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Page 8
मनवा मन की कब सुने, करता इच्छित काम ।
मनवा मन की कब सुने, करता इच्छित काम ।
sushil sarna
चाँदनी .....
चाँदनी .....
sushil sarna
मनवा मन की कब सुने,
मनवा मन की कब सुने,
sushil sarna
तृष्णा के अम्बर यहाँ,
तृष्णा के अम्बर यहाँ,
sushil sarna
रात
रात
sushil sarna
मन को समझाने
मन को समझाने
sushil sarna
हो गया
हो गया
sushil sarna
जिंदगी
जिंदगी
sushil sarna
छलते हैं क्यों आजकल,
छलते हैं क्यों आजकल,
sushil sarna
सच्चा मन का मीत वो,
सच्चा मन का मीत वो,
sushil sarna
सच्चे- झूठे सब यहाँ,
सच्चे- झूठे सब यहाँ,
sushil sarna
बातें करते प्यार की,
बातें करते प्यार की,
sushil sarna
सच्ची  मौत
सच्ची मौत
sushil sarna
कैसे यह अनुबंध हैं, कैसे यह संबंध ।
कैसे यह अनुबंध हैं, कैसे यह संबंध ।
sushil sarna
हुई नैन की नैन से,
हुई नैन की नैन से,
sushil sarna
बड़ी अजब है प्रीत की,
बड़ी अजब है प्रीत की,
sushil sarna
उधार  ...
उधार ...
sushil sarna
मेघों का मेला लगा,
मेघों का मेला लगा,
sushil sarna
मिट्टी के परिधान सब,
मिट्टी के परिधान सब,
sushil sarna
जीवन वो कुरुक्षेत्र है,
जीवन वो कुरुक्षेत्र है,
sushil sarna
परिभाषा संसार की,
परिभाषा संसार की,
sushil sarna
गजब है सादगी उनकी
गजब है सादगी उनकी
sushil sarna
ऊँचाई .....
ऊँचाई .....
sushil sarna
प्रीतघोष है प्रीत का, धड़कन  में  नव  नाद ।
प्रीतघोष है प्रीत का, धड़कन में नव नाद ।
sushil sarna
पत्थर दिल समझा नहीं,
पत्थर दिल समझा नहीं,
sushil sarna
पूछूँगा मैं राम से,
पूछूँगा मैं राम से,
sushil sarna
टूटे पैमाने ......
टूटे पैमाने ......
sushil sarna
यादों की एक नई सहर. . . . .
यादों की एक नई सहर. . . . .
sushil sarna
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
जिंदगी कुछ और है, हम समझे कुछ और ।
जिंदगी कुछ और है, हम समझे कुछ और ।
sushil sarna
अंतस के उद्वेग हैं ,
अंतस के उद्वेग हैं ,
sushil sarna
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
कह्र ....
कह्र ....
sushil sarna
मुक्तक
मुक्तक
sushil sarna
दुम कुत्ते की कब हुई,
दुम कुत्ते की कब हुई,
sushil sarna
मित्र भेस में आजकल,
मित्र भेस में आजकल,
sushil sarna
मौसम आया फाग का,
मौसम आया फाग का,
sushil sarna
हो जाती है साँझ
हो जाती है साँझ
sushil sarna
मुस्कानों की बागानों में
मुस्कानों की बागानों में
sushil sarna
मिथ्या इस  संसार में,  अर्थहीन  सम्बंध।
मिथ्या इस संसार में, अर्थहीन सम्बंध।
sushil sarna
आदमी के हालात कहां किसी के बस में होते हैं ।
आदमी के हालात कहां किसी के बस में होते हैं ।
sushil sarna
साँझ ढली पंछी चले,
साँझ ढली पंछी चले,
sushil sarna
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
क्षणिका :  ऐश ट्रे
क्षणिका : ऐश ट्रे
sushil sarna
कलरव करते भोर में,
कलरव करते भोर में,
sushil sarna
कड़वाहट के मूल में,
कड़वाहट के मूल में,
sushil sarna
प्रेम ...
प्रेम ...
sushil sarna
शब्द -शब्द था बोलता,
शब्द -शब्द था बोलता,
sushil sarna
पिता
पिता
sushil sarna
अंगारों को हवा देते हैं. . .
अंगारों को हवा देते हैं. . .
sushil sarna
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