sushil sarna 682 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid sushil sarna 7 Jul 2024 · 1 min read चाल चलें अब मित्र से, चाल चलें अब मित्र से, बनकर सच्चा मित्र । स्वार्थ पूर्ण अब मित्र का , लगता हमें चरित्र ।। सुशील सरना / 7-7-24 Quote Writer 9 Share sushil sarna 7 Jul 2024 · 1 min read कैसी शिक्षा आज की, कैसी शिक्षा आज की, बाँट रही है ज्ञान । अंग्रेजी में दब रही , हिन्दी की पहचान ।। सुशील सरना / 7-7-24 Quote Writer 8 Share sushil sarna 7 Jul 2024 · 1 min read शिक्षा का अब अर्थ है, शिक्षा का अब अर्थ है, खूब कमाना अर्थ । बिना अर्थ के जिंदगी, अब लगती है व्यर्थ ।। सुशील सरना / 7-7-24 Quote Writer 9 Share sushil sarna 7 Jul 2024 · 1 min read हंस काग दोनो पढें. हंस काग दोनो पढें. गुरु से ऐसा पाठ । बिना कर्म के बस मिले, जीवन भर का ठाठ ।। सुशील सरना / 7-7-24 Quote Writer 6 Share sushil sarna 7 Jul 2024 · 1 min read अज्ञानी ज्ञानी हुए, अज्ञानी ज्ञानी हुए, ज्ञान हुआ अब मौन । अब जब सारे द्रोण तो , शिष्य रहा फिर कौन ।। सुशील सरना / 7-7-24 Quote Writer 7 Share sushil sarna 6 Jul 2024 · 1 min read बीता कल ओझल हुआ, बीता कल ओझल हुआ, अगला है आभास । वर्तमान में जी रही, दो साँसों की आस ।। सुशील सरना / 6-7-24 Quote Writer 11 Share sushil sarna 6 Jul 2024 · 1 min read काल अटल संसार में, काल अटल संसार में, काल नहीं आभास । काल पाश में कैद है, पतझड़ अरु मधुमास ।। सुशील सरना / 6-7-24 Quote Writer 10 Share sushil sarna 6 Jul 2024 · 1 min read चाल समय के अश्व की, चाल समय के अश्व की, कौन सका पहचान । इसके पीछे भागता, हरदम यह इंसान ।। सुशील सरना / 6-7-24 Quote Writer 11 Share sushil sarna 6 Jul 2024 · 1 min read कल तो निर्मम काल है , कल तो निर्मम काल है , इसका क्या विश्वास । इसके हर एक अंश में , केवल प्यास ही प्यास ।। सुशील सरना / 6-7-24 Quote Writer 9 Share sushil sarna 6 Jul 2024 · 1 min read आने वाले वक्त का, आने वाले वक्त का, जाने क्या हो रूप । सुख की होगी छाँव या, दुख की होगी धूप ।। सुशील सरना / 6-7-24 Quote Writer 12 Share sushil sarna 5 Jul 2024 · 1 min read ख़्वाबों के रेशमी धागों से ....... ख़्वाबों के रेशमी धागों से ....... कितना बेतरतीब सा लगता है आसमान का वो हिस्सा जो बुना था हमने मोहब्बत के अहसासों से ख़्वाबों के रेशमी धागों से ढक गया... 6 Share sushil sarna 5 Jul 2024 · 1 min read दोहा सप्तक : इच्छा ,कामना, चाह आदि दोहा सप्तक : इच्छा ,कामना, चाह आदि मानव मन संसार में, इच्छाओं का दास । ओर -ओर की चाह में, निस-दिन बढ़ती प्यास ।1। इच्छा हो जो बलवती, सध जाता... 10 Share sushil sarna 4 Jul 2024 · 1 min read ढोंगी बाबा से सदा, ढोंगी बाबा से सदा, भक्तो रहो सचेत । यह वो थलचर जो चरे, सदा जेब का खेत ।7। सुशील सरना / 4-7-24 Quote Writer 14 Share sushil sarna 4 Jul 2024 · 1 min read ढोंगी देता ज्ञान का, ढोंगी देता ज्ञान का, भक्तों को उपदेश । जनता के अनुरूप ही, ढोंगी बदले वेश ।6। सुशील सरना / 4-7-24 Quote Writer 16 Share sushil sarna 4 Jul 2024 · 1 min read कुछ भागे कुछ गिर गए, कुछ भागे कुछ गिर गए, कुछ की टूटी श्वांस । आएगी किसको भला, ऐसी पूजा रास ।5। सुशील सरना / 4-7-24 Quote Writer 18 Share sushil sarna 4 Jul 2024 · 1 min read कुछ न जाता सन्त का, कुछ न जाता सन्त का, कुचली जाती भीड़ । भगदड़ में जानें गईं, मिटा किसी का नीड़ ।4। सुशील सरना / 4-7-24 Quote Writer 16 Share sushil sarna 4 Jul 2024 · 1 min read तिलक लगाया माथ पर, तिलक लगाया माथ पर, बन बैठे भगवान । दुखी ढूँढते सन्त में, दुख के सभी निदान ।3। सुशील सरना / 4-7-24 Quote Writer 15 Share sushil sarna 4 Jul 2024 · 1 min read तन मन धन से लूटते, तन मन धन से लूटते, भक्तो को हर बार । फिर भी जनता बावली, जाती उस के द्वार ।। सुशील सरना 4-7-24 Quote Writer 15 Share sushil sarna 4 Jul 2024 · 1 min read पानी से आग बुझाने की .... पानी से आग बुझाने की .... किस तिनके ने दी इजाज़त घर में धूप को आने की दहलीज़ पे रातों की आकर पलकों में ख़्वाब जलाने की जिस खिड़की पर... 14 Share sushil sarna 4 Jul 2024 · 1 min read पागल हो जनता चली, पागल हो जनता चली, बाबाओं के द्वार । धक्के खाये सौ मगर, हुआ न कुछ उद्धार ।। सुशील सरना / 4-7-24 Quote Writer 12 Share sushil sarna 3 Jul 2024 · 1 min read दोहा एकादश. . . . जरा काल दोहा एकादश. . . . जरा काल दृग जल हाथों पर गिरा, टूटा हर अहसास । काया ढलते ही लगा, सब कुछ था आभास ।।1 जीवन पीछे रह गया, छूट... 10 Share sushil sarna 2 Jul 2024 · 1 min read सावन में मन मनचला, सावन में मन मनचला, करे मिलन मनुहार । रोम - रोम में प्यार की, वृष्टि भरे अंगार ।। सुशील सरना / 2-7-24 Quote Writer 20 Share sushil sarna 2 Jul 2024 · 1 min read धक धक धड़की धड़कनें, धक धक धड़की धड़कनें, घन गरजे घनघोर । रोक न पाई वेग को, प्रतिरोधों की डोर ।। सुशील सरना / 2-7-24 Quote Writer 19 Share sushil sarna 2 Jul 2024 · 1 min read प्रबल वेग बरसात का, प्रबल वेग बरसात का, उस पर मस्त समीर । मदन भाव उन्नत हुए, मन खो बैठा धीर ।। सुशील सरना / 2-7-24 Quote Writer 20 Share sushil sarna 2 Jul 2024 · 1 min read प्रबल वेग बरसात का, प्रबल वेग बरसात का, उस पर मस्त समीर । मदन भाव उन्नत हुए, मन खो बैठा धीर ।। सुशील सरना / 2-7-24 Quote Writer 14 Share sushil sarna 2 Jul 2024 · 1 min read जैसे-जैसे दिन ढला, जैसे-जैसे दिन ढला, मौन हुए साकार । साँसों में साँसें घुलीं, टूटे सब इंकार ।। सुशील सरना / 2-7-24 Quote Writer 16 Share sushil sarna 2 Jul 2024 · 1 min read अधरों ने की दिल्लगी, अधरों ने की दिल्लगी, अधरों से कल शाम । नयन लजीले चुप रहे, देह हुई बदनाम ।। सुशील सरना / 2-7-24 Quote Writer 18 Share sushil sarna 1 Jul 2024 · 1 min read कुछ क्षणिकाएं: कुछ क्षणिकाएं: याद और बरसात : सो गई रात साथ लिए यादों के आघात ......................... यादों के आघात आग बढ़ाए सावन की बरसात ........................ सावन की बरसात अंग अंग में... 10 Share sushil sarna 1 Jul 2024 · 1 min read झूठा तन का आवरण, झूठा तन का आवरण, झूठी इसकी शान। झूठी दम्भी श्वास का, सत्य सिर्फ़ अवसान। सुशील सरना / 1-7-24 Quote Writer 20 Share sushil sarna 1 Jul 2024 · 1 min read जीव सदा संसार में, जीव सदा संसार में, पल भर की पहचान । लाख भटक ले जीव का , अन्तिम घट शमशान ।। सुशील सरना / 1-7-24 Quote Writer 12 Share sushil sarna 30 Jun 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . सावन दोहा पंचक. . . . सावन गौर वर्ण पर नाचती, सावन की बौछार । विटप ओट से प्रीत का, हो जाता अभिसार ।। चंचल दृग नर्तन करें, बौछारों के संग... 14 Share sushil sarna 29 Jun 2024 · 1 min read कुंडलिया. . . कुंडलिया. . . ममता माँ की जानती, कैसा उसका लाल । वो रोया तो हो गए , गीले माँ के गाल । गीले माँ के गाल , रात भर नींद... Quote Writer 18 Share sushil sarna 29 Jun 2024 · 1 min read छोड़ दिया ज़माने को जिस मय के वास्ते छोड़ दिया ज़माने को जिस मय के वास्ते वो आये क्या मैकदे में, बोतल तड़क गयी सुशील सरना Quote Writer 17 Share sushil sarna 29 Jun 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . मेघ दोहा पंचक. . . मेघ श्वेत हंस आकाश में, करते मुक्त विहार । बिन बरसे ही मेघ ये, लौट गए हर बार ।। मेला मेघों का लगा, अम्बर के उस... 19 Share sushil sarna 28 Jun 2024 · 1 min read फिर आई बरसात फिर, फिर आई बरसात फिर, घन गरजे घनघोर । फिर धड़का दिल जोर से, फिर गीले थे कोर ।। सुशील सरना / 28-6-24 Quote Writer 18 Share sushil sarna 28 Jun 2024 · 1 min read दोहा सप्तक. . . . . दौलत दोहा सप्तक. . . . . दौलत दौलत के बाजार में, रिश्ते हुए गरीब । स्वार्थ पूर्ण माहौल में, बदल गई तहजीब ।। प्रासादों से दूर है, चैन, अमन, आराम... 20 Share sushil sarna 27 Jun 2024 · 1 min read ज़िंदगी के सफ़हात ... ज़िंदगी के सफ़हात ... हैरां हूँ बाद मेरे फना होने के किसी ने मेरी लहद को गुलों से नवाज़ा है एक एक गुल में गुल की एक एक पत्ती में... 16 Share sushil sarna 27 Jun 2024 · 1 min read जुगनू सी ख़्वाहिश ...... लघु रचना जुगनू सी ख़्वाहिश ...... लघु रचना देर तक ठहरी रही मेरी निग़ाह उस मोड़ पर शायद तुम लौट आओ धोखा मिला मेरी उम्मीद को अंधेरों में सिमट गया वो मोड़... 15 Share sushil sarna 27 Jun 2024 · 1 min read क्षणिका : क्षणिका : रश्मि का प्रहार शरमीली सी हार बिखरा हरसिंगार सुशील सरना Quote Writer 17 Share sushil sarna 27 Jun 2024 · 1 min read अमर ... अमर ... प्रश्न कभी मृत नहीं होते उत्तर सदा अमृत नहीं होते कामनाएं दास बना देती हैं उत्कण्ठाएं प्यास बढ़ा देती हैं शशांक विभावरी का दास है शलभ अमर लौ... 17 Share sushil sarna 27 Jun 2024 · 1 min read दोहे आज के ..... दोहे आज के ..... बिगड़े हुए समाज का, बोलो दोषी कौन । संस्कारों के ह्रास पर, आखिर हम क्यों मौन ।। संस्कारों को आजकल, भला पूछता कौन । नंगेपन के... 15 Share sushil sarna 26 Jun 2024 · 1 min read अँधेरा अँधेरा अपना होता है जहां मुखरित होता है स्वयं से स्वयं का अस्तित्व और अंकुरित होता है एक विश्वास सवेरे का अन्धकार के गर्भ से सुशील सरना Quote Writer 23 Share sushil sarna 26 Jun 2024 · 1 min read मौन पर त्वरित क्षणिकाएं : मौन पर त्वरित क्षणिकाएं : मौन तो क्षरण है शोर का ............ मन का कोलाहल है मौन ............ मौन स्वीकार है समर्पण का ............... प्रतिशोध का शोर है मौन सुशील... 17 Share sushil sarna 26 Jun 2024 · 1 min read गुज़रे हुए मौसम, ,,, गुज़रे हुए मौसम, ,,, अन्तहीन सफ़र तुम और मैं जैसे ख़ामोश पथिक अनजाने मोड़ अनजानी मंजिल कसमसाती अभिव्यक्तियां अनजानी आतुरता देखते रह गए गुजरते हुए कदमों को अपने ऊपर से... 21 Share sushil sarna 26 Jun 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . . आभार दोहा पंचक. . . . . आभार परिभाषा कब प्रेम की, पढ़ पाया संसार । जिसने जाना प्रेम को, दर्शाया आभार ।। करते जो उपकार का, व्यक्त सदा आभार ।... 20 Share sushil sarna 25 Jun 2024 · 1 min read दिल टूटा तो हो गया, दिल ही दिल से दूर । दिल टूटा तो हो गया, दिल ही दिल से दूर । अश्कों से फिर गुफ़्तगू, उल्फत का दस्तूर ।। सुशील सरना / 25-6-24 Quote Writer 1 22 Share sushil sarna 25 Jun 2024 · 1 min read जादू था या जलजला, या फिर कोई ख्वाब । जादू था या जलजला, या फिर कोई ख्वाब । घायल दिल को कर गया, कातिल शोख शबाब ।। सुशील सरना / 25-6-24 Quote Writer 1 20 Share sushil sarna 25 Jun 2024 · 1 min read नजरों के वो पास हैं, फिर भी दिल दूर । नजरों के वो पास हैं, फिर भी दिल दूर । दिल के सारे खेल हैं , दिल से ही मजबूर ।। सुशील सरना / 25-6-24 Quote Writer 1 21 Share sushil sarna 24 Jun 2024 · 1 min read पूर्ण विराम : पूर्ण विराम : ओल्ड हो जाता है जब इंसान ऐज हो जाती है लहूलुहान अपने ही खून के रिश्तों से होम में जल जाते हैं सारे कोख के रिश्ते बदल... 15 Share sushil sarna 24 Jun 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . . दोहा पंचक. . . . . मन से विस्मृत हो भला, कैसे पहला प्यार। मुदित नयन में वो करे, सदा स्वप्न शृंगार ।। हर मौसम का प्राण है , सुधियों... 18 Share Page 1 Next