Ranjana Mathur 479 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 8 Next Ranjana Mathur 5 Nov 2017 · 5 min read ====उनका जीवन भी हो खुशहाल==== "मेरे बेरंग सूने संसार का रंगों से क्या वास्ता"?? यह कोई फिल्मी संवाद नहीं बल्कि एक घिसा पिटा वाक्य है जो या तो हमारे देश की हर उस अभागिन जिसका... Hindi · लेख 298 Share Ranjana Mathur 1 Nov 2017 · 1 min read ==हमने यह सोचा है == आज हमने मन में ऐसा कुछ ठाना है हर रूठे को मनाना है हर रोते को हंसाना है कुछ हंसना है कुछ हंसाना है दिलों के फासलों को मिटाना है... Hindi · कविता 210 Share Ranjana Mathur 1 Nov 2017 · 1 min read **सर्दी के मौसम में ** आ गयी ठंड गुलाबी वाली निकाले स्वेटर रजाई निकाली तरह माल खाने के दिन हैं आए घी गुड़ से भर गयी है थाली आ गयी ठंड गुलाबी वाली गजक रेवड़ी... Hindi · कविता 492 Share Ranjana Mathur 12 Oct 2017 · 2 min read ===बेटी=== उसके मिट जाने के भय से जब मां के भीग गये कपोल। कोख में सिमटी नन्ही के भी मोती टपके गोल गोल। भीतर कुछ हलचल होती है जब बेटी की... Hindi · कविता 544 Share Ranjana Mathur 12 Oct 2017 · 1 min read *****मन बावरा *** मन बावरा मन चंचल मन बावरा पंछी दूर दूर तक सैर कराए। पल में यहां तो पल में वहां पंख लगा कर उड़ता जाए। कभी तो लेकर यह उड़ जाता... Hindi · कविता 3k Share Ranjana Mathur 12 Oct 2017 · 1 min read अहोई अष्टमी की हार्दिक बधाई हे अहोई माता दे ऐसा भाग्य हर सुहागन पाए अटल सौभाग्य। हे अहोई माता दे वरदान हर माता पाए संतान। हर एक गोद भरी रहे घर बगिया हरी भरी रहे।... Hindi · कविता 522 Share Ranjana Mathur 10 Oct 2017 · 1 min read काश हम सदा रहते बच्चा वो बीता कल कहां गया ओ बचपन तू लौट के आ मुझ को उन यादों में बुला। खेलकूद के कदम घर में रखना माँ की गोदी में सिर रखना। माँ... Hindi · कविता 427 Share Ranjana Mathur 10 Oct 2017 · 1 min read माँ का नहीं है कोई विकल्प बिन माँ का रोता है नन्हा बच्चा जब माँ की याद देती है रुला। रात आती है मां की लोरी लेकर निंदिया की गोदी में जाती है सुला। माँ है... Hindi · कविता 549 Share Ranjana Mathur 9 Oct 2017 · 1 min read ==अबकी बार यूं दीवाली मनाते हैं == आओ मनाएँ ऐसे अबकी दीवाली आओ मनाएँ ऐसे अबकी दीवाली। घर की सफाई तो सब करते हैं घर में खुशियों के रंग सब भरते हैं। सब मिल सफाई करें गली... Hindi · कविता 376 Share Ranjana Mathur 8 Oct 2017 · 1 min read ?अयोध्या में दीवाली ? हुआ-हुआ खुशियों का सवेरा बीत गयी रात तम की काली सिया राम के पड़े शुभ चरण हुई नगरिया में खुशहाली दीप जल उठे जगमग-जगमग हुई अयोध्या में दीवाली। नष्ट हुए... Hindi · कविता 325 Share Ranjana Mathur 8 Oct 2017 · 1 min read घर केवल चार दीवारों के भीतर बनाए गए कमरों का नाम नहीं है घर। कोने कोने में रहती है जहाँ जिन्दगी पग पग पर मिलती है जहाँ खुशी। हर पल खिलखिलाती... Hindi · कविता 334 Share Ranjana Mathur 7 Oct 2017 · 1 min read /// माँ जैसा कोई नहीं /// घर के कोने कोने में बसा एहसास है मां तेरे भीतर ही ईश्वर का वास है मां। अंधेरी रात में दिये का उजाला है मां रेगिस्तान में शीतल जल का... Hindi · कविता 726 Share Ranjana Mathur 7 Oct 2017 · 1 min read #)) माँ तुम याद आती हो ((# जब-जब चमकती है बारिश में बिजलियाँ माँ तुम याद आती हो। जब-जब बजती हैं कांच की चूड़ियाँ माँ तुम याद आती हो। जब-जब बनती हैं चूल्हे पर रोटियाँ माँ तुम... Hindi · गीत 739 Share Ranjana Mathur 7 Oct 2017 · 1 min read ]]]]] नारी तू पृथ्वी की धुरी है [[[[[ नारी तू पृथ्वी की धुरी है नारी तू जग की संचालिका है। नारी तू संस्कृति की संवाहिका है। नारी तू सभ्यता की समृद्धिका है। नारी तू समाज की संयोजिका है।... Hindi · कविता 1 1 672 Share Ranjana Mathur 5 Oct 2017 · 1 min read == मां सरस्वती तेरी जय==  तू ही स्वर की दाता है, तू ही वर्णों की ज्ञाता। तू ही है मां बुद्धि विधाता, तू वाणी की अधिष्ठात्री। तू ही भोर तू ही रात्रि, तेरे आगे... Hindi · कविता 312 Share Ranjana Mathur 4 Oct 2017 · 3 min read ?कच्ची है माटी जैसी चाहे गढ़िए? प्रायः यह देखा गया है कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से लेकर अभी तक भारतवासियों के ऊपर से अंग्रेज़ी भाषा व पाश्चात्य तौर तरीकों का भूत उतरा नहीं बल्कि सर... Hindi · लेख 425 Share Ranjana Mathur 3 Oct 2017 · 1 min read ? हृदय की वीणा के सुर ? न मुझमें कुछ मेरा प्रियतम, न तुझमें कुछ तेरा। दो श्वासें एकसार हो गईं, वीणा ने सुर साथ बिखेरा। विवाह की पावन वेदी पर, थामा था तुमने हाथ मेरा। आओ... Hindi · मुक्तक 328 Share Ranjana Mathur 3 Oct 2017 · 1 min read ? पिता के जन्मदिवस पर ? छोटे हैं हम, अबोध हैं हम, सम्मुख आप के नादान हैं। आपसे पाया हमने जीवन आप हमारे लिए ईश्वर समान हैं। आप के स्नेहिल बड़प्पन का, करते बहुत - बहुत... Hindi · कविता 1 2k Share Ranjana Mathur 1 Oct 2017 · 1 min read ?किरणें लाई हैं संदेशा ? प्रथम रश्मि आ गई रवि की'हमको यह समझाने। भूल पुराना सोच नया तू, मैं आई नव मार्ग दिखाने। दुखड़ा छोड़ दे बीते कल का सोच नया कुछ अगले पल का।... Hindi · मुक्तक 286 Share Ranjana Mathur 30 Sep 2017 · 1 min read # राहें # राहों से सीखा मैंने अकेले ही आगे बढ़ना। मंजिल पर पहुंच कर ही रुकना ठहरना। बीच में कहीं न रुकना न बहकना। रास्ते में खुश रहना चहकना। पूरे सफर भर... Hindi · कविता 416 Share Ranjana Mathur 30 Sep 2017 · 1 min read =* * चमके किस्मत का तारा * *= हाथों की लकीरों पर न करो अंधा विश्वास कभी-कभी ये कर देती हैं भविष्य का नाश। इंसान की किस्मत की ये लकीरें बन जाती हैं कई बार दिमाग की जंजीरें।... Hindi · कविता 587 Share Ranjana Mathur 30 Sep 2017 · 1 min read +))) सतरंगी त्योहार हमारे (((+ त्योहारों का देश है भारत शांति का संदेश है भारत। वसुधैव कुटुम्बकम का जीता जागता परिवेश है भारत। दीपावली के प्रज्वलित दीपक करें प्रकाशित जन-जन को। होली के रंगों की... Hindi · कविता 559 Share Ranjana Mathur 30 Sep 2017 · 1 min read ¡¡ विज्ञान सम्मत भारतीय संस्कृति ¡¡ हमारे विशाल भारत देश की संस्कृति अत्यन्त समृद्धिशाली,विज्ञान सम्मत एवं गौरवपूर्ण अतुल्य ज्ञान का विहंगम और अनूठा संगम है। भारतीय संस्कृति में प्रचलित समस्त परम्पराएं, प्रथाएं, रीति रिवाज वह धार्मिक... Hindi · लेख 454 Share Ranjana Mathur 25 Sep 2017 · 1 min read =}}* स्वर्ग से उतरी परी *{{= स्वर्ग से उतरी परी होती हैं बेटियाँ खुशियों से भरी होती हैं बेटियाँ। जिस घर में ये नहीं है मौजूद वहाँ नहीं है सुख का वजूद। अमृत की बूंदें हैं... Hindi · गीत 912 Share Ranjana Mathur 25 Sep 2017 · 1 min read **}}}}} झूमती बरसातें {{{{{** झूम झूम झूम बरसती ये रात पिया के दरस को तरसती ये रात। बरखा बैरन बनी हमारी छम छम छम बरसाए फुहारी बदरा संग गरजती ये रात झूम झूम झूम... Hindi · गीत 454 Share Ranjana Mathur 24 Sep 2017 · 1 min read "*"*अब तो दरस दिखा दो *"*" श्यामल घटा आच्छादित है नभ। तडित भी दमकत है चहुंओर।। बदरा संग बरसत मोरे नैना। अब तो दरसन दो चितचोर।। तोहरी याद सतावे जिया में। झूम झूम नाचे मन मोर।।... Hindi · कविता 352 Share Ranjana Mathur 24 Sep 2017 · 1 min read =_= असत् पर सत् की विजय =_= दंभ आडम्बर छल प्रपंच का परिचायक था रावण। सत्य पौरुष मर्यादा व संयम के प्रतीक थे राम। असत्य पर सत्य की जय है विजयादशमी, बुराई पर अच्छाई की जीत है... Hindi · कविता 545 Share Ranjana Mathur 23 Sep 2017 · 1 min read :::#::: हमने यह सीखा फूलों से :::#::: फूल-फूल तुम कितने प्यारे, देख तुम्हें मन होता पुलकित। रंग तुम्हारे हैं चटकीले, सबको करते हैं प्रफुल्लित। मुग्ध मगन खुश कर देती, मधुर तुम्हारी गंध सुवासित। उदास और दुखी मन... Hindi · गीत 586 Share Ranjana Mathur 23 Sep 2017 · 1 min read ::::: रक्षा करो माता रानी ::::: दुनिया की माया नगरी में, उलझ कर रह गई नश्वर काया। हे माता! मैंने तुझे बुलाया।। छल प्रपंच स्वार्थ ने दबोचा, दूर हुआ अपनों का साया। हे माता! मैंने तुझे... Hindi · गीत 630 Share Ranjana Mathur 23 Sep 2017 · 1 min read ==खुशियाँ बांटता चल== छोटी सी जिन्दगी है बिता दे हंसने हंसाने में बता क्या मिलेगा तुझे किसी को रुलाने में। पेट खुद का भरने से अधिक सुख है औरों को खिलाने में। दर्द... Hindi · कविता 310 Share Ranjana Mathur 22 Sep 2017 · 1 min read =**= हंसी =**= (1) ये दर्द कभी रोने से कम तो हुआ नहीं तो आओ जरा दर्द में हंस कर ही देख लें। ******** (2) तन से न मन से और न धन... Hindi · शेर 567 Share Ranjana Mathur 20 Sep 2017 · 1 min read _=_=_जै हो देवी मैया की_=_=_ शुभागमन देवी चरणन का, कोटि-कोटि नतमस्तक हैं। शक्ति प्रदायिनी सर्व सुखदायिनी, मांँ सकल सुखों की संवर्धक हैं। मेरी भक्ति पर तेरी कृपा रहे, वरना ये जग निरर्थक है। जय मांँ... Hindi · गीत 370 Share Ranjana Mathur 19 Sep 2017 · 1 min read - ## - भूख - ## - भूख है वह बीमारी जिससे कोई न बच पाया। जन्म से लेकर अंत सांस तक अपना पीछा न छुड़ा पाया।। भूख वो बुरी है लत जिसने हर प्राणी को भरमाया।... Hindi · कविता 1 1 616 Share Ranjana Mathur 19 Sep 2017 · 1 min read =-=-=-दुनिया के रंग - =-=-= मतलब की है यह दुनिया, चले दो रंगी चाल। जब तक आपसे स्वार्थ है, आप हो बेमिसाल।। आप हो बेमिसाल, कोई न आप से प्यारा। ज्यों ही मकसद पूर्ण हुआ,... Hindi · कुण्डलिया 725 Share Ranjana Mathur 18 Sep 2017 · 1 min read _- आओ थोड़ा दर्द बांट लें -_ आओ साथ निभाएं सबका, आओ साथ निभाएं। हर दिल को हर्षाएं आओ, हर मन को दुलराएं। रोतों का रोना हम ले लें, अपनी हंसी का इक टुकड़ा देकर। भूखे को... Hindi · कविता 348 Share Ranjana Mathur 18 Sep 2017 · 1 min read ****बूंद**** समुन्दर में कोई खुली सीप जब समेट लेती है अपने अंक में। तब अंतराल में मोती का रूप ले लेती है वही बूंद। श्रावण की मधुरम रिमझिम में प्रियतम... Hindi · कविता 879 Share Ranjana Mathur 18 Sep 2017 · 1 min read ====तेरे बिन सूनी अँखियाँ ==== धुल गया सब श्रृंगार विरहन का, बाट निरख पथराए नयना।। घुल गया सारा प्रणय अश्रु संग, चक्षु हुए हैं रीते प्याले।। अब आओ है श्वास उद्वेलित, है तुम बिन निष्प्राण... Hindi · कविता 376 Share Ranjana Mathur 18 Sep 2017 · 1 min read सुन रे मन हौसला तुम्हारा होगा और उसे पकड़े रखना तुम मजबूती से । पता है तुमने जन्म लिया है एक ऐसी जिन्दगी की शक्ल में जो कहलाती है नारी। इस ब्रह्मांड में... Hindi · कविता 584 Share Ranjana Mathur 17 Sep 2017 · 1 min read **वक्त वक्त की बात ** समय बड़ा बलवान है भाई, सब कुछ तुम्हें सिखा देता है। कौन है अपना, कौन नहीं है , क्षण भर में समझा देता है। अक्सर ऐसा भी होता है, जिन्हें... Hindi · कविता 392 Share Ranjana Mathur 17 Sep 2017 · 1 min read व्यथा एक नव विवाहिता की बहुत रोती हैं ये अँखियाँ, बहुत रोती हैं ये अँखियाँ। छोटी थी तब मां का साथ पाने को रोती थीं ये अँखियाँ। अब बड़ी हुई तो माँ का... Hindi · कविता 1 1 575 Share Ranjana Mathur 17 Sep 2017 · 1 min read सावन का मौसम ( दोहे ) कारे कारे बादरा ले गयी पवन उड़ाय। ना बरखा ना साजना सावन सूखो जाय। रंगीलो सावन आयो , धरा हरी चुनरिया। गगन हो गया मस्त मगन, बरसे है बदरिया।। देख... Hindi · दोहा 442 Share Ranjana Mathur 17 Sep 2017 · 1 min read -सपूत भारत माता का - वाणी में जिसकी मिलती, सिंह जैसी दबंग दहाड़। कर्मठ ऐसा वह जैसे, हो कोई सुदृढ़ पहाड़। जिसने विश्व में भारत, का परचम लहराया। दुश्मन भी अब हम पर, आंख उठाने... Hindi · कविता 1 1 573 Share Ranjana Mathur 17 Sep 2017 · 1 min read जाग रे मुसाफिर - मुक्तक ??? "जाग मुसाफिर हुआ सवेरा, हो गयी भोर हर अंधेरा, यहाँ न कोई टिका है कभी ये दुनिया इक रैन बसेरा। ??? क्या तेरा और क्या है मेरा। इक दिन... Hindi · मुक्तक 400 Share Ranjana Mathur 16 Sep 2017 · 1 min read ==तेरी महिमा न्यारी == पानी रे पानी तेरे रूप निराले हैं। कल कल करता जलप्रपात हो तो, दूध के से बहते धारे हैं। देवालय में चढ़े ईश पर तो, गुंजित होते शिवाले हैं। बारिश... Hindi · कविता 640 Share Ranjana Mathur 16 Sep 2017 · 2 min read ==मेरा भारत " सोन चिरैया "== "सोन चिरैया " शब्द भारत के उस स्वर्णिम युग का परिचायक था, जब सकल विश्व इस महादेश के व्यापारियों का संवाहक था। सर्वोत्कृष्ट थी संस्कृति अपनी, थी सभ्यता सबसे... Hindi · कविता 480 Share Ranjana Mathur 16 Sep 2017 · 1 min read **= इतिहास दोहराएगा=** जिन्होंने तुझे बनाया, तराशा,निखारा, तूने कर लिया उनसे किनारा। उनके बनाए आशियाने में तूने कैसे डाला खलल, उन्हें किया है पुराने सामान की तरह बेदखल। आगे आगे देखना तू बदले... Hindi · कविता 1 1 562 Share Ranjana Mathur 16 Sep 2017 · 2 min read - - मत समझो इतना कमजोर - - शांत स्तब्ध नीरव वातावरण। सांय सांय करता रात का सन्नाटा। माँ की आँखों में नींद न देख शलभ ने पूछा - "अम्माँ सोई नहीं क्या। " " तू सो जा... Hindi · लघु कथा 1k Share Ranjana Mathur 16 Sep 2017 · 1 min read == आँसू == आंँसू केवल आंखों से टपका नहीं है यह पानी। इसकी हर बूंद कहती अपनी एक कहानी।। यदि बालक की अंखियों से झरझर गिरे, तो ममता के प्यार भरे ह्रदय को... Hindi · कविता 324 Share Ranjana Mathur 16 Sep 2017 · 1 min read प्रभु वन्दन मैं तेरा प्रभु तू है मेरा तूने दिया एक नया सवेरा। दूर हुआ निशा का अंधेरा नव रश्मियों ने डाला डेरा। सूर्य देवता का हुआ पग फेरा चहुंओर खुशियों का... Hindi · कविता 821 Share Ranjana Mathur 15 Sep 2017 · 1 min read हे ! माँ हे ! माते ! तू क्षितिज को छू सकती है । ऐसा किया भी, है तूने कई बार। जगजननी बनकर किया है तूने। सकल विश्व का ही उद्धार। सर्वस्व मिलेगा... Hindi · गीत 678 Share Previous Page 8 Next