अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' Language: Hindi 1261 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 9 Next अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 8 Oct 2021 · 1 min read बस अब और नहीं बस अब और नहीं फिल्मों में गालियों की बौछार तंग गलियों में सिसकते संस्कार बस अब और नहीं बुजुर्गों का तिरस्कार नारी पर होते अत्याचार बस अब और नहीं आधुनिक... Hindi · कविता 4 8 232 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 8 Oct 2021 · 2 min read मैंने एक बार................. - व्यंग्य मैंने एक बार................. मैंने एक बार एक बच्चे से पूछा " क्या बनोगे ? " बच्चे ने मुंह बिचकाया मैंने पूछा शिक्षक बनना चाहोगे ? बच्चा मासूमियत भरे अंदाज़ में... Hindi · कविता 3 6 239 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 8 Oct 2021 · 1 min read हर एक चरित्र हर एक चरित्र कामातुर, व्यभिचारी विचारों से पोषित हो रहा हर एक चरित्र देह कामना , हो गयी अभिलाषा इसे ही जीवन का उद्देश्य ले जी रहा हर एक चरित्र... Hindi · कविता 3 4 230 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 8 Oct 2021 · 2 min read पिताजी तूसी ग्रेट हो पिताजी तूसी ग्रेट हो शर्मा जी एक अधिकारी के पद पर कार्य करते हैं | घर में पत्नी सीमा के अलावा इनके दो बच्चे प्रियंका और शशांक हैं | घर... Hindi · कहानी 5 20 675 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 8 Oct 2021 · 4 min read मुक्ति – कहानी मुक्ति – कहानी एक संपन्न परिवार में माता - पिता , भाई , दादा – दादी हैं | इस कहानी की मुख्य पात्र है प्रियंका | परिवार में शिक्षा के... Hindi · कहानी 3 2 215 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 2 Oct 2021 · 1 min read रुकना नहीं है तुमको रुकना नहीं है तुमको रुकना नहीं है तुमको, क्यूं कर है घबराना करना है आसमां रोशन, दूर मंजिल पार जाना I क्यूं कर हो डर तुझको, आँधियों का , तूफानों... Hindi · कविता 2 8 572 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 2 Oct 2021 · 1 min read पावन तेरा मंदिर, पावन तेरा द्वारा पावन तेरा मंदिर, पावन तेरा द्वारा पावन तेरा मंदिर, पवन तेरा द्वारा कान्हा सबका प्यारा , कान्हा सबका प्यारा I छवि तेरी निराली, मन मोहने वाला कान्हा सबका प्यारा ,... Hindi · गीत 2 2 281 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 29 Sep 2021 · 2 min read अनूठा प्रयास - लघु कहानी अनूठा प्रयास - लघु कहानी एक पौश कॉलोनी का दृश्य है | कॉलोनी में करीब 500 मकान हैं | यह कहानी कोरोना काल के भीषण दौर की त्रासदी को बयाँ... Hindi · लघु कथा 2 2 368 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 21 Sep 2021 · 1 min read कान्हा जी घर आये कान्हा जी घर आये, आये मोरे अंगना राधाजी को संग लाये, आये मोरे अंगना शंकर जी घर आये , आये मोरे अंगना पार्वती को संग लाये , आये मोरे अंगना... Hindi · गीत 4 2 218 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 21 Sep 2021 · 1 min read तेरे चरणों में आकर तेरे चरणों में आकर तेरे चरणों में आकर , संवर गया हूँ मैं तेरे चरणों की धूलि पाकर, निखर गया हूँ मैं रोशन हो गयी कलम मेरी, विचार मेरे तुझसे... Hindi · गीत 3 4 215 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 Sep 2021 · 8 min read इन्टरनेट और वर्तमान सामाजिक परिवेश में इसकी सापेक्षता इन्टरनेट और वर्तमान सामाजिक परिवेश में इसकी सापेक्षता इन्टरनेट, बीसवीं सदी के अंत में हुए आविष्कार की परिणति के रूप में हम सबके सामने आया | इन्टरनेट जितनी जल्दी परवान... Hindi · लेख 3 4 352 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 4 Sep 2021 · 1 min read शिक्षक शिक्षक शिक्षक बन शिक्षक सा बन शिक्षक बन शिक्षक सा बन बांध न तू, बंधन में जीवन खोल द्वार ज्ञान के तू इस क्षण शिक्षक बन शिक्षक सा बन शिक्षक... Hindi · कविता 3 4 359 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 4 Sep 2021 · 3 min read उम्मीद – कहानी उम्मीद – कहानी एक परिवार जिसमें दिवाकर चौहान और उसकी पत्नी रहते हैं | यह एक मध्यमवर्गीय परिवार है | दिवाकर जी एक सरकारी कर्मचारी है और इनका अपना खुद... Hindi · कहानी 3 2 691 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 4 Sep 2021 · 3 min read कहानी का नाम – काश कहानी का नाम – काश टिल्लू बहुत ही उद्दंड किस्म का लड़का था | पढ़ाई में तो उसका मन बिल्कुल ही नहीं लगता था | घर में चार बहनों के... Hindi · कहानी 2 2 603 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 31 Aug 2021 · 1 min read पुष्प बनकर मैं खिलना चाहता हूँ पुष्प बनकर मैं खिलना चाहता हूँ पुष्प बनकर मैं खिलना चाहता हूँ गीत बनकर मैं संवरना चाहता हूँ कोशिशों को अपनी धरोहर करना चाहता हूँ कीर्ति के नए आयाम रचना... Hindi · कविता 3 4 288 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 31 Aug 2021 · 1 min read यादों का सफ़र खुशनुमा हो, कुछ ऐसा कर जाएँ यादों का सफ़र खुशनुमा हो, कुछ ऐसा कर जाएँ यादों का सफ़र खुशनुमा हो, कुछ ऐसा कर जाएँ किसी का भी दिल न टूटे , कुछ ऐसा कर जाएँ बदनुमा... Hindi · कविता 3 4 224 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 31 Aug 2021 · 1 min read मेरी कान्हा मेरी सरकार हो तुम मेरी कान्हा मेरी सरकार हो तुम मेरे दिल में बसते हो मेरे प्रभु तुम मेरी कान्हा मेरी सरकार हो तुम दिशा ज्ञान दे रहे हो मुझको मेरे प्रभु मेरे जीवन... Hindi · गीत 2 2 325 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Aug 2021 · 1 min read योग योग योग जीवन की प्राण वायु योग की हर छटा निराली योग से हो तन प्रफुल्लित योग से हो मन प्रफुल्लित योग से हो रोम – रोम पुलकित योग से... Hindi · कविता 2 2 458 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Aug 2021 · 1 min read आज मैं देख लूं तुझे , जी भर के जरा – ग़ज़ल आज मैं देख लूं तुझे , जी भर के जरा – ग़ज़ल आज मैं देख लूं तुझे , जी भर के जरा आज मैं छू लूं तुझे , जी भर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 232 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Aug 2021 · 1 min read वक्त नाजुक है ( कोरोना काल पर रचना ) वक्त नाजुक है ( कोरोना काल पर रचना ) वक्त नाजुक है , जरा संभलकर रहिये कोरोना की भीषण त्रासदी है, जरा बचकर रहिये | कैद कर लोगे जो खुद... Hindi · कविता 4 10 374 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Aug 2021 · 1 min read तरक्की का कैसा ये मंज़र सजा है तरक्की का कैसा ये मंज़र सजा है तरक्की का कैसा ये , मंज़र सजा है संस्कारों से मानव , हुआ जुदा है भाग - दौड़ की संस्कृति , हुई विकसित... Hindi · कविता 3 2 243 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 16 Aug 2021 · 2 min read ज़िद – कहानी ज़िद – कहानी शहर में रहते हुए भी नेहा जद्दोजहद की जिन्दगी जी रही थी | घर में माता - पिता के अलावा एक भाई पंकज भी है | नेहा... Hindi · कहानी 7 16 1k Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 16 Aug 2021 · 4 min read लॉकडाउन के दौरान पुस्तकों की व्यथा लॉकडाउन के दौरान पुस्तकों की व्यथा यहाँ हम आज लॉकडाउन के दौरान अलमारियों में बंद दो पुस्तकों के बीच के वार्तालाप को सकारात्मक दृष्टि से समझने की कोशिश करेंगे कि... Hindi · लेख 4 8 976 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 6 Aug 2021 · 4 min read गुमराह - कहानी गुमराह एक गाँव में चार दोस्त रहते थे उनके नाम थे – मनोज, पंकज, देव एवं विजय | सभी खेतिहर मजदूर के परिवारों से थे | फिर भी एक बात... Hindi · कहानी 4 10 1k Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jul 2021 · 1 min read मुक्तक मुक्तक 1. जब तुम्हें रिश्तों की पावनता का बोध होने लगे जब तुम्हें रिश्तों की मर्यादा का भान होने लगे जब तुम्हें रिश्ते , जीवन की संजीवनी नज़र आने लगें... Hindi · मुक्तक 6 10 398 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jul 2021 · 1 min read पुस्तकों का आश्रय पाकर पुस्तकों का आश्रय पाकर पुस्तकों का आश्रय पाकर तुम जो चाहे बन सकते हो | चीर कर अज्ञान के तम को ज्ञान मार्ग पर बढ़ सकते हो | संस्कारों की... Hindi · कविता 4 14 388 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jul 2021 · 1 min read तारों , सितारों में तुझे ढूंढता हूँ तारों , सितारों में तुझे ढूंढता हूँ तारों , सितारों में तुझे ढूंढता हूँ पवन की बयारों में तुझे ढूंढता हूँ | सूना है तू बसता है, हर एक के... Hindi · कविता 4 2 354 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jul 2021 · 1 min read तू मेरा मालिक , मालिक है मेरा तू मेरा मालिक , मालिक है मेरा तू मेरा मालिक , मालिक है मेरा तुझसे ही रोशन , मेरी जिन्दगी है | हुआ मैं रोशन , करम से तेरे तुझसे... Hindi · कविता 3 6 546 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jul 2021 · 6 min read भरोसा – कहानी भरोसा – कहानी विकास गुप्ता एक कपड़े के व्यापारी हैं बाज़ार में इनकी एक कपड़े की बड़ी सी दुकान है | परिवार खुशहाल और समृद्ध है | माता - पिता... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 18 28 1k Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 25 Jul 2021 · 1 min read बंदिशों में रहकर ही बंदिशों में रहकर ही बंदिशों में रहकर ही , संवरता है जीवन बंदिशों के आँचल तले , निखरता है जीवन | जो चंचल हो भटकता है , वो बिखरता है... Hindi · कविता 6 8 248 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 25 Jul 2021 · 1 min read पीर दिलों की मिटा के पीर दिलों की मिटा के पीर दिलों की मिटा के , रोशन किया ज़ज्बा – ए - वतन मादरे वतन पर मर मिटने का ज़ज्बा सिखा गए | वतनफ़रोशी का... Hindi · कविता 5 6 307 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 25 Jul 2021 · 1 min read मुक्तक मुक्तक 1. जब तुम्हारे प्रयास , सफल होने लगें जब तुम्हारी कोशिशों को, दिशा प्राप्त होने लगे जब तुम सफ़लता की , सीढियां चढ़ने लगो तब समझना , मंजिल तुम्हारे... Hindi · मुक्तक 5 2 261 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 25 Jul 2021 · 1 min read मुक्तक मुक्तक 1. जब तुम्हें प्रेम की पावनता का , बोध होने लगे जब तुम्हें प्रेम की सात्विकता का , भान होने लगे जब तुम्हें अपनी प्रियतमा में , आत्मिक प्रेम... Hindi · मुक्तक 3 2 252 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 22 Jul 2021 · 1 min read मुक्तक मुक्तक 1. जब तेरे प्रयास , तेरी मंजिल का हमसफ़र होने लगें जब तेरी सफलता के, सकारात्मक प्रभाव दिखने लगें | जब तेरे प्रयास , दूसरों का मार्गदर्शन करने लगें... Hindi · मुक्तक 3 6 357 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 22 Jul 2021 · 1 min read मुक्तक मुक्तक 1. जब तेरी कोशिशें , तेरी मंजिल का हमसफ़र होने लगें जब तेरे प्रयास , तुझे प्रेरित करने लगें | जब तेरी कोशिशों को , खुला आसमां नसीब होने... Hindi · मुक्तक 3 2 465 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 22 Jul 2021 · 1 min read तेरी उम्मीद में जी रहा हूँ मैं - ग़ज़ल तेरी उम्मीद में जी रहा हूँ मैं - ग़ज़ल तेरी उम्मीद में , जी रहा हूँ मैं तेरी उम्मीद में पी रहा हूँ मैं | जाम नहीं है , आंसुओं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 210 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 22 Jul 2021 · 1 min read हमने जिन्दगी में कभी रात का अँधेरा , तो कभी सुबह का उजाला देखा है हमने जिन्दगी में कभी रात का अँधेरा , तो कभी सुबह का उजाला देखा है हमने जिन्दगी में कभी रात का अँधेरा , तो कभी सुबह का उजाला देखा है... Hindi · कविता 3 4 480 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 22 Jul 2021 · 1 min read कहाँ मिलेंगे उसके क़दमों के निशाँ कहाँ मिलेंगे उसके क़दमों के निशाँ कहाँ मिलेंगे , उसके क़दमों के निशाँ कहाँ नज़र आयेंगे , उसकी उपस्थिति के निशाँ | किस आकृति में उसने , स्वयं को किया... Hindi · कविता 3 2 521 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 15 Jul 2021 · 2 min read आज जानकारियों का बढ़ गया भण्डार है आज जानकारियों का बढ़ गया भण्डार है आज जानकारियों का बढ़ गया भण्डार है कुछ सच्ची कुछ झूठी , कुछ की महिमा अपरम्पार है कुछ यू - ट्यूब पर चला... Hindi · कविता 5 4 485 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 15 Jul 2021 · 2 min read हिंदी साहित्य जगत में अनेक सितारे हैं हिंदी साहित्य जगत में अनेक सितारे हैं हिंदी साहित्य जगत में , अनेक सितारे हैं कुछ टिमटिमाते तारे, कुछ सूर्य की तरह गरम अंगारे हैं कुछ स्वयं को साहित्य जगत... Hindi · कविता 5 6 365 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 3 Jul 2021 · 3 min read मुस्कान लौट आई - कहानी मुस्कान लौट आई - कहानी गाँव के मुहाने पर एक ओर बुधिया का मकान | मकान में बुधिया की पत्नी, उसकी प्यारी सी बेटी गौरी , माता एवं पिता कुल... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 34 92 2k Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 2 Jul 2021 · 6 min read किस तरह से आप स्वयं को बहुमुखी प्रतिभा का धनी बनाएं ? ( 30 उपाय ) किस तरह से आप स्वयं को बहुमुखी प्रतिभा का धनी बनाएं ? ( 30 उपाय ) जीवन में सफलता और असफलता के दौर से प्रायः हर एक आदमी को गुजरना... Hindi · लेख 3 6 1k Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 2 Jul 2021 · 1 min read उनकी मुस्कान पर हमारा हक़ नहीं हुआ तो उनकी खता कैसी उनकी मुस्कान पर हमारा हक़ नहीं हुआ तो उनकी खता कैसी उनकी मुस्कान पर हमारा हक़ नहीं हुआ तो उनकी खता कैसी उनकी बाहों का सहारा हमें नसीब नहीं हुआ... Hindi · कविता 3 2 374 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 2 Jul 2021 · 1 min read डाली से गिरकर टूटे डाली से गिरकर टूटे डाली से टूटकर गिरे पत्ते से मैंने पूछा “क्या डाली ने और साथ देने इनकार कर दिया” पत्ता मासूमियत भरे अंदाज़ में बोला जब आदमी का... Hindi · कविता 3 2 205 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 2 Jul 2021 · 1 min read चाहतों का एक समंदर चाहतों का एक समंदर चाहतों का एक समंदर रोशन कर सकूं तो अच्छा हो मुहब्बत का एक कारवाँ सजा सकूं तो अच्छा हो गीत पाक मुहब्बत के अपनी लेखनी का... Hindi · कविता 4 4 390 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 2 Jul 2021 · 1 min read संवेदनाएं संवेदनाएं संवेदनाओं की दुनिया खोलती है एक नई कहानी भयमुक्त हो जाती हैं हमारी प्रार्थनाएं संवेदना एक संभावना नहीं अवसर है जीवन को भय मुक्त पथ पर अग्रसर करने का... Hindi · कविता 4 2 498 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 2 Jul 2021 · 1 min read मैं अपना सूरज खुद बन मैं अपना सूरज खुद बन मैं अपना सूरज खुद बन चमकना चाहता हूँ अपने हौसलों को अपनी मंजिल का हमसफ़र बनाना चाहता हूँ क्यों कर मैं दूसरों की बताई राह... Hindi · कविता 3 2 370 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 2 Jul 2021 · 1 min read मुक्तक 1 आंसुओं की भी होती है अपनी जुबां बहते हैं तो दिल की गहराइयों तक संवेदनाओं का एक ज्वार - भाटा सा स्वयं ही एहसास जगा देता है 2 एक... Hindi · मुक्तक 3 2 341 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 2 Jul 2021 · 1 min read नारी नारी आज की आधुनिक नारी कतरा - दर कतरा जिन्दगी को संजोती नारी अपने आँचल में हौसलों का एह्सास लिये उम्मीदों का एक समंदर संजोती नारी जीवन मरू में प्यार... Hindi · कविता 4 12 455 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 2 Jul 2021 · 1 min read क्यों कर तुम्हारे खून में क्यों कर तुम्हारे खून में क्यों कर तुम्हारे खून में उबाल नहीं आता क्यों कर तुम्हारी आत्मा तुम्हें नहीं लजाती क्यों कर स्वयं के हित जी रहे तुम ऐसा क्या... Hindi · कविता 3 2 202 Share Previous Page 9 Next