dec 2021 · 1 min read आंखें बंद करती हूं तो भी आंखें बंद करती हूं तो भी पलभर का आराम नहीं मिलता बल्कि दिल में और तूफान सा उठ जाता है रहा सहा चैन और सुकून भी हवा सा काफूर हो... Hindi · कविता 1 396 Share Minal Aggarwal 4 Dec 2021 · 1 min read तेरी याद में मैं कहीं भी जाती हूं तेरी याद में ही घुली जाती हूं देखने वालों को लगता है मैं मस्त हूं खुश हूं लेकिन यह तो मेरा दिल ही जानता है... Hindi · कविता 1 446 Share Minal Aggarwal 3 Dec 2021 · 1 min read साज रिश्तों की खनक का दो दिल हैं उनको बांधती दो तारें एक मोहब्बत की दूसरी नफरत की एक जुड़ी हुई दूसरी टूटी हुई एक धातु की, कम्पन करती दूसरी कांच की, अंगुली काटती एक... Hindi · कविता 425 Share Minal Aggarwal 3 Dec 2021 · 1 min read खुशियों के दीपों का दीपोत्सव आज के दिन जिस जिस का हो जन्मदिन मैं उसको उसके जन्मदिवस की दिल से बधाई देती हूं चाहे कोई मेरे पास है या मुझसे दूर मेरा अपना या पराया... Hindi · कविता 176 Share Minal Aggarwal 3 Dec 2021 · 1 min read दुख के सागर में तुम अरे क्या हुआ भई इतनी मायूसी चेहरे पर क्यों छाई हुई है तुम तो कुछ बता पाने की स्थिति में भी नहीं हो दर्द ही दर्द छलक रहा है तुम्हारी... Hindi · कविता 226 Share Minal Aggarwal 2 Dec 2021 · 1 min read तेरा मेरा साथ हाथ में हाथ तेरा मेरा साथ कहीं कोई दूरी नहीं तू दिल के कितना करीब बह रहा है समय निरंतर किसी के लिए ठहरता नहीं यह जीवन की डोर टूट... Hindi · कविता 274 Share Minal Aggarwal 2 Dec 2021 · 1 min read अब कहो आगे कहां चलना है यहां तक तो आ गये अब कहो आगे कहां चलना है कच्ची है यह पगडंडियां खेतों की दलदली है मिट्टी इन खुले हरे मैदानों की इनपर से होकर आसमान तक... Hindi · कविता 203 Share Minal Aggarwal 2 Dec 2021 · 1 min read तू मेरे जीवन का सबसे अनमोल तोहफा तू मेरी बगिया का एक सुंदर फूल तुझसे ही रोशन मेरी हर सुबह तुझसे ही खिलता मेरी हर रात्रि के स्वप्न का नूर तू जो खिलखिलाये मैं रोते से हंस... Hindi · कविता 289 Share Minal Aggarwal 1 Dec 2021 · 1 min read मन एक उदासी का घर ऐसा क्या देख लिया कि मन एक उदासी का घर बन गया कुछ बताते भी नहीं घड़ी भर को मुस्कुराते भी नहीं आंसू भी अपनी आंखों से बहाते नहीं कोई... Hindi · कविता 1 511 Share Minal Aggarwal 1 Dec 2021 · 1 min read कच्ची कली कचनार की गुलाबी मौसम की बहार सी बर्फ की शिला से निकली एक आग की लहराती धार सी कच्ची कली कचनार की लचक जाये गुलाब के फूलों से लदे हरे पौधे की... Hindi · कविता 1 1 1k Share Minal Aggarwal 30 Nov 2021 · 1 min read चितकबरी सी एक सुबह चितकबरी सी एक सुबह जैसे एक बाघ की खाल सिकुड़ी सी उठकर फैलकर फिर सिमटकर कह रही हो सोने के लिए। मीनल सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज सासनी... Hindi · कविता 368 Share Minal Aggarwal 30 Nov 2021 · 1 min read जब तक मेरा दिल है कहने को तू दूर है पर जब तक मैं हूं तब तक तो कम से कम मेरे दिल के बहुत करीब है जब तक मेरा दिल है तू है जब... Hindi · कविता 194 Share Minal Aggarwal 30 Nov 2021 · 1 min read उसको नहीं पता था कि उसको नहीं पता था कि यह उसके जीवन का आखिरी पल था जो उसे देख रहा था उसको भी यह सब नहीं पता था वह मर गया उसका जीवन खत्म... Hindi · कविता 171 Share Previous Page 10 Next