अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' Language: Hindi 1261 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 7 Next अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 22 Aug 2022 · 1 min read रेहड़ी रोज सुबह होते ही निकल पड़ता हूँ मैं अपने घोंसले से बाहर स्वयं के और परिवार के उदर पुष्टि के इंतजाम में हाथ में रेहड़ी थामे चल पड़ता हूँ दस... Hindi · कविता 3 2 118 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 22 Aug 2022 · 2 min read प्रेरक संस्मरण बात जनवरी 2022 की है | विद्यालयों में वार्षिक निरीक्षण प्रक्रिया आरम्भ हो चुकी थी | सभी अपनी - अपनी तैयारियों में व्यस्त हो गए | हम पुस्तकालय अध्यक्षों के... Hindi · प्रेरक प्रसंग · संस्मरण 1 166 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 21 Aug 2022 · 3 min read साहस - कहानी दिनेश अग्रवाल जी के परिवार में दो बच्चों पंकज और कोमल के अलावा पत्नी सुधा और माता -पिता थे | दिनेश जी की अपनी खुद की मेडिकल की दुकान थी... Hindi · कहानी · प्रेरक 4 2 707 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 20 Aug 2022 · 4 min read चंचल मालती मालती, अपने माता – पिता की अकेली संतान थी । नाजों से पली मालती बचपन से ही चंचल थी । अकेली संतान होने की वजह से भी घर में उसकी... Hindi · कहानी 1 2 362 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 20 Aug 2022 · 2 min read प्रेरक प्रसंग आज दिनांक 20.08.2022 से करीब 20 दिन पहले की बात है | सुबह के समय स्कूल जाते समय मैं एक पट्रोल पंप पर पट्रोल भरवाने के लिए रुका | मेरे... Hindi · प्रेरक प्रसंग · प्रेरणादायक · संस्मरण 1 180 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 26 Jul 2022 · 2 min read पुरस्कार - कहानी मोनू गधा जंगल का एकमात्र सीधा - साधा जानवर था | इसके सीधेपन का कभी - कभी उसे नुक्सान भी उठाना पड़ता था | पर उसकी एक अच्छी आदत थी... Hindi 4 5 549 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Jun 2022 · 1 min read मुक्तक आने वाले कल की ख़ुशनुमा सुबह का एहसास जगाए रखना जीत का हौसला अपने दिल में जगाए रखना l गलती से भी हार का ख्याल ना आए जेहन में अपने... Hindi · मुक्तक 4 2 314 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 1 Jun 2022 · 1 min read मुक्तक इस जीवन को जीवन कर लूँ मैं चांद तारों से क्या लेना मुझको l Hindi · मुक्तक 5 2 197 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 1 Jun 2022 · 1 min read मुक्तक चाँद तारों की आरज़ू नहीं मुझको आशिकी से सजा दे आशियाँ मेरा, मेरे मालिक l Hindi · मुक्तक 3 313 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 1 Jun 2022 · 1 min read मुक्तक उनकी यादों को कर लिया अपनी धरोहर मैंने हर एक शख्स को तन्हा रहना है एक दिन l Hindi · मुक्तक 2 287 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 1 Jun 2022 · 1 min read मुक्तक वो हमारी खुशी के पलों में खुश न हुए ग़मों के दौर में मुस्कुरा कर चल दिये l Hindi · मुक्तक 1 243 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 10 May 2022 · 1 min read चलो ईद मनाएं मिलकर , होली के रंग सजाएं मिलकर चलो ईद मनाएं मिलकर , होली के रंग सजाएं मिलकर पीर दिलों की मिटाकर , दीपावली के दीये सजाएं मिलकर | क्यूं कर हो जाएँ , हम कुटिल , अधर्मी... Hindi · कविता 1 165 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 10 May 2022 · 1 min read यूं ही चलते - चलते जिन्दगी की शाम हो जाए कुछ तुम हमारे , कुछ हम तुम्हारे खैरख्वाह हो जाएँ यूं ही चलते - चलते जिन्दगी की शाम हो जाए | चंद रातें तुम करो, चंद रातें हम करें रोशन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 4 186 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 10 May 2022 · 1 min read मुक्तक जब तेरी कोशिशें दूसरों की ख़ुशी का पर्याय होने लगें जब तेरे प्रयास दूसरों के ग़मों में विराम लगाने लगें जब तेरी कोशिशें किसी के सूने जीवन में खुशियाँ लाने... Hindi · मुक्तक 3 2 176 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 10 May 2022 · 1 min read मुक्तक जब उजाड़ उपवन में भी तुम्हें पुष्पों की कतार नज़र आने लगे जब अभाव के दौर में भी तुम्हें सुख का एहसास होने लगे जब किसी के दुःख में तुम्हें... Hindi · मुक्तक 2 165 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 10 May 2022 · 1 min read मुक्तक जब तेरे दर्द में कोई दूसरा शरीक होने लगे जब तेरे गम को कोई दूसरा , अपना गम कहने लगे जब तेरी व्यथा पर कोई दूसरा आंसू बहाने लगे तब... Hindi · मुक्तक 2 150 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 10 May 2022 · 1 min read मुक्तक जब तेरे ह्रदय में , किसी व्यथा पर दया भाव जागने लगे जब किसी का दर्द , तुझे अपना दर्द बन सताने लगे जब किसी की ख़ुशी में तुम्हें ख़ुशी... Hindi · मुक्तक 3 151 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 10 May 2022 · 1 min read मुक्तक जब किसी के आंसू , तुझे आंसुओं में डुबोने लगें जब किसी की गरीबी, तुझे सोचने पर मजबूर करने लगे जब किसी की ख़ुशी में तुझे, अपनी ख़ुशी नज़र आने... Hindi · मुक्तक 2 256 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 10 May 2022 · 1 min read मुक्तक जब किसी को देख , तेरी आँखें नम होने लगें जब किसी की व्यथा पर , तेरा दिल घबराने लगे जब किसी के गम , तुझे भीतर तक सताने लगें... Hindi · मुक्तक 2 156 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 20 Apr 2022 · 1 min read खेतों की मेड़ , खेतों का जीवन खेतों की मेड़ , खेतों का जीवन पेड़ों की उपस्थिति , मानव का जीवन संस्कारों की माला , समाज का जीवन नवजात की मुस्कान , माँ का जीवन रिश्तों की... Hindi · कविता 6 2 610 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 20 Apr 2022 · 1 min read गैरों की क्या बात करें गैरों की क्या बात करें अपने ही हुए पराये बैठे हैं कल तक जो बातें करते थे आज मुंह फुलाए बैठे हैं हमें देख कभी जो मुस्काते थे आज मुंह... Hindi · कविता 4 4 507 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 19 Apr 2022 · 3 min read संकोच - कहानी संकोच - कहानी मिश्रा जी के परिवार में “पलक” ही एकमात्र संतान है | घर संपन्न है और संस्कारित भी | घर में एक ही संतान होने की वजह से... Hindi · कहानी 3 2 591 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Apr 2022 · 1 min read हे पिता,करूँ मैं तेरा वंदन हे पिता,करूँ मैं तेरा वंदन तुमसे रोशन दुनिया मेरी तुमसे रोशन जीवन मेरा पथ प्रदर्शक थे तुम मेरे तुमसे रोशन आशियाँ मेरा हे पिता अभिनन्दन तुम्हारा तुमसे ही था घर... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 17 34 795 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 13 Apr 2022 · 3 min read त्याग की परिणति - कहानी विजय अपने माता - पिता की एक अकेली संतान है | परिवार संपन्न है | विजय के माता - पिता ने अपने पुत्र विजय को बचपन से ही संस्कारों से... Hindi · कहानी 2 2 453 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 13 Apr 2022 · 1 min read प्रेरक संस्मरण 2001 की बात है मुझे स्काउट मास्टर की बेसिक कोर्स की ट्रेनिंग के लिए नौरोजाबाद जाने का सुअवसर प्राप्त हुआ | कैंप का पहला दिन था | शाम के समय... Hindi · संस्मरण 2 621 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 1 Apr 2022 · 1 min read यूक्रेन हुआ बेज़ार है यूक्रेन हुआ बेज़ार है कैसी ये युद्ध की मार है अपने हो गए पराये इंसानियत लाचार है बच्चों की चीख गूंजती मानवता शर्म छोड़ती तन टुकड़ों में बंट रहे ये... Hindi · कविता 3 161 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 1 Apr 2022 · 1 min read यूं ही बीत जायेगी सारी उमरिया यूं ही बीत जायेगी सारी उमरिया नहीं आयेंगे तेरे सांवरिया करके भरोसा उन पर सौंप दे ये सारी उमरिया यूं ही बीत जायेगी सारी उमरिया तेरी श्रद्धा और विश्वास की... Hindi · गीत 3 2 243 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 20 Mar 2022 · 2 min read लड़की हूँ , लड़ सकती हूँ लड़की हूँ , लड़ सकती हूँ चीर कर तम का सीना रोशन आसमां कर सकती हूँ लड़की हूँ , लड़ सकती हूँ अपनी कोशिशों के समंदर से रोशन आशियाँ कर... Hindi · कविता 3 4 426 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Mar 2022 · 2 min read प्रेरक संस्मरण - इसे एक बार अवश्य पढ़ें बात उस समय की है जब मैं मात्र 11 वर्ष का था | मैं अपने घर के बाहर दरवाजे के साथ खड़ा था | सामने पीपल के वृक्ष के चारों... Hindi · संस्मरण 3 5 375 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Mar 2022 · 3 min read सयानी कोयल चमको - कहानी दमदम जंगल में सभी जानवर बहुत ही प्रेम भाव से रहा करते थे | उनके बीच किसी तरह का कोई झगड़ा नहीं होता था | जंगल में कोयलों का एक... Hindi · कहानी 1 2 566 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Mar 2022 · 1 min read जाल अपनी मुहब्बत का जाल अपनी मुहब्बत का , बिछाया है उसने मुझ पर क्या खूब नशा छाया है, उसकी मुहब्बत का मुझ पर न दिन को चैन , न ही रात को नींद... Hindi · शेर 1 231 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Mar 2022 · 1 min read प्रेरक संस्मरण वर्ष 1995 की बात है | विद्यालय का वार्षिकोत्सव करीब था | एक हिंदी नाटक का मंचन भी किया जाना तय हुआ | नाटक में मुख्य चरित्र की भूमिका में... Hindi · संस्मरण 1 303 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Mar 2022 · 2 min read प्रेरक संस्मरण वर्ष 1983 में मैंने हायर सेकेंडरी पास कर ली | किन्तु आगे पढ़ने का मन नहीं हुआ | घर में सबने सुना तो बहुत ही नाराज़ हुए | बड़े भाई... Hindi · संस्मरण 1 267 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Mar 2022 · 2 min read प्रेरक संस्मरण एक बार की बात है मैं अपनी पत्नी और बच्चों के साथ , बड़े भैया एवं भाभी के साथ पंजाब से जबलपुर ट्रेन से यात्रा कर रहा था | सामने... Hindi · संस्मरण 2 188 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 11 Mar 2022 · 1 min read यह राजनीतिक नोकझोंक कब तक यह राजनीतिक नोकझोंक कब तक ये जनता के साथ क्रूरतापूर्वक व्यवहार कब तक धर्म की राजनीति के पालने में झुलाओगे कब तक मुद्दों से जनता को भट्काओगे कब तक शिक्षा... Hindi · कविता 2 2 285 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 11 Mar 2022 · 1 min read ईर्ष्या - एक विचार ईर्ष्या एक ऐसा विचार है जो मनुष्य को नैतिक से अनैतिक कृत्य के लिए प्रेरित करता है | यह ईर्ष्यालु व्यक्ति की आंतरिक शक्तियों का नाश कर देता है |... Hindi · कोटेशन 1 273 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 11 Mar 2022 · 1 min read पीड़ा - एक विचार पीड़ा एक एहसास है जो आपको इससे बाहर आने के रास्ते भी सुझाती है और आपको और भी ज्यादा परिपक्व बनाती है | आपकी अपनी पीड़ा का एहसास ही दूसरों... Hindi · कोटेशन 1 207 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 11 Mar 2022 · 1 min read प्रेरक संस्मरण कुछ दिनों पहले की बात है | मुझे पिछले दो - तीन दिनों से चक्कर आ रहे थे | मैंने डॉक्टर को दिखाया तो पता चला कि मेरा बी पी... Hindi · संस्मरण 2 2 418 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 8 Mar 2022 · 1 min read समय की रेखा पर . बदलती नारी समय की रेखा पर . बदलती नारी समय की असहजता को , पीछे छोड़ स्वयं को मुखरित , करती नारी समय की रेखा पर , बदलती नारी सामाजिक बेड़ियों को... Hindi · कविता 1 330 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 6 Mar 2022 · 1 min read मैं तेरे चरणों में आकर , खुद को संवार लूं मैं तेरे चरणों में आकर , खुद को संवार लूं मैं तेरे चरणों में आकर , जीवन संवार लूं मैं तेरा शागिर्द, मेरा मालिक है तू तेरे क़दमों में ,... Hindi · गीत 3 2 272 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 6 Mar 2022 · 1 min read लक्ष्मी जी घर आना , हमारे घर आना - भजन लक्ष्मी जी घर आना , हमारे घर आना माँ शारदे को भी लाना , हमारे घर आना लक्ष्मी जी घर आना , हमारे घर आना माँ सरस्वती जी को भी... Hindi · गीत 2 2 382 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 2 Mar 2022 · 3 min read चुलबुल चानी - कहानी एक जंगल था जिसमे सभी प्रकार के जीव - जंतु साथ मिलकर रहा करते थे | उस सबका एक दूसरे से कोई बैर नहीं था | सब एक दूसरे के... Hindi · कहानी 1 562 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 1 Mar 2022 · 2 min read अब पछताए होत क्या - बाल कहानी एक बार की बात है | एक जंगल में , एक बिल्ली और चूहा रहा करते थे | वे बहुत ही पक्के मित्र थे | सुबह से लेकर शाम तक... Hindi · कहानी 2 2 349 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 25 Feb 2022 · 1 min read मेरे परम पूज्य परमेश्वर हो आप मेरे परम पूज्य परमेश्वर हो आप कहीं साकार तो कहीं निराकार हो आप हमारी साँसों की हर एक डोर का आधार हो आप कोई कहे अल्लाह तो किसी के लिए... Hindi · कविता 1 406 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 25 Feb 2022 · 1 min read सौ पंखुरियों के कमल हैं कान्हा सौ पंखुरियों के कमल हैं कान्हा युगांत के एकाकी नायक हैं कान्हा धर्म स्थापना के अवतार हैं कान्हा संस्कृति के आधार हैं कान्हा संस्कारों की उत्तम परिभाषा हैं कान्हा मोक्ष... Hindi · कविता 1 243 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 25 Feb 2022 · 1 min read पैसा - पैसा करता है क्यूं पैसा - पैसा करता है क्यूं पैसे पर तू, मरता है क्यूं पैसा आनी - जानी माया पैसे के हित, गिरता है क्यूं पैसे से नहीं , मिलती शोहरत पैसे... Hindi · गीत 1 684 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 17 Feb 2022 · 2 min read काश वो पत्थर काश वो पत्थर............... वर्ष 1991 की बात है | यह सत्य घटना जबलपुर की है जिसे मध्य प्रदेश की संस्कारधानी के रूप में भी जाना जाता है | मैं बच्चों... Hindi · संस्मरण 6 10 663 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 15 Feb 2022 · 1 min read केंद्रीय विद्यालय - गीत 2 केंद्रीय विद्यालय केंद्रीय विद्यालय शिक्षा के उपवन सजाये , केंद्रीय विद्यालय बच्चों में संस्कार जगाये , केंद्रीय विद्यालय केंद्रीय विद्यालय , केंद्रीय विद्यालय केंद्रीय विद्यालय , केंद्रीय विद्यालय स्वच्छ भारत... Hindi · गीत 3 6 847 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 15 Feb 2022 · 1 min read केंद्रीय विद्यालय - गीत 1 केंद्रीय विद्यालय केंद्रीय विद्यालय केंद्रीय विद्यालय केंद्रीय विद्यालय शिक्षा का प्रसार करे, केंद्रीय विद्यालय संस्कारों का विस्तार करे , केंद्रीय विद्यालय केंद्रीय विद्यालय केंद्रीय विद्यालय , केंद्रीय विद्यालय केंद्रीय विद्यालय... Hindi · गीत 3 4 714 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 Feb 2022 · 1 min read क्यों हो रही , बेवक्त की बारिश झमाझम क्यों हो रही , बेवक्त की बारिश झमाझम समझ नहीं आ रहो है , समझ नहीं आ रहो है जनता हो रही हलाकान , समझ नहीं आ रहो है किसान... Hindi · गीत 1 240 Share Previous Page 7 Next