अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' Language: Hindi 1261 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 10 Next अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 2 Jul 2021 · 1 min read सचमुच की अब कोई सहर दे या मेरे खुदा सचमुच की अब कोई सहर दे या मेरे खुदा सचमुच की अब कोई सहर दे ए मेरे खुदा अपने बन्दों को अपना अज़ीज़ कर ए मेरे खुदा इनके दिलों में... Hindi · कविता 3 2 262 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 2 Jul 2021 · 1 min read चंद बूँद छलक जाने से चंद बूँद छलक जाने से चंद बूँद छलक जाने से सागर नहीं मरा करता है एक सपने के बिखर जाने जीवन नहीं रुका करता है चंद तूफां के आ जाने... Hindi · कविता 3 2 273 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 1 Jul 2021 · 3 min read अफ़सोस – लघु कहानी अफ़सोस – लघु कहानी एक छोटा सा परिवार जिसमे माता , पिता , बेटा , बहू और एक पोता | पोते की उम्र करीब सत्रह वर्ष | परिवार खुशहाल और... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 39 94 4k Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 1 Jul 2021 · 1 min read मुक्तक 1. कफन कफ़न बेचने वालों मेरी एक बात याद रखना अपने लिए भी एक कफ़न बचाकर रखना कफ़न बेचने वालों को शायद ये पता नहीं . उन्हें भी है एक... Hindi · मुक्तक 3 2 301 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 1 Jul 2021 · 1 min read कान्हा ने बंसी बजाई बड़ी दूर से कान्हा ने बंसी बजाई बड़ी दूर से कान्हा ने बंसी बजाई बड़ी दूर से भागी चलीं आईं, यशोदा बड़ी दूर से | कान्हा ने बंसी बजाई बड़ी दूर से आगे... Hindi · गीत 3 2 425 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 1 Jul 2021 · 1 min read किनारे किनारे किनारे यूं ही हासिल नहीं होते अपने प्रयासों को अपनी पतवार कर लो मंजिल यूं ही कभी हासिल तहीं होती अपनी कोशिशों को अपनी मंजिल का हमसफ़र कर लो... Hindi · कविता 3 2 323 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 1 Jul 2021 · 1 min read गंगा - वंदना गंगा हे सुरसरिता तन - मन पावन कर दो हे सुरसरि जीवन धन रोशन कर दो हे मंदाकिनी जग को धन्य कर दो हे भागीरथी अपने आँचल में जगह दे... Hindi · मुक्तक 2 2 231 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 1 Jul 2021 · 1 min read चंद सिक्कों पर चंद सिक्कों पर चंद सिक्कों पर अपना ईमान लुटाएं क्यों चलो जिन्दगी को कोई और सिला देकर देखें यूं ही अपने प्रयासों को क्यों करें नावाकिफ़ चलो किसी के सूने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 269 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Jun 2021 · 1 min read जब दिल की कसक जब दिल की कसक जब दिल की कसक बढ़ने लगे खुद को संयम के शीशे में उतारकर देखो . गर तेरा संयम तेरा साथ छोड़ने लगे खुद को उस खुदा... Hindi · कविता 3 2 271 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Jun 2021 · 1 min read जिन्दगी की धूप-छाँव जिन्दगी की धूप-छाँव जिन्दगी की धूप - छाँव को अपना मुकद्दस खुदा समझें जिन्दगी में ग़मों से डरकर , पीछा छुडाएं क्यों इस दुनिया में शोहरत के पीछे , भागते... Hindi · कविता 3 2 371 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Jun 2021 · 1 min read जिन्दगी के तूफानों से जिन्दगी के तूफानों से जिन्दगी के तूफानों से लड़ने की ऊर्जा स्वयं में करो विकसित करो स्वयं को तेजस्वी जिन्दगी के थपेड़ों से लड़ने को अन्धकार से लड़ने को करो... Hindi · मुक्तक 3 2 465 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Jun 2021 · 1 min read नसीब नसीब अपनी लालसा, अपनी अभिलाषा को इंसानियत के परचम तले रखकर देखो तेरे प्रयास, तेरी कोशिशों को जन्नत सा हमसफ़र होगा नसीब अपनी प्रसन्नता , अपनी खुशियों को खुदा के... Hindi · कविता 3 2 485 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Jun 2021 · 1 min read जीना है तो लड़ना सीखो जीना है तो लड़ना सीखो जीना है तो लड़ना सीखो , देश के हित कुछ करना सीखो गली--गली उजियारा फैले, ऐसे प्रयास तुम करना सीखो सीमाओं के बंधन तोड़ो ,... Hindi · कविता 3 2 1k Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Jun 2021 · 1 min read दो वक्त की नमाज़ दो वक्त की नमाज़ दो वक्त की नमाज़ से , यूं नाफर्मानी न कर इबादत से यूं आँखें न फेर , अपनी जिन्दगी को यूं जहन्नुम न कर | अपने... Hindi · कविता 3 2 502 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Jun 2021 · 1 min read मुक्तक १. जब युवा पीढ़ी संस्कारित होने लगे घर -घर शंखनाद बजने लगे जब देवालयों में श्रद्धालु आने लगें समझो संस्कार पल्लवित होने लेगे हैं २. सरिता जब अपनी मस्त चाल... Hindi · मुक्तक 4 2 393 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Jun 2021 · 1 min read इन्द्रियों पर वश हो तेरा - मुक्तक १. इन्द्रियों पर वश हो तेरा तेरा सब अनुसरण करें ऐसा कद हो तेरा जिसकी कल्पना न की हो किसी ने ऐसा अलौकिक , अद्वितीय व्यक्तित्व हो तेरा २. सूरज... Hindi · मुक्तक 3 4 207 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Jun 2021 · 1 min read हाइकु १. दुःख के बादल माँ के आँचल तले छंट जाते हैं | २. बीती यादों को संजोकर रखना सुखी जीवन | 3. करम तेरा खुदा की इबादत शागिर्द तेरा | Hindi · हाइकु 5 2 484 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Jun 2021 · 1 min read मुक्तक 1. जब अतिथि सत्कार होने लगे जब गरीबों पर दया की जाने लगे जब भिक्षुक भोजन पाने लगें समझो मानवता अपने शिखर पर है 2. जब अतिथि सत्कार होने लगे... Hindi · मुक्तक 3 2 259 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Jun 2021 · 1 min read मुक्तक १. जब आगंतुक का सम्मान होने लेगे जब याचक अन्न पाने लगें जब धर्म का विस्तार होने लगे समझो सामाजिकता विकसित होने लगी है २. जब हम अभिमान त्यागें तब... Hindi · मुक्तक 3 2 277 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Jun 2021 · 2 min read मेरी साँसों से अपनी साँसों को मेरी साँसों से अपनी साँसों को मेरी साँसों से अपनी साँसों को ,मिलाकर तो देख दो पल के लिये ही सही , मेरी बाहों में आकर तो देख खूबसूरत है... Hindi · कविता 3 2 254 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 29 Jun 2021 · 3 min read जीवन में “ चयन “ की भूमिका --- जीवन के उत्कर्ष और अवनति का मापदंड ( लेख ) जीवन में “ चयन “ की भूमिका --- जीवन के उत्कर्ष और अवनति का मापदंड ( लेख ) जीवन में चयन , मानव की स्वयं की सोच का परिणाम का... Hindi · लेख 2 4 561 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 29 Jun 2021 · 6 min read आपके सुनियोजित प्रयास आपकी सफलता के पर्याय - लेख आपके सुनियोजित प्रयास आपकी सफलता के पर्याय - लेख प्रयास अर्थात कोशिश और सफलता अर्थात उद्देश्य को प्राप्त कर लेना या फिर कहें मंजिल तक पहुंचना ये दोनों ही एक... Hindi · लेख 1 2 409 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 29 Jun 2021 · 1 min read ईमानदारी - एकसद्विचार ईमानदारी - एकसद्विचार ।. ईमानदारी से किया गया कोई भी कार्य ,दिल को सुकून देता है| 2. किसी भी कार्य को ईमानदारी से आरम्भ करना ,शुभ्र परिणाम की प्राप्ति का... Hindi · लेख 1 2 421 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 29 Jun 2021 · 2 min read पुण्य कर्म - एक विचार पुण्य कर्म वे कर्म हैं जो सर्दिचतन की प्रक्रिया से होकर गुजरते हैं सदिचार के रूप में परिणित होकर सत्कर्म की ओर प्रस्थित करते हैं | ये कर्म मनुष्य के... Hindi · लेख 1 2 709 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 29 Jun 2021 · 3 min read क्या सपनों की भी कोई सीमा हो ? या फिर सपने कुछ ऐसे हों ? - लेख क्या सपनों की भी कोई सीमा हो ? या फिर सपने कुछ ऐसे हों ? - लेख विषय बहुत ही गहन है | इस विषय पर सरलता से कोई निर्णय... Hindi · लेख 3 2 360 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 29 Jun 2021 · 9 min read आख़िर किस दिशा में अग्रसर हो रहे हैं हम ? - लेख आख़िर किस दिशा में अग्रसर हो रहे हैं हम ? - लेख वर्तमान भारतीय सामाजिक परिवेश का बारीकी से अध्ययन करने पर ज्ञात होता है कि यहाँ लोग स्वयं को... Hindi · लेख 2 2 229 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 29 Jun 2021 · 9 min read वर्तमान सामाजिक परिदृश्य में सामाजिकता शब्द के एहसास के अभाव की चुभन- लेख वर्तमान सामाजिक परिदृश्य में सामाजिकता शब्द के एहसास के अभाव की चुभन - लेख वर्तमान सामाजिक परिदृश्य में पिछले बहुत ही कम समय में भयावह परिवर्तन हुए हैं जिन्हें 40... Hindi · लेख 4 2 898 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 29 Jun 2021 · 6 min read परिश्रम ( मेहनत ) का जीवन में महत्त्व परिश्रम ( मेहनत ) का जीवन में महत्त्व मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है आलस | किसी भी कार्य को पूर्ण करने के लिए, अच्छे परिणाम की प्राप्ति के लिए... Hindi · लेख 3 2 471 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 29 Jun 2021 · 1 min read अर्थपूर्ण व्यस्तता - एक विचार अर्थपूर्ण व्यस्तता सफलता का मूल मंत्र जीवन का प्रत्येक क्षण किसी न किसी कार्य की परिणति होता है | जीवन में लक्ष्य की प्रात्ति का सबसे सरल और सुगम मार्ग... Hindi · लेख 3 2 568 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 29 Jun 2021 · 1 min read धर्मपरायण - एक विचार धर्मपरायण धर्म को मानना और धर्मपरायण होना दो अलग-अलग विचार हैं | धर्म के प्रति श्रद्धा, मोह एवं आस्था, धार्मिक संस्कारों का अक्षरशः पालन करना, मानवीय एवं नैतिक मूल्यों के... Hindi · लेख 3 2 363 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 29 Jun 2021 · 1 min read कुछ आदर्श विचार १. आनंद वह जो जन कल्याण से प्राप्त होता है | इसे स्वयं के सुख या दुख से कोई सरोकार नहीं होता | मानवता की सेवा से अंतर्मन को पुष्पित... Hindi · लेख 3 2 259 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 29 Jun 2021 · 1 min read कुछ आदर्श विचार १. निंदा करने वाले व्यक्ति का स्वयं का स्वयं के अभिनन्दन से कोई लेना देना नहीं होता | वह तो केवल दूसरों के अभिनंदन व सम्मान से स्वयं को बोझिल... Hindi · लेख 2 2 220 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 29 Jun 2021 · 1 min read कुछ स्वस्थ विचार १. बंधनमुक्त जीवन व्यक्ति को सुन्दर से सुन्दरतम , मधुर से मधुरतम, पवित्र से पवित्रतम एवं महान से महानतम की ओर प्रस्थित करता है | इसकी छाया मात्र से हज़ारों... Hindi · लेख 3 5 457 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 29 Jun 2021 · 1 min read कुछ स्वस्थ विचार कुछ स्वस्थ विचार १. लक्ष्य भृष्ट मनुष्य को मंजिल कभी भी नसीब नहीं होती | वह दिशाहीन व्यक्ति की तरह यहाँ से वहां भटकता रहता है | उसके द्वारा किये... Hindi · लेख 3 2 788 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 29 Jun 2021 · 1 min read प्रेरणा - एक विचार प्रेरणा प्रेरणा एक. अनुभूति है जो स्व: अवलोकन से प्राप्त होती है | किसी आदर्श चरित्र , कुशल व्यक्तित्व, संत, पीर , सद चरित्र आदि जीवन से प्रेरणा प्राप्त की... Hindi · विचार 3 2 350 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 29 Jun 2021 · 1 min read शुभचिंतक - एक विचार शुभचिंतक शुभचिंतक का चुनाव अवसरवादिता नहीं होना चाहिए | मानवीय मूल्यों से ओतप्रोत, संवेदनाओं से परिपूर्ण, नैतिक मूल्यों से ओतप्रोत सामाजिक प्राणी, समर्पण का भाव आदि विशेषतायें एक शुभचिंतक के... Hindi · लेख 3 2 880 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Jun 2021 · 3 min read आस्तिकता - एक विचार आस्तिकता - एक विचार आस्तिक भाव का होना अर्थात परमात्मा में विश्वास होना | यह विश्वास परमात्मा के दोनों स्वरूपों में हो सकता है | चाहे वह निराकार के रूप... Hindi · लेख 4 4 400 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Jun 2021 · 2 min read कौन कहता है कौन कहता है कौन कहता है जिन्दगी अब सिसकती साँसों का हो गयी है नाम वक़्त के समंदर में कोशिशों की नाव चलाकर तो देख | कौन कहता है होठों... Hindi · कविता 4 2 327 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Jun 2021 · 1 min read सपनों की महफ़िल सजायें सपनों की महफ़िल सजायें सपनों की महफिल सजायें . चलो कुछ नए गीत सजाएं तारों को धरती पर लायें . चलो चाँद पर होकर आयें | ढूंढकर उस खुदा का... Hindi · कविता 4 2 273 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Jun 2021 · 1 min read इंतिकाम से कुछ हासिल नहीं होता इंतिकाम से कुछ हासिल नहीं होता इंतिकाम से कुछ हासिल नहीं होता उस खुदा की इल्तिफ़ात (दया , कृपा ) से दोस्ती कर लो भटकने से कुछ हासिल नहीं होता... Hindi · कविता 4 2 346 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Jun 2021 · 1 min read वक्त के समंदर में वक्त के समंदर में वक़्त के समंदर में , कोशिशों की नाव चलाकर देखो किनारे तेरी मंजिलों का पता होंगे , मंजिलें तुम्हारे कदमों का निशाँ होंगी | वक़्त को... Hindi · कविता 2 2 480 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jun 2021 · 1 min read वक़्त के समंदर से वक़्त के समंदर से वक़्त के समंदर से दो बूँद , प्रयासों की चुराकर देखो रोशन हो जायेगी , शख्सियत तेरी आईने के सामने दो पल के लिए , खुद... Hindi · कविता 3 4 319 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jun 2021 · 3 min read मेरे सपनों का भारत मेरे सपनों का भारत मेरे सपनों का भारत , काश ! तीन सौ वर्ष पूर्व की गंगा सा पावन, निर्मल होता मेरे सपनों का भारत , काश ! आज भी... Hindi · कविता 3 8 435 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jun 2021 · 2 min read खूबसूरती - एक खूबसूरत विचार खूबसूरती मन मंदिर से उपजा एक एहसास है खूबसूरती खूबसूरती आँखों से होकर दिल में बस जाने की एक चाह खूबसूरती जो कवि की कविता को सौन्दर्य से अलंकृत कर... Hindi · कविता 3 4 441 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jun 2021 · 1 min read किसी की अँधेरी जिन्दगी में - मुक्तक १. किसी की अँधेरी जिन्दगी में , खुशियों का उजाला करके देखो तेरे एक प्रयास से , खूबसूरत हो जायेगी किसी की जिन्दगी यारों २. निरर्थक बातों से स्वस्थ विचार... Hindi · मुक्तक 3 4 196 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jun 2021 · 1 min read किया न तुमने जो भरोसा उस ईश्वर पर - मुक्तक १. किया न तुमने जो भरोसा उस ईश्वर पर, जिन्दगी को बीह मझधार पाओगे चलोगे जो राह संस्कारों से पोषित, तो जीवन को उत्कर्ष राह पर पाओगे २. विलासिता को... Hindi · मुक्तक 3 2 168 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jun 2021 · 1 min read फूलों की खुशबू से जहां को - मुक्तक १. फूलों की खुशबू से जहां को जो महकाना सीख लोगे तुम तेरी स्वयं की जिन्दगी , पुष्पों की मानिंद खुशबू से हो जायेगी रोशन २. भरोसा जो तेरा उस... Hindi · मुक्तक 3 2 372 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jun 2021 · 1 min read आशियाने यूं ही रोशन हुआ नहीं करते आशियाने यूं ही रोशन हुआ नहीं करते आशियाने यूं ही रोशन हुआ नहीं करते अपने आशियाँ को प्यार की महक से सींचकर देखो गुलशन फूलों के यूं ही खुशबू बिखेरा... Hindi · कविता 3 4 196 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jun 2021 · 1 min read उनकी नज़रों की बेकरारी को महसूस किया था हमने - मुक्तक १. उनकी नज़रों की बेकरारी को महसूस किया था हमने उनकी साँसों की आहट को छुआ था हमने दिल से दिल को मिली थी राह नयी चंद रोज पहले ही... Hindi · मुक्तक 2 2 192 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jun 2021 · 1 min read चंद रोज़ पहले ही उनसे मुलाक़ात हुई - मुक्तक १. चंद रोज़ पहले ही उनसे मुलाक़ात हुई नज़रों से नज़रें मिलीं, पर न कोई बात हुई कछ हमारी धड़कनें बढ़ीं , कछ उनका दिल बेकरार हुआ तमन्ना जवां हुई... Hindi · मुक्तक 2 2 374 Share Previous Page 10 Next