अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' Language: Hindi 1261 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 8 Next अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 Feb 2022 · 1 min read मेरी पतवार भी तू , मेरा साहिल भी तू, मेरी मंजिल भी तू मेरी पतवार भी तू , मेरा साहिल भी तू, मेरी मंजिल भी तू एक तुझसे ही मेरी कोशिशों का समंदर हो रहा रोशन मेरा हमसफ़र भी तू , मेरे प्रयासों... Hindi · कविता 1 229 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 Feb 2022 · 1 min read उड़ चलो सपनों के बादलों के साथ 1. उड़ चलो सपनों के , बादलों के साथ लेकर कोशिशों का , समंदर अपार करो अपने, प्रयासों का विस्तार मंजिल पाने के , रास्ते हज़ार 2. गिरने - उठने... Hindi · मुक्तक 2 434 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 29 Jan 2022 · 1 min read जब तेरा मन प्रभु भक्ति में लीन होने लगे जब तेरा मन प्रभु भक्ति में लीन होने लगे जब तेरी अंतरात्मा को ये संसार नाशवान लगने लगे जब दूसरों का कल्याण तेरा धर्म होने लगे तब समझना कि तुम... Hindi · मुक्तक 3 463 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 29 Jan 2022 · 1 min read पावन विचारों की गंगा से पावन विचारों की गंगा से जब तेरा अंतर्मन प्रफुल्लित होने लगे तब समझना कि तुम एक पुण्य आत्मा की तरह धरा पर विचरण कर रहे हो l Hindi · मुक्तक 3 246 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 29 Jan 2022 · 1 min read जिस दिन नेताओं की अंतरात्मा में जिस दिन नेताओं की अंतरात्मा में राष्ट्रवाद जाग जाएगा प्रांतवाद समाप्त हो जाएगा देश प्रगति की राह पर अग्रसर हो जायेगा Hindi · मुक्तक 2 258 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 29 Jan 2022 · 1 min read बहारों फूल बरसाओ बहारों फूल बरसाओ कर दो मेरा आशियाँ रोशन महका दो आशियाँ को मेरे ये आशियाँ हो जाये जन्नत Hindi · मुक्तक 1 251 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Jan 2022 · 1 min read मिटा दो मन से मिटा दो मन से शंकाएं, उलझन, संशय सभी बढ़ चलो नवजीवन की ओर | पुष्पित करो नई राहें , नए विचार बढ़ चलो मंजिल की ओर | क्यूं कर असफल... Hindi · कविता 2 391 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Jan 2022 · 5 min read शरारत – कहानी शरारत – कहानी राकेश हंस के परिवार में कुल आठ सदस्य थे | राकेश उनकी पत्नी निहारिका , दो बच्चे प्रिया और सुमित के अलावा उनके माता-पिता , छोटा भाई... Hindi · कहानी 3 4 924 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 24 Jan 2022 · 1 min read मेरी बिटिया रानी फ़ूलों की खुशबू सी महके, मेरी बिटिया रानी चंदा की चाँदनी सी चमके, मेरी बिटिया रानी संस्कारों से पोषित हो, मेरी बिटिया रानी आसमाँ पर चमके, मेरी बिटिया रानी आँचल... Hindi · कविता 5 8 1k Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 22 Jan 2022 · 1 min read कभी वो करती है तकरार कभी वो करती है तकरार कभी प्यार बेशुमार | कभी वो पायल की झंकार कभी वो चंडी का अवतार | कभी श्रृंगार बेशुमार उसके नखरे हैं हज़ार | कभी चढ़... Hindi · कविता 2 2 257 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 22 Jan 2022 · 2 min read चुनावी वादे करने का आ गया मौसम चुनावी वादे करने का , आ गया मौसम वोटरों को लुभाने का, आ गया मौसम | कोरोना ने दी दस्तक , अपने पुनः आगमन की इस त्रासदी में अपनों को... Hindi · कविता 3 2 427 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 22 Jan 2022 · 1 min read जब भी मैं उदास जब भी मैं , उदास होता हूँ उस खुदा के आसपास होता हूँ जी रहा हूँ उसके , करम के साए में ख़ुशी और गम में भी उसकी रज़ा है... Hindi · मुक्तक 3 2 235 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 22 Jan 2022 · 1 min read मेरी मुहब्बत का ईनाम मेरी मुहब्बत का ईनाम , दे गए वो मुझको तनहा रातों में सिसकते रहने का सिला, दे गए मुझको Hindi · मुक्तक 2 2 197 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 22 Jan 2022 · 1 min read पुतलों में खोज रहे हैं पुतलों में खोज रहे हैं वो, अपनी कुर्सी बचाने का राज जीवित सिसकती आत्माओं से किनारा कर लिया उन्होंने | Hindi · मुक्तक 2 2 224 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 22 Jan 2022 · 1 min read कभी - कभी कभी - कभी वो मेरे , सपनों में आते हैं मुझे मेरी यादों के साथ , जीने का सिला दे जाते हैं | Hindi · मुक्तक 2 2 249 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 8 Jan 2022 · 1 min read कुर्सी का मोह कुर्सी का मोह जनता पर पड़ रहा भारी बेलगाम होती जा रही कोरोना महामारी Hindi · मुक्तक 4 4 455 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 8 Jan 2022 · 1 min read जब तक देश में जब तक देश में होती रहेंगी चुनावी रैलियां तब तक कोरोना कसता रहेगा अपनी बेड़ियाँ Hindi · मुक्तक 3 2 464 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 8 Jan 2022 · 1 min read जिस देश में जिस देश में नेताओं को जनता की परवाह नहीं उस देश में कम होती कोरोना की रफ़्तार नहीं Hindi · मुक्तक 2 2 198 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 1 Jan 2022 · 1 min read दीपक तले अंधेरा देखा हमने दीपक तले अंधेरा देखा हमने अपनों में परायापन देखा हमने दिखावा करते थे वह अपनी पाक मोहब्बत का मोहब्बत के आशियां को उजड़ते देखा हमने अपनों के अपनेपन के बहुत... Hindi · कविता 6 6 359 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 1 Jan 2022 · 1 min read गीत बनकर संवर जाएगी मेरी कलम एक दिन गीत बनकर संवर जाएगी मेरी कलम एक दिन गजल बन कर निखर जाएगी मेरी कलम एक दिन सद्विचारों का समंदर हो निखर उठेगी मेरी कलम एक दिन गीत इंसानियत के... Hindi · कविता 3 4 295 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 1 Jan 2022 · 1 min read चुन ले आस के मोती , स्वप्न सजा मानवता के चुन ले आस के मोती , स्वप्न सजा मानवता के पंछी कब उड़ जाएगा, एहसास नहीं होगा तुझको पीर पराई जान ले , उनके गम को अपना मान ले बिखर... Hindi · कविता 3 4 288 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 1 Jan 2022 · 1 min read वक्त के साथ जो चलोगे, तो सफल हो जाओगे वक्त के साथ जो चलोगे, तो सफल हो जाओगे वक्त की कद्र जो न की , तो बिखर जाओगे वक्त को अपनी मंजिल का हमसफर , जो बना लोगे तो... Hindi · कविता 5 14 482 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 26 Dec 2021 · 1 min read जग में प्यारा है तू जग में प्यारा है तू, सबसे न्यारा है तू सबकी आँखों का तारा , सबका प्यारा है तू फ़िक्र है सबकी तुझको, तेरे बच्चे हैं हम सच की राह चलें... Hindi · कविता 5 8 306 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 26 Dec 2021 · 2 min read कहानी का नाम - गुमनाम कहानी का नाम - गुमनाम प्रवेश अपने माता पिता की अकेली संतान है | उसके माता-पिता दैनिक मजदूर हैं | प्रवेश को उसके माता - पिता जीवन में एक अच्छे... Hindi · कहानी 5 10 681 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 26 Dec 2021 · 3 min read समय की कीमत – कहानी समय की कीमत – कहानी नलिनी एवं प्राची दोनों पक्की सहेलियां थी | दोनों एक ही कक्षा में पढ़ाई कर रही थी | इस समय दोनों कक्षा आठवीं में थीं... Hindi · कहानी 3 10 1k Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 23 Dec 2021 · 2 min read प्रेरक प्रसंग - संस्मरण प्रेरक प्रसंग - संस्मरण बात 1990 की है जब मैंने जबलपुर के एक कंप्यूटर सेंटर "" ZAPSON COMPUTER CENTRE " को डाटा एंट्री सीखने के लिए ज्वाइन किया | मेरे... Hindi · संस्मरण 3 8 578 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 23 Dec 2021 · 1 min read मेरी पहली कविता की प्रथम चार पंक्तियाँ - संस्मरण मेरी पहली कविता की प्रथम चार पंक्तियाँ - संस्मरण बात 2005 के मई माह की है शायद कल से हमारा ग्रीष्म अवकाश आरम्भ होना था | मैंने अपने पुस्तकालय में... Hindi · संस्मरण 4 8 742 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 23 Dec 2021 · 1 min read मेरा वो रिक्शे को धक्का देना - संस्मरण मेरा वो रिक्शे को धक्का देना - संस्मरण मेरी माताजी जब भी बाजार या मंदिर जाया करती थीं तो मुझे अपने साथ ले जाया करती थीं | मुझे रिक्शे पर... Hindi · संस्मरण 2 2 343 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 23 Dec 2021 · 1 min read काश मेरा मित्र उनसे निवेदन कर लेता - संस्मरण काश मेरा मित्र उनसे निवेदन कर लेता - संस्मरण यह घटना वर्ष 1985 की है एक बार मैं और मेरा मित्र रेलवे स्टेशन पर किसी परिचित को छोड़ने गए |... Hindi · संस्मरण 2 2 373 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 23 Dec 2021 · 2 min read भाई जरा संभलकर ये मुंबई है - कटु अनुभव ( संस्मरण ) भाई जरा संभलकर ये मुंबई है - कटु अनुभव ( संस्मरण ) सन 2016 की बात है मैं अपनी पत्नी के साथ भतीजी की शादी में मुंबई गया | चूंकि... Hindi · संस्मरण 2 2 499 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 17 Dec 2021 · 3 min read रफ़्तार - कहानी रफ़्तार - कहानी पंकज अपने माता - पिता की तीन संतानों में सबसे छोटा है | चावला जी की कुल तीन संतान हैं जिनमे बड़ी बेटी रश्मि और छोटी बेटी... Hindi · कहानी 3 10 897 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 17 Dec 2021 · 1 min read हमें चाहिए आजादी हमें चाहिए आजादी आजादी , कुविचारों से आजादी, आधुनिक संस्कारों से आजादी , दहकते युवा कुत्सित विचारों से आजादी, लव जेहाद जैसे कुविचारों से आजादी , धर्म के ठेकेदारों से... Hindi · कविता 4 8 364 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 8 Dec 2021 · 6 min read महक - कहानी महक - कहानी किसी गाँव के एक ओर मुहाने पर एक झोपड़ी जिसमें परिवार में कुल तीन लोग रहते हैं बुधिया , उसकी पत्नी रामवती और बेटी महक | एक... Hindi · कहानी 10 20 1k Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Nov 2021 · 1 min read ख़ुशनुमा हो तेरी हर सुबह - मुक्तक ख़ुशनुमा हो तेरी हर सुबह, खुशनुमा हो तेरी हर शाम l हर एक आरज़ू पूरी हो तेरी, तेरे हर प्रयास को मिले अंजाम ll दिल के हर एक कोने से,... Hindi · मुक्तक 7 6 298 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Nov 2021 · 1 min read रोशन कर राहे - इंसानियत - मुक्तक रोशन कर राहे - इंसानियत, अपने जीवन में l पाक हो जायेगी नीयत तेरी, पाक हो जाएगा दामन तेरा ll अपनी चाहतों, अपनी आरज़ू को खुदा की इबादत समझ l... Hindi · मुक्तक 4 2 165 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Nov 2021 · 1 min read अपने दिल को मना लेना - मुक्तक अपने दिल को मना लेना, उसे रूठने ना देना l बहुत ही नाजुक होता है ये दिल, इसे टूटने ना देना ll दिल जो टूट जाता है, सब कुछ खत्म... Hindi · मुक्तक 4 2 227 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Nov 2021 · 1 min read कभी किसी के विश्वास को - मुक्तक कभी किसी के विश्वास को, तोड़ना ना तुम l कभी किसी की आहों से रिश्ता, जोड़ना ना तुम ll ये विश्वास की डगर होती है, बहुत ही नाजुक l यूँ... Hindi · मुक्तक 3 2 241 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 13 Nov 2021 · 4 min read सबक - कहानी सबक - कहानी गोलू एक शादीशुदा व्यक्ति है जिसका वास्तविक नाम गोपाल है | घर में सब बचपन से ही उसे प्यार से गोलू पुकारते हैं | जिसके दो बच्चे... Hindi · कहानी 3 2 1k Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 7 Nov 2021 · 1 min read ग़मों की फ़िक्र को, धुएं में उड़ाना सीखो ग़मों की फ़िक्र को, धुएं में उड़ाना सीखो जिन्दगी को अपने गले से, लगाना सीखो रिश्ते जो अपनापन खो भी दें , तो क्या गम अजनबियों के चेहरों पर ,... Hindi · कविता 3 6 240 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 2 Nov 2021 · 1 min read अंतिम सत्य, ये मैंने जाना अंतिम सत्य ये , मैंने जाना अंतिम सत्य , ये मैंने जाना चार कन्धों पर होगा जाना क्या लाया था, क्या ले जाना क्यूं करें हम , कोई बहाना छूट... Hindi · कविता 6 10 208 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 2 Nov 2021 · 1 min read पाकर तुझे मैं अपना , जीवन संवार लूं पाकर तुझे मैं अपना , जीवन संवार लूं पाकर तुझे मैं अपना , जीवन संवार लूं खुद को तेरी राह पर , मैं निसार दूं हो जाऊँ तेरा शागिर्द ,... Hindi · कविता 4 6 392 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Oct 2021 · 3 min read दो दोस्त – कहानी दो दोस्त – कहानी एक गाँव में दो दोस्त रहा करते थे नाम थे विमल और राज | दोनों ही मध्यम वर्ग के परिवार से सम्बंधित थे | वैसे घर... Hindi · कहानी 9 22 1k Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 25 Oct 2021 · 1 min read बिखरी - बिखरी सी बिखरी - बिखरी सी ढूंढता बचपन, बचपन में खुद को बिखरा - बिखरा सा , बचपन क्यूं है घुटन महसूस कर रही है , हर एक सांस बिखरी - बिखरी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 6 233 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Oct 2021 · 1 min read प्रभु से कर ले प्रीत १. प्रभु से कर ले प्रीत , प्रभु को कर ले मीत I प्रभु ही पार करेंगे नैया, ये है उत्तम रीत II २. कर भला तो हो भला ,... Hindi · दोहा 2 4 443 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Oct 2021 · 1 min read इस जग में कोई नहीं १. इस जग में कोई नहीं , तेरे सांचे मीत I खुद पर हो विश्वास तुझे , तू खुद से कर ले प्रीत II २. खुद को संस्कारित करो, खुद... Hindi · दोहा 2 4 203 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Oct 2021 · 1 min read मेरा मन मुझसे कहे १. मेरा मन मुझसे कहे, जगत से करियो प्रीत I दुनिया खुशनुमा बनाए रखने की , है ये उत्तम रीत II २. क्यूं कर उसने ये कहा, ये जग झूठी... Hindi · दोहा 2 2 216 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Oct 2021 · 1 min read गीत बनकर गीत बनकर संवर जाने को दिल करता है ग़ज़ल बनकर निखर जाने को दिल करता है तेरी आशिक़ी में तेरे दिल में उतर जाने को दिल करता है इबादते -... Hindi · मुक्तक 2 2 188 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 16 Oct 2021 · 1 min read हमारे टैक्स पर हमारे टैक्स पर पलने वाले, हमारी सरकार हो गए हम उनके नौकर, वो हमारे खैरख्वाह हो गए वोट देकर बिठाया जिन्हैं हमने, अपनी आखों पर हमारे ही ग़मों का, वे... Hindi · मुक्तक 3 2 182 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 13 Oct 2021 · 4 min read अनोखी दीपावली - कहानी अनोखी दीपावली राजेश चौहान जी शहर की एक सर्व सुविधायुक्त कॉलोनी में अपने परिवार के साथ रहते हैं | परिवार में माता - पिता के आलावा पत्नी सुधा भी है... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 11 20 1k Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 12 Oct 2021 · 1 min read खुद से ही मिलेगी प्रेरणा खुद से ही मिलेगी प्रेरणा खुद से ही मिलेगी , प्रेरणा खुद से ही बुलंद होगा , आत्मविश्वास खुद से ही रोशन होगा , संस्कृति का कारवाँ खुद से ही... Hindi · कविता 5 2 207 Share Previous Page 8 Next