786
posts
कई जिंदगियां महफूज़ रहती हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मुझे हर वक्त बस तुम्हारी ही चाहत रहती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चलो इश्क़ जो हो गया है मुझे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तुम प्यार मोहब्बत समझती नहीं हो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अभी भी जारी है जंग ज़िंदगी से दोस्तों,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चाहे लाख महरूमियां हो मुझमे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
उजाले अपनी आंखों में इस क़दर महफूज़ रखना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इस दिल बस इतना ही इंतकाम रहे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यूं हज़ार बहाने हैं तुझसे बात करने को ऐ ज़िंदगी!
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यूं बहाने ना बनाया करो वक्त बेवक्त मिलने में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
उस रात रंगीन सितारों ने घेर लिया था मुझे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रात भर नींद की तलब न रही हम दोनों को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आजकल की बेटियां भी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अब कौन-कौन परखेगा यूं हमें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ज़िंदगी, ज़िंदगी ढूंढने में ही निकल जाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आज़ मैंने फिर सादगी को बड़े क़रीब से देखा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अमीर जिन महलों को सपनों का आशियाना कहते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
शाम हुई, नन्हें परिंदे घर लौट आते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तुम्हारे दिल में इक आशियाना खरीदा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हर रात रंगीन बसर करने का शौक़ है उसे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दरख़्त-ए-जिगर में इक आशियाना रक्खा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
किस मोड़ पे मिलेंगे बिछड़कर हम दोनों हमसफ़र,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ज़माने ने मुझसे ज़रूर कहा है मोहब्बत करो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नई ज़िंदगी
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
क्या आसमां और क्या जमीं है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जब बात नई ज़िंदगी की करते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दीवाल पर लगी हुई घड़ी की टिकटिक की आवाज़ बनके तुम मेरी दिल क
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तुम्हारे इश्क़ की तड़प जब से लगी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आफताब भी ख़ूब जलने लगा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अच्छे दोस्त भी अब आंखों में खटकने लगे हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जब से मेरे सपने हुए पराए, दर्द शब्दों में ढलने लगे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जिम्मेदारियां दहलीज पार कर जाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रात बसर की मैंने जिस जिस शहर में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्रेम रंग में रंगी बांसुरी भी सातों राग सुनाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इस क़दर उलझे हुए हैं अपनी नई ज़िंदगी से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तन्हा रातों में इक आशियाना ढूंढती है ज़िंदगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जून का महीना जो बीतने वाला है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
टूटे तारों से कुछ मांगों या ना मांगों,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वो रंगीन स्याही भी बेरंग सी नज़र आयेगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पूरी जिंदगानी लूटा देंगे उस ज़िंदगी पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इन काली रातों से इक गहरा ताल्लुक है मेरा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इन हवाओं को महफूज़ रखना, यूं नाराज़ रहती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Happy Father's Day
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
फिर किस मोड़ पे मिलेंगे बिछड़कर हम दोनों,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इन दिनों शहर में इक अजब सा माहौल है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इन आँखों ने उनसे चाहत की ख़्वाहिश की है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
शीशे को इतना भी कमजोर समझने की भूल मत करना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यूं आंखों से ओझल हो चली हो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जितनी बार भी तुम मिली थी ज़िंदगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चेहरा सब कुछ बयां नहीं कर पाता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"